निर्जला एकादशी आज, जानें पूजन मुहूर्त, विधि, महत्व, व्रत का फल व पारण टाइमिंग
Nirjala Ekadashi 2025 Significance: भगवान विष्णु को समर्पित निर्जला एकादशी व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। जानें निर्जला एकादशी व्रत का महत्व, पूजन मुहूर्त, व्रत विधि व व्रत पारण का समय-

Nirjala Ekadashi 2025 Muhurat: निर्जला एकादशी हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में आती है। इस साल निर्जला एकादशी व्रत 06 जून 2025, शुक्रवार को है। एकादशी व्रत जगत के पालन हार भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा का विधान है। जैसा कि नाम से स्पष्ट है निर्जला एकादशी व्रत बिना अन्न व जल के किया जाता है। निर्जला एकादशी व्रत कठिन व्रतों में से एक है। मान्यता है कि निर्जला एकादशी व्रत करने से सभी 24 एकादशी व्रतों का फल मिलता है। इस साल निर्जला एकादशी पर रवि योग का शुभ संयोग बन रहा है। जानें निर्जला एकादशी पूजन मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व व व्रत पारण का समय-
निर्जला एकादशी पूजन मुहूर्त- निर्जला एकादशी पर पूजन का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:02 बजे से सुबह 04:42 बजे तक रहेगा। रवि योग सुबह 05 बजकर 23 मिनट से सुबह 06 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।
निर्जला एकादशी व्रत विधि: निर्जला एकादशी पर सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा स्थल को साफ करें। व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। श्री हरि को पुष्प, फल, तुलसी दल व अक्षत आदि अर्पित करें। भगवान विष्णु की आरती करें और उन्हें भोग लगाएं।
निर्जला एकादशी व्रत का फल: निर्जला एकादशी व्रत से सभी एकादशी का फल प्राप्त होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु की कृपा पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
निर्जला एकादशी व्रत पारण का समय: निर्जला एकादशी व्रत का पारण 07 जून 2025 को किया जाएगा। व्रत पारण का मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 44 मिनट से शाम 04 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय सुबह 11 बजकर 25 मिनट है।