हस्त नक्षत्र में पड़ेगा मई माह का पहला प्रदोष व्रत, जानिए इसका महत्व
प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले प्रदोष व्रत को हस्त नक्षत्र इसे और शुभ बना दे रहा है।
प्रदोष व्रत
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 9 मई 2025 को पड़ेगा। शुक्रवार को होने के कारण इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन हस्त नक्षत्र का संयोग इसे विशेष बनाता है।
हस्त नक्षत्र में प्रदोष व्रत
हस्त नक्षत्र इस प्रदोष व्रत को और शक्तिशाली बनाता है। यह नक्षत्र समृद्धि, बुद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है। इस दिन पूजा करने से कार्यों में सफलता और बाधाओं का नाश होता है।
हस्त नक्षत्र का महत्व
शुक्र प्रदोष व्रत धन, समृद्धि और वैवाहिक सुख के लिए अत्यंत शुभ है। शुक्रवार को पड़ने वाला यह व्रत माता पार्वती और भगवान शिव की संयुक्त पूजा से जीवन में सकारात्मकता लाता है।
शुक्र प्रदोष का महत्व
कहा जाता है कि त्रेता युग में भगवान राम ने रावण पर हस्त नक्षत्र में ही विजय प्राप्त की थी। मान्यता है कि हस्त नक्षत्र में यदि कोई संकल्प किया जाता है, तो वह जरूर पूर्ण हो जाता है।
रावण पर विजय
सुबह स्नान कर व्रत संकल्प लें। शाम को शिवलिंग पर गंगा जल, दूध, और बिल्वपत्र चढ़ाएं। ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें। दीपक जलाएं और शिव चालीसा का पाठ करें।
प्रदोष व्रत की पूजा विधि
प्रदोष व्रत में भगवान शिव और मां पार्वती को को प्रसन्न करने के लिए खीर या हलवा का भोग जरूर लगाएं।
प्रदोष व्रत में भोग
प्रदोष व्रत से दुख-दर्द, बाधाएं और पाप नष्ट होते हैं। यह व्रत धन, स्वास्थ्य और पारिवारिक सुख प्रदान करता है। हस्त नक्षत्र में पूजा से नौकरी और व्यवसाय में उन्नति होती है।
प्रदोष व्रत के लाभ
यह जानकारी सिर्फ मान्याताओं, धर्मग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी जानकारी को मानने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।
नोट
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