Shyam Market Struggles with Basic Amenities Despite Historical Significance मूलभूत सुविधाओं से वंचित है बोसी प्रखंड का प्रमुख श्याम बाजार, Banka Hindi News - Hindustan
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मूलभूत सुविधाओं से वंचित है बोसी प्रखंड का प्रमुख श्याम बाजार

बोले बांकाबोले बांका प्रस्तुति- हरिनारायण सिंह शौचालय, पेयजल, यूरिनल तक की नहीं है व्यवस्था श्याम बाजार पर आश्रित है आसपास की करीब

Newswrap हिन्दुस्तान, बांकाTue, 15 April 2025 04:01 AM
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मूलभूत सुविधाओं से वंचित है बोसी प्रखंड का प्रमुख श्याम बाजार

बौंसी(बांका), निज संवाददाता। बिहार-झारखंड सीमा पर स्थित बौंसी प्रखंड का श्याम बाजार न केवल इस क्षेत्र का प्रमुख व्यापारिक केंद्र है, बल्कि यह एक ऐतिहासिक और पारंपरिक मवेशी हाट के रूप में भी विख्यात है। यह बाजार, जो वर्षों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा है, आज बुनियादी सुविधाओं के गंभीर अभाव से जूझ रहा है। हजारों लोगों की रोजमर्रा की गतिविधियों और जीविका से जुड़ा यह स्थान आज भी विकास की मुख्यधारा से काफी दूर है। श्यामबाजार जिले का एक प्रमुख मवेशी हाट के तौर पर जाना जाता है। श्याम बाजार मुख्य तौर पर ग्रामीण मवेशी हाट एवं अनाज मंडी के तौर पर जाना जाता है। बिहार झारखंड सीमा पर होने की वजह से इस बाजार की अहमियत काफी ज्यादा है। आस पास के लगभग 50 गांव के करीब 1 लाख लोग इस बाजार में प्रतिदिन खरीदारी करने आते हैं। दुसरी तरफ पूरे जिले के लोग अपने मवेषी को बेचने एवं नये मवेशि खरीदने के लिए यहां आते हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश इस बाजार की हालत पिछले सौ सालों में भी नहीं बदल पायी है। ग्रामीण परिवेश सा दिखने वाला श्याम बाजार में लोगो के लिए मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पायी है। एक समय श्याम बाजार में काफी दूर दूर से लोग मवेशी खरीदने आते थे और लोग यहीं पर रात्री में ठहर जाते थे। लेकिन समय के साथ साथ यह सब बदलता गया है। श्याम बाजार मुख्यतः मवेशी हाट और अनाज मंडी के रूप में जाना जाता है। इस बाजार की खासियत यह है कि यह बिहार और झारखंड दोनों राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित है, जिससे यहां दोनों राज्यों के ग्रामीणों का आना-जाना लगा रहता है। आस-पास के लगभग 50 गांवों के लगभग एक लाख लोग प्रतिदिन इस बाजार पर निर्भर हैं। यहां प्रत्येक सप्ताह बड़ी संख्या में मवेशियों की खरीद-बिक्री होती है। खरीदार और विक्रेता सुदूर क्षेत्रों से यहां पहुंचते हैं। इसके अलावा, कपड़ा, किराना, कृषि उपकरण, अनाज, और दैनिक उपयोग की वस्तुओं की खरीदारी के लिए भी बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं। इतिहास गवाह है कि श्याम बाजार कभी दूर-दूर से आने वाले व्यापारियों और किसानों का प्रमुख ठिकाना हुआ करता था। लोग यहां मवेशियों के साथ कई दिनों तक रुकते थे। लेकिन, समय बीतने के साथ न तो बाजार की सूरत बदली और न ही बुनियादी सुविधाओं का विस्तार हुआ। आज भी यह बाजार ग्रामीण परिवेश का ही एक दृश्य प्रस्तुत करता है। न तो यहां कोई स्थायी यात्री शेड है, न शौचालय की सुविधा, न साफ-सफाई का समुचित प्रबंध और न ही पीने के पानी की उचित व्यवस्था। भागलपुर-दुमका नेशनल हाईवे पर स्थित श्याम बाजार का बस स्टैंड कई प्रमुख शहरों से जुड़ाव का केंद्र है। यहां से कोलकाता, रांची, धनबाद, बोकारो, टाटा, दुमका, देवघर, भागलपुर, पूर्णिया सहित कई शहरों के लिए बसें चलती हैं। बावजूद इसके यहां एक भी यात्री शेड की व्यवस्था नहीं है। गर्मी के मौसम में यात्रियों को धूप में घंटों खड़ा रहना पड़ता है। बरसात में भीगने की समस्या और सर्दियों में ठंड से बचने का कोई साधन नहीं होता। महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे विशेष रूप से परेशान होते हैं। स्थानीय दुकानदारों के सामने या पेड़ों की छांव में बसों का इंतजार करना आम बात है। रात के समय तो स्थिति और भी भयावह हो जाती है। बस स्टैंड पर अंधेरा छा जाता है जिससे सुरक्षा की समस्या भी उत्पन्न होती है। यात्रियों और स्थानीय लोगों की लंबे समय से मांग है कि यहां एक पक्का यात्री शेड, प्रकाश की व्यवस्था और बैठने की सुविधा प्रदान की जाए। बाजार क्षेत्र में शौचालय की पूर्णतः अनुपस्थिति से आमजन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पुरुष तो किसी तरह खुले में शौच कर लेते हैं, लेकिन महिलाओं को बहुत सी कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है। महिला यात्रियों के लिए यह स्थिति असहनीय हो जाती है, विशेषकर जब उन्हें घंटों यात्रा करनी हो। कई बार महिलाएं बाजार आने से भी कतराने लगती हैं। ग्रामीण महिलाएं तो जैसे-तैसे प्रबंधन कर लेती हैं, लेकिन शहरों से आने वाली महिलाएं बेहद असहज महसूस करती हैं। स्थानीय निवासियों और दुकानदारों का कहना है कि उन्होंने कई बार पंचायत और प्रशासन से इस मुद्दे को उठाया, लेकिन आज तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है। शौचालयों का निर्माण यहां अति आवश्यक है। श्याम बाजार में पेयजल की समस्या एक और विकराल मुद्दा बन चुकी है। आदर्श मोहल्ला में स्थित पेयजल टंकी पिछले दो महीनों से खराब पड़ी है। दुर्गा मंदिर के समीप स्थापित जलापूर्ति केंद्र बंद पड़ा हुआ है जिससे आदिवासी टोला समेत अन्य मोहल्लों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। लोगों को पीने के लिए दूर-दराज से पानी लाना पड़ता है या बाजार में महंगे दामों पर पानी खरीदना पड़ता है। दूसरी ओर, बस स्टैंड पर भी हैंडपंप खराब पड़ा है। आम यात्रियों के साथ साथ दुकानदारों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। बीडीओ अमित कुमार ने कहा कि श्याम बाजार में बुनियादी सुविधाओं उपलब्ध कराने पर कार्य किया जा रहा है। बस स्टैंड पर शौचालय एवं पेयजल के लिए व्यवस्था की जा रही है। बाजार आने जाने वालों की जल्द ही सारी सुविधा मिलेगी।

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