नाबालिग से दुष्कर्म में 20 वर्ष की सजा
बेतिया में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश ने अभियुक्त को 20 साल की कठोर सजा सुनाई है। घटना 21 मई 2023 को हुई थी। अभियुक्त बृजेश कुमार को फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाया...

बेतिया, विधि संवाददाता। नाबालिग से दुष्कर्म के एक मामले में स्वतंत्र साक्षियों के पक्षद्रोही घोषित होने के बावजूद फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट के आधार पर रेप एंड पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार गुप्ता ने दुष्कर्मी अभियुक्त को 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। वहीं 50 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। साथ ही बिहार पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत पीड़िता को पांच लाख रुपए मुआवजा राशि दिलाने का आदेश किया है। सज़ायाफ्ता लौरिया थाना क्षेत्र के नन्हकार गांव निवासी बृजेश कुमार है। रेप एंड पॉक्सो एक्ट के अनन्य विशेष लोक अभियोजक जयशंकर तिवारी ने बताया कि घटना 21 मई वर्ष 2023 की रात्रि की है।
घटना के दिन अभियुक्त ने एक घर में अकेली सोयी एक नाबालिग लड़की को देख उसके साथ दुष्कर्म कर रहा था। इसी दरम्यान उसकी मां चली आई और उसने अभियुक्त को अपनी लड़की के साथ गलत करते देखा। हल्ला पर पीड़िता के पिता एवं अन्य वहां आए और अभियुक्त को पकड़ लिया। पीड़िता के पिता ने अभियुक्त को पुलिस के हवाले कर उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई। प्राथमिकी दर्ज किए जाने के पश्चात पुलिस ने अभियुक्त तथा पीड़िता के वस्त्र पर लगे ब्लड का जांच फोरेंसिक लेबोरेट्री में कराने को भेजा था। फॉरेंसिक जांच में घटना की प्रमाणिकता को साबित करने के आधार पाए गए थे। हालांकि विचारण के क्रम में अभियोजन द्वारा प्रस्तुत किए गए स्वतंत्र साक्षियों के मुकर जाने पर उन्हें पक्षद्रोही घोषित किया गया था। बावजूद न्यायाधीश ने मेडिकल रिपोर्ट, डॉक्टर की गवाही एवं फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त को पॉक्सो एक्ट की धारा 6 में दोषी पाते हुए सजा सुनाई।
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