वैशाख माह के इस खास तिथि पर करें श्रीहरि की पूजा, बढ़ेगी सुख और समृद्धि
हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक, वैशाख का महीना भगवान विष्णु को प्रिय है। इस महीने में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-आराधना का विशेष महत्व है।
भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा
वैशाख महीने में वरुथिनी और मोहिनी एकादशी के साथ भगवान विष्णु को समर्पित कई तीज-त्योहार आते हैं। इस खास महीने में श्रीहरि के चौथे अवतार नृसिंह भगवान की जयंती भी मनाई जाती है।
नृसिंह भगवान की जयंती
कहा जाता है कि अधर्म पर विजय के लिए भगवान विष्णु जी ने वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नृसिंह रूप में अवतार लिया था। इस साल यह तिथि 11 मई दिन रविवार को पड़ेगी।
11 मई को नृसिंह जयंती
नृसिंह जयंती के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से भय से मुक्ति और धन में वृद्धि होती है।
भगवान विष्णु की पूजा
बता दें कि नृसिंह जयंती के खास अवसर पर सुबह स्नान कर साफ कपड़े पहनें। इसके बाद भगवान नरसिंह और माता लक्ष्मी का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें।
भगवान नरसिंह और मां लक्ष्मी की पूजा
नृसिंह भगवान को लाल कपड़े में नारियल लपेट कर चढ़ाएं। इसके बाद मिठाई, फल, केसर, फूल और कुमकुम अर्पित करें।
नृसिंह देव को अर्पित करें
नृसिंह जयंती के दिन नरसिंह स्तोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए। अंत में आरती उतारें और भोग को प्रसाद के रूप वितरित करें।
आरती उतारें
भगवान के सभी अवतारों में नृसिंह अवतार को सबसे ज्यादा उग्र और घातक माना जाता है। प्रभु ने यह अवतार उन्होंने हिरण्यकश्यप के वध के लिए लिया था।
हिरण्यकश्यप का वध
भगवान नृसिंह की पूजा अर्चना से मानसिक और शारीरिक बल मिलता है। भगवान के इस रूप की आराधना करने से व्यक्ति का सारा भय दूर हो जाता है और शत्रुओं का नाश होता है।
शत्रुओं का नाश
यह जानकारी सिर्फ मान्याताओं, धर्मग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी जानकारी को मानने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।
नोट
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