Kashi Vishwanath Kalash Yatra on Nirjala Ekadashi with Tricolor Flag on June 6 तिरंगे के साथ 6 जून को निकाली जाएगी वार्षिक कलश यात्रा, Varanasi Hindi News - Hindustan
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तिरंगे के साथ 6 जून को निकाली जाएगी वार्षिक कलश यात्रा

Varanasi News - काशी में इस वर्ष निर्जला एकादशी पर श्रीकाशी विश्वनाथ कलश यात्रा 6 जून को तिरंगा के साथ निकाली जाएगी। यात्रा गंगा तट से विश्वनाथ मंदिर के लिए प्रस्थान करेगी। आतंकवाद के विरुद्ध भारत के ऑपरेशन सिंदूर को...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीThu, 5 June 2025 05:46 AM
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तिरंगे के साथ 6 जून को निकाली जाएगी वार्षिक कलश यात्रा

वाराणसी, मुख्य संवाददाता। धर्म नगरी काशी में इस वर्ष निर्जला एकादशी पर श्रीकाशी विश्वनाथ कलश यात्रा 6 जून को तिरंगा के साथ निकाली जाएगी। विभिन्न पवित्र नदियों के जल से पूरित कलश के साथ तिरंगा लेकर आस्थावान गंगा तट से विश्वनाथ मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगे। सुप्रभातम एवं श्रीकाशी मोक्षदायिनी सेवा समिति की ओर से निकाली जाने वाली यात्रा के बारे में यह जानकारी आयोजक मंडल के सदस्य उमाशंकर अग्रवाल, दिलीप सिंह, पवन अग्रवाल, निधिदेव अग्रवाल एवं सुरेश तुलस्यान ने बुधवार को लक्सा रोड स्थित मारवाड़ी समाज भवन में पत्रकारों को दी। आयोजकगण ने बताया कि आतंकवाद के विरुद्ध भारत के ऑपरेशन सिंदूर को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष तिरंगा को भी यात्रा में शामिल किया गया है।

यात्रा का नेतृत्व हमेशा की तरह भगवान गणेश का विशाल विग्रह करेगा। उन्होंने बताया कि 6 जून को सुबह 6 बजे से आस्थावानों की जुटान डॉ. राजेंद्र प्रसाद घाट पर होगी। यहां त्रिवेणी, सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, व्यास के अलावा काशी, हरिद्वार, ऋषिकेश के गंगाजल से पूरित कलशों का पूजन होगा। इसके बाद सुबह 7 बजे कलश यात्रा विश्वनाथ मंदिर के लिए प्रस्थान करेगी। यात्रा गेट नंबर चार से विश्वनाथ धाम में प्रवेश करेगी। उन्होंने बताया कि पीएसी बैंड को भी अबकी पहली बार शामिल किया जा रहा है। इसके अलावा डमरूदल, शंखदल, नंदी पर सवार शिव-पार्वती और भजन मंडली आकर्षण के केंद्र होंगे। अगले वर्ष से शामिल होंगे आदिवासी एक प्रश्न पर उमाशंकर अग्रवाल ने कहा कि यह सत्य है कि जब तक राजकिशोर गुप्त ‘बचानु साव थे, प्रतिवर्ष सोनभद्र के आदिवासियों को उनके पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ कलश यात्रा में आमंत्रित किया करते थे। हम लोगों की पहुंच वहां तक नहीं है इसलिए उनके निधन के बाद से यह क्रम बाधित हो गया है। अगले वर्ष से प्रयास करेंगे कि सोनभद्र के आदिवासियों को पुन: यात्रा से जोड़ा जाए।

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