Krishnapingal Sankashti Chaturthi Vrat 2025 date and time of Pooja Muhurat Vidhi on 14 June क्या 14 जून को रखा जाएगा कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत, जानें डेट व पूजा का मुहूर्त, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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क्या 14 जून को रखा जाएगा कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत, जानें डेट व पूजा का मुहूर्त

Krishnapingal Sankashti Chaturthi Vrat 2025: जून की संकष्टी चतुर्थी को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाएगा। इस दिन माताएं इस व्रत को संतान की प्राप्ति और संतान की लंबी उम्र के लिए रखती हैं।

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 11 June 2025 07:41 PM
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क्या 14 जून को रखा जाएगा कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत, जानें डेट व पूजा का मुहूर्त

Krishnapingal Sankashti Chaturthi Vrat 2025 : आषाढ़ मास की संकष्टी चौथ का व्रत शनिवार को रखा जाएगा। आषाढ़ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन संकष्टी चतुर्थी पड़ रही है। जून महीने की इस संकष्टी चतुर्थी को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाएगा। इस दिन भगवान श्री गणेश और चंद्रमा की पूजा अर्चना की जाती है। माताएं इस व्रत को संतान की प्राप्ति और संतान की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। आइए जानते हैं कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि, चंद्रोदय समय और व्रत पारण का तरीका-

क्या 14 जून को रखा जाएगा कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी व्रत: पंचांग के अनुसार, कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी का व्रत 14 जून, 2025 को रखा जाएगा।

चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - जून 14, 2025 को 03:46 पी एम

चतुर्थी तिथि समाप्त - जून 15, 2025 को 03:51 पी एम

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पूजा-विधि

1- भगवान गणेश जी का जलाभिषेक करें

2- गणेश भगवान को पुष्प, फल चढ़ाएं और पीला चंदन लगाएं

3- तिल के लड्डू या मोदक का भोग लगाएं

4- कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी की कथा का पाठ करें

5- ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें

6- पूरी श्रद्धा के साथ गणेश जी की आरती करें

7- चंद्रमा के दर्शन करें और अर्घ्य दें

8- व्रत का पारण करें

9- क्षमा प्रार्थना करें

व्रत का पारण कैसे करें: कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के व्रत का पारण करने के अगले दिन भी केवल सात्विक भोजन या फलाहार ही ग्रहण करें और तामसिक भोजन से परहेज करें। कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी में व्रत खोलने के लिए चंद्रमा दर्शन और पूजन को जरूरी माना गया है। इस व्रत को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पूर्ण माना जाता है। चंद्रोदय के बाद अपनी सुविधा के अनुसार अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें और अपनी मनोकामना के लिए पूजा अर्चना करें।

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चांद निकलने का समय: 14 जून को रात 10 बजकर 07 मिनट पर चंद्रोदय होगा। हालांकि, अलग-अलग शहरों में चांद निकलने के समय में थोड़ा अंतर हो सकता है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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