तेघड़ा में आरओबी निर्माण की स्वीकृति नहीं होने से लोगों में निराशा
तेघड़ा- मुबारकपुर पथ पर गुमटी संख्या 14 पर आरओबी का है मामला संख्या 14 के पास फंसे रेलयात्री। तेघड़ा, निज प्रतिनिधि। तेघड़ा- मुबारकपुर पथ पर गुमटी संख्या 14 पर आरओबी की

तेघड़ा, निज प्रतिनिधि। तेघड़ा- मुबारकपुर पथ पर गुमटी संख्या 14 पर आरओबी की स्वीकृति अब तक नहीं मिलने से स्थानीय लोगों में मायूसी है। तेघड़ा बरौनी रेलखंड पर 7 बी आरओबी का टेंडर स्वीकृति होने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि तेघड़ा स्टेशन के पूर्वी छोड़ पर गुमटी संख्या 14 आरओबी की भी टेंडर जल्द स्वीकृत हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं होने से मायूस ग्रामीणों ने सरकार पर उपेक्षापूर्ण रवैया आपनाने का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि तेघड़ा अनुमंडल मुख्यालय से भगवानपुर, बछवाड़ा व मंसूरचक प्रखंड सहित समस्तीपुर जिले के विभुतिपुर, रोसड़ा आदि स्थानों को जोड़ने वाला तेघड़ा मुबारकपुर पथ काफी महत्वपूर्ण है।
प्रतिदिन पांच हजार लोगों का इस मार्ग से आना जाना होता है। तेघड़ा बाजार से सुदूर देहात का सीधा संपर्क रहने के कारण प्रतिदिन लाखों रुपए का आय-व्यय होता है। पूर्व पार्षद व भाजपा नेत्री शालिनी देवी, डॉ. उग्रनारायण पंडित, विमल अग्रवाल, पप्पू अग्रवाल, सुशील केजरीवाल आदि ने बताया कि सरकार तेघड़ा के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैया अपना रही है। आरओबी के निर्माण से बाजार के लोगों की आमदनी भी बढ़ती तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सामान को लेजाने व लाने में आसानी होती। गौरतलब है कि इसी मार्ग में आरबीएस कॉलेज, तेयाय ओपी सहित कई अन्य स्कूल व कॉलेज स्थापित हैं। ऐसे में आरओबी का निर्माण जल्द होना चाहिए था। लेकिन विभाग की उदासीनता के कारण अब तक टेंडर स्वीकृति नहीं मिली है। चार माह पूर्व आरओबी निर्माण की मिली थी स्वीकृति गौरतलब है कि चार माह पूर्व गुमटी पर आरओबी निर्माण की स्वीकृति मिली थी। इससे लोगों में आवाजाही की सुविधा मिलने की उम्मीद जगी थी। लेकिन टेंडर की स्वीकृति नहीं मिलने पर लोग चिंतित हो गए हैं। तेघड़ा विकास संघर्ष समिति के संयोजक शशिभूषण भारद्वाज ने बताया कि अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उपेक्षापूर्ण रवैया के कारण आरओबी का निर्माण और तेघड़ा मुबारकपुर पथ की चौड़ीकरण का मामला स्वीकृति के बाद अटका हुआ है। सरकार इसे अविलंब स्वीकृत करे और काम प्रारंभ हो।
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