एलिवेटेड रोड के विरोध में जिलाधिकारी कार्यालय पर किया प्रदर्शन
बस्ती बचाओ आंदोलन ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने प्रस्तावित एलिवेटेड रोड परियोजना का विरोध किया और राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। उन्होंने अवैध घोषित मकानों के लिए मुआवजे,...

बस्ती बचाओ आंदोलन, सीटू, महिला समिति से जुड़े कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान सभी प्रस्तावित एलिवेटेड रोड परियोजना का विरोध किया। मांगों को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया। वक्ताओं ने कहा कि बस्तियों में जिन मकानों को अवैध घोषित किया गया है, उनमें रह रहे लोगों के लिए सरकार मुआवजे का प्रावधान करे और पुनर्वास सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा प्रभावितों को बाजार दर पर मुआवजा देने, बस्तीवासियों को मालिकाना हक देने, चार श्रम संहिताओं, मोटर यान अधिनियम का निर्णय वापस लेने, न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये देने, पुरानी पेंशन बहाल करने, महंगाई कम करने के लिए ठोस कदम उठाने समेत अन्य मांगों को प्रमुखता से उठाया।
उन्होंने कहा कि शासन, जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि प्रभावितों के हित में कार्य करें। इस दौरान बारिश भी हुई, लेकिन प्रदर्शन जारी रहा। इस अवसर पर संयोजक अनंत आकाश, सीटू के महामंत्री लेखराज, जनवादी महिला समिति की जिलाध्यक्ष नुरैशा अंसारी, वरिष्ठ समाजसेवी मौहम्मद अल्ताफ, नरेन्द्र सिंह, प्रेमा गढ़िया, विप्लव अनन्त, बिन्दा मिश्रा, राजेन्द्र शर्मा, रविंद्र नौडियाल, हरीश चन्द्र, शबनम, सुरेशी नेगी, यूएन बलूनी, लोकेश, रविंद्र नौडियाल, सुनीता चौहान, सरोज, कलावती, अमित कुमार, दिलीप सिंह, डॉ अनिल कुमार, अश्वनी कुमार, उमा, राजबीर, सुनील कुमार, सहदेव आदि मौजूद रहे। इन्होंने दिया समर्थन आंदोलन को सीटू के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र नेगी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवप्रसाद देवली, किसान सभा के महामंत्री गंगाधर नौटियाल, एसएफआई महामंत्री हिमांशु चौहान, कर्मचारी नेता एसएस नेगी, एलआईयू के महामंत्री शम्भू प्रसाद ममगाई, उत्तराखंड आंदोलनकारी परिषद के संरक्षक नवनीत गुसांई ने प्रदर्शन किया।
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