Vaishakh Amavasya 2025: वैशाख अमावस्या आज, नोट कर लें पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त से लेकर सबकुछ
Vaishakh Amavasya 2025: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। सनातन धर्म में हर महीने अमावस्या तिथि आती है लेकिन वैशाख माह की अमावस्या तिथि खास मानी गई है। हर माह में एक बार अमावस्या तिथि पड़ती है।
Vaishakh Amavasya 2025: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। सनातन धर्म में हर महीने अमावस्या तिथि आती है लेकिन वैशाख माह की अमावस्या तिथि खास मानी गई है। हर माह में एक बार अमावस्या तिथि पड़ती है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं। अमावस्या तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। अमावस्या तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व होता है। इस पावन दिन नदी में स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण किया जाता है।साल 2025 में वैशाख अमावस्या आज यानी 27 अप्रैल को है। आइए जानते हैं वैशाख अमावस्या पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त...
वैशाख अमावस्या स्नान-दान मुहूर्त- वैशाख अमावस्या पर स्नान-दान का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 17 मिनट से सुबह 05 बजे तक रहेगा। अभिजित मुहूर्त सुबह 11:53 से दोपहर 12:45 तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05:44 से पूरे दिन रहेगा।
पूजा-विधि : प्रात:काल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं और गंगाजल अर्पित करें। वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करें और ॐ नम: शिवाय या ॐ विष्णवे नम: का जाप करें। पीपल को कच्चा दूध, जल, हल्दी और चावल अर्पित करें। अंत में हाथ जोड़कर परिवार की सुख-समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना करें। पूजा में सच्ची श्रद्धा और आस्था रखें। नकारात्मक विचारों से बचें और दूसरों की भलाई का संकल्प लें।
करें ये उपाय-
- पीपल वृक्ष की पूजा, पितृ तर्पण और दान-पुण्य करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ती के साथ ही मानसिक शांति और आत्मिक संतोष भी मिलता है।
- इस दिन भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र जाप करना चाहिए। साथ ही भगवान शिव के अभिषेक से विशेष लाभ मिलती है। ऐसा करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और धन आगमन के मार्ग खुलते हैं।