samajwadi party got sanjivani from mainpuri now akhilesh yadav shivpal yadav will start to straighten party चाचा शिवपाल को जल्‍द रिटर्न गिफ्ट देंगे अखिलेश, उपचुनाव से संजीवनी के बाद UP में सपा का नया मिशन शुरू , Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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चाचा शिवपाल को जल्‍द रिटर्न गिफ्ट देंगे अखिलेश, उपचुनाव से संजीवनी के बाद UP में सपा का नया मिशन शुरू

मायूसी के दौर में सपा को मिला जीत का यह ‘बूस्टर डोज’ उसके कार्यकर्ताओं को फिर यूपी के मैदान में एकजुट होकर जूझने की ताकत दे सकता है। अखिलेश ने नए सिरे से पार्टी को मजबूत करने की तैयारी के संकेत दिए।

Ajay Singh अजित खरे, लखनऊFri, 9 Dec 2022 07:48 AM
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चाचा शिवपाल को जल्‍द रिटर्न गिफ्ट देंगे अखिलेश, उपचुनाव से संजीवनी के बाद UP में सपा का नया मिशन शुरू

Samajwadi Party In UP: मैनपुरी की जीत केवल डिंपल यादव की विशाल बहुमत से जीत भर नहीं है। इस नतीजे ने चाचा-भतीजे को फिर से पूरी तरह मिला दिया। अखिलेश यादव जल्‍द ही चाचा शिवपाल काे रिटर्न गिफ्ट दे सकते हैं। चाचा के साथ से ही उन्‍होंने भाजपा की चुनौतियों और अपनों की मायूसी के दौर में मैनपुरी का अपने पिता द्वारा तैयार ‘किला’ शानदार बहुमत से बचा लिया। यह उनकी पार्टी के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं हैं। मायूसी के दौर में सपा को मिला जीत का यह ‘बूस्टर डोज’ उसके कार्यकर्ताओं को फिर यूपी के मैदान में एकजुट होकर जूझने की ताकत दे सकता है। अखिलेश ने चाचा शिवपाल की एंट्री के साथ ही मिशन-2024 के लिए पार्टी को ग्राउंड लेवल पर नए सिरे से मजबूत करने की तैयारी के संकेत भी दिए हैं।

मैनपुरी की जीत के बाद प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में अखिलेश यादव ने कहा कि चाचा शिवपाल की पार्टी में बड़ी भूमिका होगी। उनके साथ में आने से अब समाजवादी आंदोलन को और मजबूती मिलेगी। बताया जा रहा है वह शिवपाल को सदन में नेता प्रतिपक्ष का जिम्‍मा सौंप सकते हैं।  यह पद अभी अखिलेश यादव खुद संभाले हुए हैं। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव अब कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। डिंपल यादव मैनपुरी से पहली महिला सांसद बनीं हैं। वह स्वाभाविक तौर पर मैनपुरी में फिर लड़ेंगी। ऐसे में सपा विधानसभा में शिवपाल यादव को यह जिम्मेदारी सौंप सकती हैं। शिवपाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पहले भी रह चुके हैं।

24 की जंग में अखिलेश-शिवपाल-जयंत एक साथ ठोकेंगे ताल

निश्चित तौर पर रालोद ने खतौली की सीट भाजपा से छीन कर सपा के साथ अपने गठजोड़ को और मजबूती भी दे दी। अब 2024 की जंग के मैदान में अखिलेश, शिवपाल और जयंत मजबूती से ताल ठोकेंगे। इस नतीजे ने मुलायम की विरासत पर अखिलेश के एकमात्र उत्तराधिकारी होने पर मुहर लगाई। साथ ही शिवपाल-अखिलेश दोनों ने नतीजों के संदेश को समझने में तनिक देर नहीं लगाई और चाचा शिवपाल ने अपनी पार्टी प्रसपा का सपा में विलय करते हुए सपा का झंडा थाम लिया।

मैनपुरी की जीत इस मायने में अहम हैं क्योंकि इसी साल सपा को लोकसभा आजमगढ़ और रामपुर जैसे अपने मजबूत गढ़ में करारी हार मिली थी। आजमगढ़ लोकसभा सीट तो खुद अखिलेश यादव के इस्तीफे से खाली हुई थी।

मुलायम के प्यार को सूद समेत लौटाया
सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी और मुलायम की बड़ी बहू डिंपल यादव ने ढाई लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की। मुलायम के भाई, बेटे, बहू सबने चुनाव प्रचार में इस बात पर जोर दिया कि सपा को वोट नेताजी को श्रद्धांजलि होगा। जनता ने कई बार के अपने सांसद मुलायम के चले जाने के बाद उनकी बहू को यह सम्मान सूद समेत वापस किया।

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