nirjala ekadashi me paran me kya khana chahiye what to eat to break nirjala ekadashi fast 2025 Nirjala Ekadashi Paran: निर्जला एकादशी व्रत का पारण क्या खाकर करना चाहिए? जानें पंडित जी से, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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Nirjala Ekadashi Paran: निर्जला एकादशी व्रत का पारण क्या खाकर करना चाहिए? जानें पंडित जी से

Nirjala ekadashi me parana me kya khana chahiye: एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि के भीतर करना चाहिए। जानें एकादशी व्रत का पारण क्या खाकर करना चाहिए।

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तानFri, 6 June 2025 04:38 PM
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Nirjala Ekadashi Paran: निर्जला एकादशी व्रत का पारण क्या खाकर करना चाहिए? जानें पंडित जी से

What to eat to break nirjala ekadashi fast: हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। निर्जला एकादशी व्रत 06 जून 2025, शुक्रवार को है और व्रत का पारण 07 जून, शनिवार को किया जाएगा। निर्जला एकादशी व्रत हिंदू धर्म के कठिन व्रतों में से एक है। इस व्रत में अन्न व जल ग्रहण करने की मनाही होती है। एकादशी व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, निर्जला एकादशी व्रत का पारण हमेशा सात्विक चीजों को खाकर ही करना चाहिए। जानें पंडित जी से निर्जला एकादशी व्रत का पारण क्या खाकर करना चाहिए।

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निर्जला एकादशी व्रत का पारण क्या खाकर करें: ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार, एकादशी व्रत तोड़ने के लिए सात्विक भोजन का सेवन किया जाता है। निर्जला एकादशी व्रत का पारण जल ग्रहण करके व तुलसी दल का सेवन करके किया जा सकता है। एकादशी व्रत खोलने के लिए दही, पनीर, घी, शहद या सूखे मेवे का सेवन कर सकते हैं। कई लोग एकादशी व्रत का पारण चावल खाकर करते हैं।

निर्जला एकादशी व्रत पारण का मुहूर्त: एकादशी तिथि 06 जून को सुबह 02 बजकर 15 मिनट पर प्रारंभ होगी और 07 जून को सुबह 04 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी। निर्जला एकादशी व्रत पारण का शुभ मुहूर्त 07 जून को दोपहर 01 बजकर 44 मिनट से शाम 04 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।

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निर्जला एकादशी व्रत का फल: निर्जला एकादशी व्रत को भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, महाभारत के भीम ने भी निर्जला एकादशी का व्रत किया था। मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी 24 एकादशी का फल मिलता है। भगवान विष्णु की कृपा से पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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