Increase in Viral Infections Amid Heatwave in Basti Hospitals मौसम के उतार-चढ़ाव से बढ़ गए फीवर व खांसी के रोगी, Basti Hindi News - Hindustan
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मौसम के उतार-चढ़ाव से बढ़ गए फीवर व खांसी के रोगी

Basti News - फोटो 13 बीएसटी 16, रोडवेज परिसर में सन्नाटा मौसम के उतार-चढ़ाव से बढ़ गए फीवर व खांसी के रोगी

Newswrap हिन्दुस्तान, बस्तीSat, 14 June 2025 03:17 AM
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मौसम के उतार-चढ़ाव से बढ़ गए फीवर व खांसी के रोगी

बस्ती, हिटी। मौसम में आए उतार-चढ़ाव के बीच जिला अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में वॉयरल इंफेक्शन वाले रोगियों की संख्या बढ़ गई है। बारिश के बाद भी तपिश कम नहीं हुई। इससे लोग डायरिया, पेट दर्द और सर्दी-जुकाम व खांसी से पीड़ित होकर अस्पताल पहुंच रहे। वहीं, वार्ड में भर्ती ज्यादातर मरीज अपने घर से पंखा मंगवा रहे। चूंकि, अस्पताल के पंखे सिर्फ दिखावा बने हुए हैं। जिला अस्पताल के महिला वार्ड, मेडिकल वार्ड, इमरजेंसी और अन्य वार्ड में घर से लोग पंखा लाकर गर्मी से निजात पाने की कोशिश में हैं। चिल्ड्रेन वार्ड में भी यही हाल है। भर्ती बच्चों को गर्मी से बचाव को तीमारदार खुद हाथ का पंखा लिए सहारा बने हुए हैं।

पीआईसीयू में कुछ हद तक राहत है, चूंकि यहां ऐसी है। चिल्ड्रेन वार्ड में भर्ती बच्चे गर्मी से उबल रहे। ज्यादातर बच्चे डायरिया की चपेट में हैं। कई बच्चे हाईग्रेड फीवर से पीड़ित दिखे। तीमारदारों ने बताया कि बच्चे गर्मी से परेशान हैं। व्यवस्थाएं फेल हैं। मेडिकल वार्ड में गले में खराश, बुखार और पेट दर्द के रोगी भर्ती हैं। एसआईसी जिला अस्पताल डॉ. खालिद रिजवान अहमद का कहना है कि वार्डो में पर्याप्त पंखे लगे हैं। कूलर भी है। हीटवेव के लिए अगल से वार्ड बनाया गया है। यही हाल जिला महिला अस्पताल में भर्ती मरीजों का है। वार्ड में पंखे खराब या फिर बंद हैं। ऐसे में मरीज अपने घर से पंखा-कूलर ला रहे और गर्मी से बचाव कर रहे हैं। बैठने तक की सुविधा नहीं है, इससे लोग फर्श पर बैठे और लेट कर समय व्यतीत कर रहे हैं। सीएमएस महिला अस्पताल डॉ. अनिल कुमार का कहना है पंखे और कूलर पर्याप्त हैं। सुबह भीड़, दिन में पसर जाता है रोडवेज में सन्नाटा भीषण गर्मी से जनजीवन ही नहीं यात्री भी बेहाल हैं। सुबह जहां रोडवेज में भीड़ दिखती है वहीं दोपहर में सन्नाटा पसरा रहता है। अधिकांश बसें यात्री अभाव में खड़ी रह जाती हैं। वहीं जो बसें दोपहर में आती हैं, उससे उतरने वाले यात्री खुद को बचाव के लिए कपड़े से मुंह व सिर ढके रहते हैं। एआरएम रोडवेज आयुष भटनागर ने बताया कि गर्मी के कारण दोपहर में यात्री कम निकल रहे। इससे बसें खड़ी रह जाती हैं।

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