रिश्वत नहीं देने पर वृद्ध को मृत घोषित कर दिया
Varanasi News - वाराणसी में एक बुजुर्ग को सरकारी आवास के लिए रिश्वत न देने पर कागजों में मृत घोषित कर दिया गया। इससे उनकी वृद्धावस्था पेंशन भी बंद कर दी गई। कोर्ट के आदेश पर ग्राम विकास अधिकारी और एडीओ समाज कल्याण के...

वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। सरकारी आवास के एवज में रिश्वत नहीं देने पर बुजुर्ग को कागजों में मृत घोषित कराने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इसके बाद बुजुर्ग की वृद्धावस्था पेंशन भी बंद कर दी गई। अब कोर्ट के आदेश पर राजातालाब थाने में चंदापुर के तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी अंजनी सिंह, आराजीलाइन ब्लॉक के तत्कालीन एडीओ समाज कल्याण पर धोखाधड़ी, कूटरचना में मुकदमा दर्ज किया गया है। चंदापुर ग्राम सभा के 70 वर्षीय दुर्गा प्रसाद पांडेय ने बताया कि उनको उत्तर प्रदेश शासन के समाज कल्याण विभाग से वृद्धावस्था पेंशन मिलती थी। उनको प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत सरकारी आवास आवंटित हुआ था।
आवास आवंटन तथा भुगतान के समय तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी अंजनी सिंह थे। आवास आवंटन के नाम पर उन्होंने पहले ही 20 हजार रुपये ले लिये थे। बाद में 10,000 रुपये और मांगने लगे। इसकी शिकायत बुजुर्ग ने उच्चाधिकारियों से की थी। रिश्वत नहीं देने पर ग्राम विकास अधिकारी अंजनी सिंह, एडीओ समाज कल्याण प्रमोद कुमार पटेल ने दुर्भावनावश मिली-भगत एवं छल-कपट से कूटरचित प्रपत्र तैयार करके बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया। उनकी वृद्धावस्था पेंशन भी रुकवा दी गई। पेंशन रुकी तो बैंक पहुंचे, वहां मृत होने की मिली जानकारी बुजुर्ग ने कोर्ट से की गई शिकायत में बताया कि जब वृद्धावस्था पेंशन मिलनी बंद हो गई, तब वह बैंक पहुंचे। पूछताछ में पता चला कि उनकी पेंशन बन्द कर दी गई है। इसके बाद वह समाज कल्याण विभाग पहुंचे तो वहां पता चला कि ग्राम विकास अधिकारी और एडीओ समाज कल्याण ने जांच में उनको मृत पाया। अब वह कागजों में मृत घोषित हैं। इसके बाद उन्होंने विभाग में शिकायत की। उच्चाधिकारियों के पास भी प्रार्थना-पत्र भेजा। जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तब राजातालाब थाना, पुलिस आयुक्त को प्रार्थना-पत्र भेजकर शिकायत की। कहीं से मदद नहीं मिलने पर कोर्ट का सहारा लिया।
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