Jupiter transit in Aries today: कुंभ के लिए बनेगी अचानक धन लाभ की स्थिति, मीन वाले करें ये उपाय
देव गुरु बृहस्पति वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि 22 अप्रैल 2023 से अपनी राशि मीन से अपने मित्र ग्रह एवं भूमि भवन वाहन के कारक ग्रह मंगल की पहली राशि मेष में प्रवेश करेंगे। जहां पर पहले से ही राहु का गोच

देव गुरु बृहस्पति वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि 22 अप्रैल 2023 से अपनी राशि मीन से अपने मित्र ग्रह एवं भूमि भवन वाहन के कारक ग्रह मंगल की पहली राशि मेष में प्रवेश करेंगे। जहां पर पहले से ही राहु का गोचर हो रहा है। ऐसे में बृहस्पति का यह परिवर्तन गुरु चांडाल योग के साथ में 30 अक्टूबर तक होगा । परिणाम स्वरूप बृहस्पति के शुभ परिणाम में कमी आ जाएगी । कुंभ अथवा मीन लग्न अथवा राशि वालों पर निम्न प्रकार का प्रभाव स्थापित करने वाले हैं :-
कुम्भ :- कुंभ लग्न अथवा राशि वालों के लिए देव गुरु बृहस्पति आय एवं धन भावों के कारक होने के कारण सामान्य फल प्रदायक ग्रह के रूप में माने गए हैं। धन भाव अर्थात द्वितीय भाव से तृतीय भाव अर्थात पराक्रम के भाव में गोचर 22 अप्रैल 2023 को होने जा रहा है। जहां पर पहले से ही राहु का गोचर हो रहा है। ऐसी स्थिति में गुरु चांडाल योग का निर्माण तृतीय भाव अर्थात पराक्रम के भाव पर होगा। कुंभ राशि अथवा लग्न वालों के लिए यह गोचरिय परिवर्तन ज्यादा नकारात्मक फल प्रदायक नहीं होगा। परिणाम स्वरूप पराक्रम में वृद्धि। सामाजिक पद प्रतिष्ठा में वृद्धि । भाग्य का सकारात्मक साथ प्राप्त होगा ।राजनैतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूल पद बना रहेगा। दांपत्य सुख सकारात्मक फल प्रदायक होगा ।साझेदारी के कार्यों को लेकर प्रगति की स्थिति बनेगी ।आय के संसाधनों में सकारात्मक परिवर्तन होगा। अचानक धन लाभ की स्थिति बनेगी। व्यापार क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए व्यापार के क्षेत्र में विस्तार का योग बनेगा ।परंतु राहु से पीड़ित होने के कारण पारिवारिक चिंता की स्थिति बनेगी । पारिवारिक विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। साथ ही साथ धर्म के क्षेत्र में अवरोध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। दांत की एवं गले की समस्या भी तनाव उत्पन्न कर सकता है। इसमें धार्मिक यात्राएं करना तथा मंदिर में पूजा आदि करना लाभदायक होगा।
मीन :- मीन लग्न अथवा राशि वालों के लिए देव गुरु बृहस्पति राज्य अर्थात दशम भाव एवं लग्न अर्थात शरीर भावों के कारक होते हैं । ऐसी स्थिति में सर्वथा शुभ फल प्रदायक ही माने जाते हैं। परंतु 22 अप्रैल से मेष राशि में गोचर आरंभ करेंगे । जहां पर पहले से ही राहु का गोचर हो रहा है। परिणाम स्वरूप गुरु चांडाल योग का निर्माण धन भाव अर्थात कुटुंब के भाव में हो रहा है । ऐसी स्थिति में बृहस्पति का नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न हो सकता है ।स्वास्थ्य की समस्याओं में वृद्धि हो सकती है। परिश्रम में अवरोध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। चोट अथवा ऑपरेशन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। परिश्रम में अवरोध के साथ-साथ सामाजिक पद प्रतिष्ठा में भी अवरोध की स्थिति उत्पन्न होगी। निर्णय लेने की क्षमता में अवरोध की स्थिति उत्पन्न होगी। वाणी की तीव्रता में वृद्धि होगी। पारिवारिक कार्यक्रम में अवरोध उत्पन्न हो सकती है। मनोबल कमजोर हो सकता है । 30 अक्टूबर के बाद राहु का परिवर्तन मीन राशि में हो जाएगा। परिणाम स्वरूप सम्मान में वृद्धि। परिश्रम में वृद्धि। स्वास्थ्य में सुधार की स्थिति उत्पन्न होगी। बृहस्पति की शुभता में वृद्धि के लिए पुखराज रत्न धारण करना तथा राहु के नकारात्मक प्रभाव में कमी के लिए राहु का शांति उपाय करना मूल कुंडली के अनुसार अति आवश्यक हो जाएगा।