Ashadha Amavasya : आषाढ़ अमावस्या कब है? नोट कर लें डेट, पूजा-विधि, उपाय और शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। अमावस्या का दिन महीने में एक बार आता है जब चंद्रमा आकाश में कहीं दिखाई नहीं देता है। हिंदू धर्म के अनुसार यह दिन कई कारणों से बहुत ही शुभ है। अमावस्या तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है।
Ashadha Amavasya 2025 : हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। अमावस्या का दिन महीने में एक बार आता है जब चंद्रमा आकाश में कहीं दिखाई नहीं देता है। हिंदू धर्म के अनुसार यह दिन कई कारणों से बहुत ही शुभ है। अमावस्या तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। हर माह में एक बार अमावस्या तिथि पड़ती है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है। अमावस्या तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व होता है। नदी में स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं।
आषाढ़ अमावस्या डेट- 25 जून, 2025
मुहूर्त-
आषाढ़, कृष्ण अमावस्या प्रारम्भ - 06:59 पी एम, जून 24
आषाढ़, कृष्ण अमावस्या समाप्त - 04:00 पी एम, जून 25
पूजा-विधि:
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इस दिन पवित्र नदी या सरवोर में स्नान करने का महत्व बहुत अधिक होता है। आप घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।
स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
सूर्य देव को अर्घ्य दें।
अगर आप उपवास रख सकते हैं तो इस दिन उपवास भी रखें।
इस दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए।
पितरों के निमित्त तर्पण और दान करें।
इस पावन दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
इस पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है।
इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना भी करें।
उपाय- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अमावस्या के दिन गरीबों को भोजन करना बेहद पुण्यकारी होता है। आषाढ़ अमावस्या के दिन गरीबों को भोजन कराने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन की परेशानियां खत्म होती हैं। इसके अलावा इस दिन चीटियों को शक्कर खिलाने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।