प्लास्टिक कचरों से भर रहा बछवाड़ा प्रखंड कार्यालय परिसर
फोटो नं.11, बछवाड़ा प्रखंड कार्यालय परिसर में जमा प्लास्टिक कचरों का अंबार। हवा चलने पर यहां जमा प्लास्टिक कचरे आसपास के घर- आंगन में बिखर रहे हैं। इस वजह से स्थानीय लोगों को

बछवाड़ा, निज संवाददाता। प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित प्लास्टिक कचरा प्रबंधन इकाई में पिछले कई महीनों से काम ठप पड़ा है। स्वच्छता कर्मियों द्वारा विभिन्न पंचायतों से संग्रह किए गए प्लास्टिक कचरों का यहां अंबार सा लग रहा है। तेज हवा चलने पर यहां जमा प्लास्टिक कचरे आसपास के घर- आंगन में बिखर रहे हैं। इस वजह से स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ पॉलिथीन व सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाए जाने के बावजूद इसका हर जगह आज भी धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। किराना दुकान हो या सब्जी व फल की दुकान हर जगह बेरोकटोक दुकानदारों द्वारा ग्राहकों को पॉलिथीन में सामान दिए जा रहे हैं।
दुकानदारों ने बताया कि ज्यादातर ग्राहक छोटे-मोटे सामानों की खरीदारी के लिए बगैर थैले के ही दुकान पर पहुंचते हैं। पॉलिथीन उत्पादन करने वाली बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां आज भी पतली पन्नी व पॉलिथीन ही गांव से लेकर शहर के दुकानों तक आपूर्ति कर रही है। विकल्प के तौर पर कागज के थैले का अभी बाजारों में प्रचलन जोड़ नहीं पकड़ रहा है। दुकानदारों ने बताया कि लिहाजा ग्राहकों को पॉलिथीन में ही सामान देने की उनकी विवशता है। दुकानदारों ने बताया कि अगर फैक्ट्रियां एकल उपयोग की प्लास्टिक व पॉलिथीन का उत्पादन बंद कर दे तो बाजारों में ये चीज नहीं पहुंच सकेगी और ग्राहकों को थैले में ही सामान लेने की आदत लग सकेगी। सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध के बावजूद पॉलिथीन बेचने या सामान देने वाले लोगों पर प्रशासन की ओर से किसी भी तरह की कोई कार्रवाई अब तक नहीं की जा सकी है। इस वजह से भी पॉलिथीन व एकल उपयोग की प्लास्टिक का इस्तेमाल करने से लोग परहेज नहीं कर रहे हैं। गांव से लेकर शहर तक लगभग सभी दुकानों में एकल उपयोग की प्लास्टिक व पैकेट बंद चीजें बेरोकटोक बिक रही हैं। पंचायत समिति सदस्य सिकंदर कुमार, मुखिया अमरजीत राय, मुखिया प्रतिनिधि प्यारे दास व अन्य कई पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग से हमारा पर्यावरण तेजी से बिगड़ रहा है। खासकर शादी- विवाह में प्लास्टिक के ग्लास व थर्मोकोल के प्लेट, चम्मच, कटोरी, नाश्ता के पैकेट आदि सामग्रियों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है। इससे हर गांव में प्लास्टिक कचरे भरे पड़े हैं। ये कचरे मिट्टी में नहीं घुल रही हैं। पॉलिथीन व सिंगल यूज प्लास्टिक से खेतों की मिट्टी खराब हो रही है। घास चरने के दौरान कई मवेशियां इन कचरों को निगल जाती हैं। इससे मवेशियों की जान पर भी संकट की स्थिति उत्पन्न हो रही है। पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि पर्यावरण को प्लास्टिक प्रदूषण से बचाने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल से हम सबों को बचना चाहिए। पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि प्रखंड कार्यालय परिसर में स्थापित प्लास्टिक कचरा प्रबंधन केंद्र पर पिछले कई महीनों से प्लास्टिक कचरों का निस्तारण नहीं हो रहा है। लिहाजा प्रखंड कार्यालय परिसर में प्लास्टिक कचरों से भर रहा है।
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