787 विमान बनाने में शॉर्टकट अपना रही बोइंग, कूद-कूदकर गैप भर रहे; कर्मचारी ने दी थी चेतावनी
एयर इंडिया की उड़ान AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए रवाना हुई थी, दोपहर 1:38 बजे टेकऑफ के तुरंत बाद मेहगनी नगर के एक रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
गुरुवार को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान था। इस हादसे में विमान में सवार 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई, जबकि एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती किया गया है। यह हादसा बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का पहला घातक हादसा है, जिसने इस विमान के सुरक्षा रिकॉर्ड पर सवाल उठाए हैं। इस बीच, बोइंग के एक व्हिसलब्लोअर की 2024 में दी गई चेतावनी फिर से चर्चा में है, जिसमें उन्होंने इस विमान के निर्माण में खामियों की ओर इशारा किया था।
2024 में इंजीनियर की चेतावनी
इस विमान को लेकर अमेरिकी इंजीनियर और बोइंग कर्मचारी सैम सालेहपौर ने 2024 में ही गंभीर चेतावनी दी थी। उन्होंने अमेरिकी संघीय विमानन प्रशासन (FAA) के सामने एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें 787 ड्रीमलाइनर और 777 मॉडलों के निर्माण में गंभीर संरचनात्मक खामियों का आरोप लगाया गया था। उन्होंने दावा किया था कि बोइंग ने उत्पादन में जल्दबाजी की और फ्यूजलेज (विमान के मुख्य ढांचे) में छोटे-छोटे गैप को ठीक करने में लापरवाही बरती।
सालेहपौर का कहना था कि बोइंग के उत्पादन संयंत्र में ऐसे शॉर्टकट अपनाए जा रहे हैं, जो विमानों की उम्र को छोटा कर सकते हैं और समय के साथ “विनाशकारी” हादसे का कारण बन सकते हैं। उन्होंने विशेष रूप से उन छोटे-छोटे गैप्स की बात की थी, जो विमान के विभिन्न हिस्सों को जोड़ते समय ठीक से नहीं भरे जाते। इससे विमान के ढांचे पर उड़ानों के दौरान अतिरिक्त तनाव आता है, जिससे सुरक्षा पर खतरा मंडरा सकता है।
पहले भी रुकी थी ड्रीमलाइनर की डिलीवरी
गौरतलब है कि 2021 में भी FAA और बोइंग ने 787 ड्रीमलाइनर की डिलीवरी को लगभग दो साल के लिए रोक दिया था ताकि इन्हीं खामियों की जांच की जा सके। तब बोइंग ने दावा किया था कि उसने निर्माण प्रक्रिया को ठीक कर लिया है और विमानों की सुरक्षा में कोई कमी नहीं है। लेकिन सालेहपौर का कहना था कि समस्याएं अब भी बरकरार हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि कुछ हिस्सों को जबरन फिट करने के लिए कर्मचारी उनके ऊपर “कूदते” थे- जिसे उन्होंने पूरी तरह असुरक्षित करार दिया।
सालेहपुर ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा था, “मैंने देखा कि कर्मचारी विमान के हिस्सों को जबरदस्ती जोड़ने के लिए उन पर कूद रहे थे। इस तरह विमान नहीं बनाए जाते।” इसके अलावा, एक अन्य व्हिसलब्लोअर, जॉन बार्नेट, जो बोइंग के साउथ कैरोलिना प्लांट में क्वालिटी इंस्पेक्टर थे, उन्होंने भी 2021 में सुरक्षा चिंताओं को उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि बोइंग ने घटिया पुर्जों का इस्तेमाल किया और निरीक्षण में गड़बड़ियां कीं। बार्नेट की मार्च 2024 में रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी, जिसके बाद उनकी शिकायतें और चर्चा में आईं।
पहले भी उठ चुके हैं सवाल
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर पहले भी विवादों में रहा है। 2013 में, लिथियम-आयन बैटरी में आग लगने की घटनाओं के बाद पूरी ड्रीमलाइनर फ्लीट को तीन महीने के लिए ग्राउंडेड करना पड़ा था। 2021 से 2022 तक, फ्यूजलेज में गैप और क्वालिटी कंट्रोल की समस्याओं के कारण ड्रीमलाइनर की डिलीवरी को लगभग दो साल के लिए रोक दिया गया था। बोइंग ने दावा किया था कि उन्होंने इन समस्याओं को ठीक कर लिया है, लेकिन सालेहपुर का कहना था कि ये मुद्दे अभी भी बने हुए हैं।
बोइंग और FAA की प्रतिक्रिया
बोइंग ने सालेहपौर के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि “787 की संरचनात्मक मजबूती को लेकर लगाए गए ये आरोप तथ्यात्मक रूप से गलत हैं और कंपनी द्वारा सुरक्षा के लिए की गई व्यापक कोशिशों को नहीं दर्शाते।” हादसे के बाद बोइंग कमर्शियल एयरप्लेन डिवीजन ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम एयर इंडिया के संपर्क में हैं और हर संभव सहयोग के लिए तैयार हैं। हमारी संवेदनाएं यात्रियों, क्रू, राहतकर्मियों और सभी प्रभावितों के साथ हैं।”
FAA और NTSB भी सक्रिय
अमेरिकी FAA ने कहा है कि वह अमेरिका की राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) के संपर्क में है और भारतीय जांच एजेंसियों को तकनीकी सहयोग देने के लिए तैयार है। FAA ने बयान में कहा, “जब कोई अंतरराष्ट्रीय घटना होती है, तो उस देश की सरकार जांच का नेतृत्व करती है। अमेरिका की ओर से यदि मदद मांगी जाती है, तो NTSB प्रतिनिधित्व करता है और FAA तकनीकी सहयोग देता है। हम जांच टीम को तुरंत रवाना करने के लिए तैयार हैं।”
जांच की निगाहें अब बोइंग 787 पर
जैसे-जैसे हादसे की जांच आगे बढ़ेगी, सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सचमुच सालेहपौर की चेतावनियों को नजरअंदाज किया गया था? क्या 787 ड्रीमलाइनर की संरचनात्मक कमजोरियां इस भयावह हादसे की वजह बनीं? इन सवालों का जवाब जांच एजेंसियों को ढूंढना होगा- ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी को टाला जा सके।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।