सुबह में घना कोहरा और दिन में भीषण गर्मी, पल-पल बदल रहा मौसम का मिजाज
अधिकतम तापमान पहुंचा 43 डिग्री सेल्सियस, गर्मी से लोग बेहाल... मंगलवार की सुबह लोगों को घर के बाहर व नेशनल हाइवे पर घना कोहरा का सामना हुआ। जबकि सोमवार को भीषण

सिंघौल, निज संवाददाता। पिछले 10-12 दिनों में मौसम में इतनी ज्यादा परिवर्तन देखने को मिला है कि यह अबूझ पहेली बनता जा रहा है। मंगलवार की सुबह लोगों को घर के बाहर व नेशनल हाइवे पर घना कोहरा का सामना हुआ। जबकि सोमवार को भीषण गर्मी पड़ रही थी। इससे पहले पिछले सप्ताह कई दिनों तेज हवा के साथ बारिश हुई थी और लोगों को एक बार फिर कंबल ओढ़ना पड़ा था। लेकिन चार दिनों के अंदर ही अधिकतम तापमान 43 डिग्री पहुंच चुका है। आकाश में बादल छाए रहने की वजह से लोग भीषण गर्मी के साथ पसीना से तर बतर हो रहे हैं। मौसम में आ रहे पल पल बदलाव से लोग हैरान हैं। मंगलवार को भी सुबह भीषण कुहासा ने भी लोगों को चकित किया। हालांकि दिन चढ़ते ही एक बार फिर तेज धूप के साथ भीषण गर्मी की स्थिति बनी हुई है। लो वोल्टेज और ब्रेक डाउन से रतजगा कर रहे लोग गर्मी शुरू होते ही बिजली की मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं हो रही है। शहर के ज्यादातर हिस्सों में लो वोल्टेज के कारण पंखा-कूलर चलने के बावजूद गर्मी से राहत नहीं मिल रही है। सोमवार की रात से लेकर मंगलवार की दोपहर बाद तक पोखरिया मोहल्ला व अन्य स्थानों पर बिजली पूरी तरह से गायब रही। ऐसे स्थिति में लोग रतजगा करने को मजबूर हैं। मौसम पूर्वानुमान में उमस भरी गर्मी से निजात नहीं पूसा स्थित मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी मौसम पूर्वानुमान में उत्तर बिहार के जिलों में आसमान साफ रहने के साथ मौसम के शुष्क बने रहने की सम्भावना है। इस अवधि में अधिकतम तापमान में 3-5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है जिसके कारण अधिकतम तापमान 42-43 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है। न्यूनतम तापमान में भी हल्की वृद्धि के साथ 25-27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। सामान्य से अधिक तापमान एवं हवा में नमी के कारण प्रचंड गर्मी की स्थिति बनी रहने की सम्भावना है। पूर्वानुमानित अवधि में अगले दो दिनों तक पछिया हवा उसके बाद पुरबा हवा औसतन 4 से 8 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने की सम्भावना है। 27 अप्रैल को हवा की रफ्तार थोड़ी अधिक रह सकती है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 90 से 95 प्रतिशत तथा दोपहर में 30 से 40 प्रतिशत रहने की संभावना है। किसानों के लिए समसामयिक सुझाव पूर्वानुमानित अवधि में मौसम के शुष्क रहने की संभावना को देखते हुए किसान भाई गेहूं, अरहर एवं मक्का फसल की कटनी एवं दौनी के कार्य को प्राथमिकता दें। गेहूं एवं मक्का के दानों को अच्छी तरह धूप में सूखाने के बाद भंडारण करें। खरपतवार रोग एवं कीट नियंत्रण हेतु परती खेत की ग्रीष्मकालीन जुताई करें। कीट नियंत्रण हेतु बसंतकालीन ईख तथा गरमा फसलों पर कीटनाशक एवं फफूंदनाशक दवाओं का व्यवहार करें। हरा चारा के लिए मक्का, ज्वार, बाजरा तथा लोबिया की बुआई करें। रबी फसल की कटाई के बाद खाली खेतों की गहरी जुताई कर खेत को खुला छोड़ दें ताकि सुर्य की तेज धूप मिट्टी में छिपे किड़ों के अण्डे, प्युपा एवं घास के बीजों को नष्ट कर दें। बसंतकालीन मक्का, पिछात बोयी गई रबी मक्का, प्याज, सब्जियों की फसल एवं चारा फसलों में सिंचाई शाम के समय में करें।
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