Chaitra Navratri: घटस्थापना के लिए 4 घण्टे 10 मिनट का शुभ मुहूर्त, जानें कैसे करें घट की स्थापना
- Chaitra Navratri Time 2025: हर साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर पूरे नौ दिनों तक चलती है चैत्र नवरात्रि। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का खास महत्व है, जिसे शुभ मुहूत में ही करना चाहिए।

Chaitra Navratri Time 2025: सनातन धर्म में चैत्र नवरात्र का काफी महत्व है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना करते हैं, जिसके दौरान मुहूर्त का खास ख्याल रखा जाता है। 30 मार्च को शुभ योग के साथ नवरात्रि सर्वार्थ सिद्धि योग, बुधादित्य योग, शुक्रादित्य योग, लक्ष्मीनारायण योग में नवरात्रि प्रारंभ होंगे। हर साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर पूरे नौ दिनों तक चलती है चैत्र नवरात्रि। इस बार चैत्र नवरात्र रविवार से 6 अप्रैल तक यानी कि आठ दिनों तक चैत्र नवरात्रि है। इस बार मां दुर्गा का हाथी पर सवार होकर आना बहुत ही शुभ संकेत माना जा रहा है। नवरात्र के पहले दिन इंद्र योग और रेवती नक्षत्र का संयोग भी रहेगा। जानें, घटस्थापना का मुहूर्त, विधि व सामग्री-
घटस्थापना के लिए 4 घण्टे 10 मिनट्स का शुभ मुहूर्त: ज्योतिषाचार्य पंडित गौरव कौशिक के अनुसार, 30 मार्च को सुबह चैत्र शुक्ल प्रतिपदा उदय व्यापिनी है। इसलिए चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू हो रहे है। प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को दोपहर 4:27 बजे प्रारंभ होगी। प्रतिपदा तिथि का समापन 30 मार्च को दोपहर 12:49 बजे होगा। पंचांग अनुसार, घटस्थापना शुभ मुहूर्त सुबह 6:12 बजे से शुरू होगा और सुबह 10:22 बजे समाप्त होगा, जिसकी अवधि 04 घण्टे 10 मिनट्स रहेगी। अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:09 से 12:49 बजे तक रहेगा। अगर किसी कारणवश सुबह के मुहूर्त में घट स्थापना न हो सके तो अभिजित मुहूर्त में यह किया जा सकता है। नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना करने के साथ ही देवी-देवताओं को घर में निमंत्रण दिया जाता है।
जानें कैसे करें घटस्थापना: घटस्थापना के लिए मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालकर उसमें जौ के बीज बोएं। अब एक तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक बनाएं। लोटे के ऊपरी हिस्से में मौली बांधें। अब इस लोटे में पानी भरकर उसमें कुछ बूंदें गंगाजल की मिलाएं। माता दुर्गा को लाल रंग खास पसंद है। मूर्ति स्थापना के लिए लाल रंग का ही आसन खरीदें।
सामग्री: मिट्टी का पात्र, जौ, मिट्टी, जल से भरा हुआ कलश, मौली, इलायची, लौंग, कपूर, रोली, साबुत सुपारी, साबुत चावल, सिक्के, अशोक या आम के पांच पत्ते, नारियल, चुनरी, सिंदूर, फल-फूल, फूलों की माला और शृंगार पिटारी भी चाहिए।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।