Construction Delay of Kalsiya Nala Bridge on Nainital Road Due to Forest Land Transfer Issues जंगल के नाम पर रुका पड़ा है शहर का पुल, Haldwani Hindi News - Hindustan
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जंगल के नाम पर रुका पड़ा है शहर का पुल

हल्द्वानी में नैनीताल रोड पर काठगोदाम के कसलिया नाले पर पुल का निर्माण वनभूमि हस्तांतरण में देरी के कारण अटका हुआ है। पुल के लिए टेंडर कई बार जारी किए गए, लेकिन काम शुरू नहीं हो सका। बैली ब्रिज पर...

Newswrap हिन्दुस्तान, हल्द्वानीTue, 25 March 2025 11:51 AM
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जंगल के नाम पर रुका पड़ा है शहर का पुल

हल्द्वानी। नैनीताल रोड में काठगोदाम में कसलिया नाले पर बनने वाले पुल का काम जंगल के नाम पर अटका हुआ है। जिस जगह पर पुल बनना है वहां न तो कोई जंगल है और न ही वनभूमि से संबंधित कोई मामला। इसके बावजूद राष्ट्रीय राजमार्ग खंड कुमाऊं के प्रवेश द्वार में इस पुल को बनाने के लिए वनभूमि ट्रांसफर का इंतजार कर रहा है। विभाग की इस लेटलतीफी का खामियाजा हल्द्वानी से पहाड़ को आने-जाने वाले वाहन चालकों को उठाना पड़ रहा है। वहीं बैली ब्रिज जाम का भी कारण बन रहा है। कलसिया नाले में पुल के लिए 2020-21 से कवायद चल रही है। 2022 में पुल तोड़े जाने के बाद अप्रैल महीने में यहां पर बैली ब्रिज बनाया गया था। स्थाई पुल के लिए एनएच खंड ने करीब छह बार टेंडर किए, जिसमें किसी कंपनी या ठेकेदार के नहीं आने पर पुल को एनएच ने नैनीताल रोड चौड़ीकरण योजना में डाल दिया। मंत्रालय से काठगोदाम से नैनीताल तक टू लेन सड़क के 709 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी भी मिल गई। मगर मामला भूमि हस्तांतरण पर अटक गया। दरअसल विभाग को 50 हेक्टेयर भूमि के बदले में 100 हेक्टेयर भूमि क्षतिपूर्ति के लिए चाहिए। जो दो साल बाद भी नहीं मिल सकी है। मगर उसके चक्कर में शहर में मौजूद काठगोदाम में पुल भी नहीं बन पा रहा है। जबकि यह पुल पुराने पुल की जगह पर बनना है। न तो इसके लिए वन भूमि हस्तांतरण की शर्त आड़े आ रही है और न ही यहां कोई पेड़ काटा जाना है। मगर पुराने पुल की जगह पर नया बनाने में राष्ट्रीय राजमार्ग खंड को अभी भी वनभूमि हस्तांतरण और टेंडर का इंतजार है। जिस कारण वनभूमि की आढ़ में पुल का काम भी विभाग शुरू नहीं कर रहा है।

विभागों की लेटलतीफी से नहीं बन सका पुल

नैनीताल राष्ट्रीय राजमार्ग में कलसिया नाले के ऊपर पुराने पुल के खस्ताहाल होने के कारण अप्रैल 2021 में नया पुल बनाने के लिए टेंडर हुआ था। 24 मीटर लंबी स्टील गार्डर आरसीसी पुल के लिए 2.76 करोड़ रुपये का बजट मंजूर हुआ था। जुलाई 2021 में बॉड भी बना दिया गया था। टेंडर के बाद पुल के नीचे से पुरानी पाइप लाइन और केबल तार हटाने के लिए कई बार विभाग को पत्र भेजे, मगर इनको नहीं हटाया जा सका। जानकारी के अनुसार यूटीलिटी शिफ्टिंग के लिए करीब 22 लाख रुपये का बजट एनएच को जल संस्थान व अन्य विभागों को देना था। मगर विभाग की ओर से रुपये ही नहीं दिए गए। 7 महीने बाद भी पाइप लाइन शिफ्ट नहीं होने पर 2022 में कंपनी ने टेंडर निरस्त करने को कहा। यह मामला तत्कालीन जिलाधिकारी के पास भी पहुंचा। जिसके बाद एनएच ने बजट का भुगतान कर पाइप लाइन और केबल तार तो शिफ्ट करवा दी। नए टेंडर भी हुए लेकिन फिर भी पुल नहीं बनाया जा सका।

बैली ब्रिज टूटने से हो सकता है बड़ा हादसा

काठगोदाम में स्थाई पुल की जगह पर बैली ब्रिज पर तीन साल से ट्रैफिक चलाया जा रहा है। मगर लोहे का यह पुल नट-बोल्ट से ही जुड़ा हुआ है। बीते दिनों एनएच अधिकारियों ने नट बोल्ट चोरी होने की बात कही थी। जिससे पुल के गिरने का भी खतरा बढ़ गया था। ऐसे में अगर कभी तकनीकी कमी से बैली ब्रिज को कोई दिक्कत होती है तो बड़ा हादसा भी हो सकता है। वहीं बैली ब्रिज जाम की भी वजह बन रहा है।

कोट--

काठगोदाम पुल निर्माण नैनीताल रोड चौड़ीकरण परियोजना में शामिल है। जिसकी मंजूरी मिल गई है। वनभूमि हस्तांतरण के लिए क्षतिपूर्ति की जगह का चयन किया जा रहा है। जल्द क्षतिपूर्ति की भूमि मिल जाएगी, जिसके बाद पुल का काम शुरू हो जाएगा।--अनिल पांगती, एसई एनएच खंड

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