क्षतिग्रस्त नहर और गूलों के मरम्मत की मांग
पुरोला गांव के किसानों को इस साल भी सिंचाई की समस्या का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि नहरों की हालत खराब है। वार्ड 2 की सभासद ने मरम्मत की मांग की है। यदि नहरों की मरम्मत नहीं हुई, तो किसानों को पानी...

पुरोला गांव के किसानों को इस साल भी सिंचाई की समस्या का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि गांव की मुख्य नहर और शाखा गूलों की हालत बेहद खराब है। इस समस्या को लेकर वार्ड 2 की सभासद हिमस्वेता असवाल ने विभाग के ईई को पत्र लिखकर तुरंत मरम्मत कार्य शुरू करने की मांग की है। घराट नामे तोक व राटे नामे तोकबक्षेत्र में नहर को पिछले वर्ष आयी आपदा से भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि अप्रैल-मई के महीने में किसान धान की नर्सरियों की सिंचाई और रोपाई का कार्य शुरू करते हैं। यदि नहरों की मरम्मत नहीं हुई, तो इस साल भी सैकड़ों किसानों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ेगा। नहरों के जर्जर होने से हर साल पानी की कमी की समस्या उत्पन्न होती है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। कहा कि यह समस्या कई वर्षों से चली आ रही है, लेकिन अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। अगर अप्रैल तक नहरों की मरम्मत नहीं हुई, तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
स्थानीय निवासी रमेश दत्त, रमेश असवाल, कविन्द्र असवाल,हरिपा लाल,राजेंद्र असवाल आदि लोगों ने मांग है कि सिंचाई विभाग तुरंत नहरों का निरीक्षण करे और मरम्मत कार्य शुरू करे।वहीं अधिशासी अभियंता सिंचाई पन्नी लाल ने कहा है कि सभी नहरों में पानी चलाने को सभी संबंधित कनिष्ठ अभियंताओं को निर्देशित कर दिया गया है ।जबकी अधिक क्षतिग्रस्त नहरों के प्राक्कलन शासन को भेजे गए हैं।
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