भारतीय संस्कृति में पैर छूकर आशीर्वाद लेना आदर का प्रतीक है, लेकिन कुछ लोगों के पैर छूना वर्जित है। जानें कौन हैं ये लोग और क्यों नहीं इनका पैर छूना चाहिए?
पैर छूकर आशीर्वाद लेना
मंदिर में केवल ईश्वर के आगे नतमस्तक होना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार, मंदिर में किसी और के पैर छूना भगवान का अपमान माना जाता है।
मंदिर में चरण स्पर्श
सोया हुआ व्यक्ति जीवित और मृत के बीच की ऊर्जा में होता है। ऐसे में उनके पैर छूना अनुचित है और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हो सकता है।
सोते समय चरण स्पर्श
श्मशान से लौटने वाला व्यक्ति अशुद्ध माना जाता है। उनके पैर छूने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव दोनों पर पड़ सकता है।
श्मशान से आए व्यक्ति के पैर ना छुएं
शास्त्रों में पति को पत्नी का रक्षक माना गया है। कुछ समुदायों में पत्नी के पैर छूना वर्जित है और इस परंपरा का पालन किया जाता है।
पत्नी के पैर छूना
पूजा के समय व्यक्ति ईश्वर से जुड़ा होता है। उनके पैर छूने से पूजा में विघ्न पड़ता है, जो पाप का कारण बन सकता है।
पूजा-पाठ करते व्यक्ति के पैर
भगवान शिव और प्रजापति दक्ष की कथा के आधार पर, भारतीय परंपरा में दामाद को ससुर के पैर छूना वर्जित है।
ससुर के पैर छूना
भगवान कृष्ण और कंस की कथा के आधार पर, भांजे को मामा के पैर छूना गलत माना जाता है।
मामा के पैर छूना
पैर छूना आदर का प्रतीक है, लेकिन इन वर्जित स्थितियों का ध्यान रखें। ये नियम धर्म, दर्शन और सामाजिक मूल्यों पर आधारित हैं।
परंपरा का महत्व
यह जानकारी सिर्फ मान्याताओं, धर्मग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी जानकारी को मानने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।
नोट
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