बरसात में बीमारी फैला सकता है जहां-तहां फेंका गया कचरा
भभुआ में कचरा प्रबंधन की स्थिति गंभीर है। नगर परिषद अब तक सेनेटरी लैंडफिल के लिए जमीन नहीं ढूंढ पाई है, जिससे शहर में कचरा बिखरा हुआ है। बारिश में यह बीमारी फैला सकता है। लोग सफाई के लिए जागरूकता...

कस्तूरबा चौक से सीवों, सोनहन बाईपास पथ, हवाई अड्डा के पास, सुवरा नहर के उसपार, भगवानपुर-भभुआ पथ में फेंक रहे कूड़ा कूड़ा से निकलनेवाली दुर्गंध से आसपास में रहनेवाले लोगों को होती है परेशानी कचरा प्रबंधन इकाई के लिए नगर परिषद को अब तक नहीं मिल सकी जमीन (पेज चार की बॉटम खबर) भभुआ, कार्यालय संवाददाता। शहर और इसके आसपास में फेंका जा रहा कचरा बरसात में बीमारी फैला सकता है। क्योंकि अभी तक नगर परिषद प्रशासन ने ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन का इंतजाम नहीं किया है। यही कारण है कि सफाई कर्मी शहर से कचरे का उठाव कर उसे कस्तूरबा चौक से सीवों, सोनहन बाईपास पथ, हवाई अड्डा के पास, सुवरा नहर के उसपार, भगवानपुर-भभुआ पथ में फेंक रहे हैं।
अपनी दुकानों के आसपास कचरा नहीं जमा करने के लिए नप के कर्मी जागरूकता अभियान चला रहे हैं। नहीं माननेवालों का चालान भी काट रहे हैं। लेकिन, सेनेटरी लैंडफिल एरिया विकसित करने के लिए जमीन का प्रबंध तक नहीं कर सकी। शहर के सुशील सिंह, अनिल तिवारी, अजय कुमार का कहना है कि अब बरसात शुरू होनेवाली है। ऐसे में इस व्यवस्था में बदलाव लाना जरूरी है, अन्यथा उससे निकलनेवाली दुर्गंध व कीड़े से बीमारी फैल सकती है। इससे बचाव करने के लिए नगर परिषद को ठोस कदम उठाना होगा। नगर परिषद व एनजीओ के कर्मी शहर की सफाई करते हैं। वह भी दो शिफ्ट में। फिर भी शहर पूरी तरह स्वच्छ नहीं दिखता। शहर की गलियों की बात कौन करे, सड़कों व फुटपॉथ पर भी जहां-तहां कचरा पड़ा रह रहा है। अब सवाल यह उठता है कि घरों व प्रतिष्ठानों से निकलने वाला कचरा हम फेंकते कहां हैं? जाहिर सी बात है जहां डस्टबिन होगा उसमें या फिर जहां पहले से कचरा फेंका जाता होगा वहां। अगर वहां तक नहीं पहुंच सकें तो जहां-तहां फेंकते हैं। लेकिन, नगर परिषद ने हर घर में दो बाल्टी उपलब्ध कराई है। एक में गीला व दूसरे में सूखा कचरा इकट्ठा करने के लिए दिया गया है। जब नगर परिषद की कचरा कलेक्शन टीम जाए तो उसे देने के लिए कहा गया है। शहर में स्वच्छता बड़ी चुनौती शहर की स्वच्छता वर्तमान समय में न सिर्फ नगर परिषद बल्कि आमजनों के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। राष्ट्रीय स्तर पर होनेवाले स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर पिछड़ रहा है। हालांकि स्वच्छता सर्वेक्षण में भभुआ शहर बिहार में चार साल पहले तीसरे स्थान पर था। यह आमजनों के सहयोग से ही संभव हुआ है। साफ-सफाई केवल नगर परिषद की ही जिम्मेदारी नहीं है, यह हम नागरिकों की जिम्मेदारी है कि अपने शहर को स्वच्छ रखें। हमें अपनी नजरिया बदलनी होगी। पुरानी आदतों को बदलनी होगी। डंपिंग व सेग्रीगेशन प्वाइंट नगर परिषद ने कचरा को ठिकाना लगाने के लिए दूरसंचार केंद्र के सामने करीब 35-40 डी. भूमि में कूड़ा सेग्रीगेशन प्वाइंट बनाया था। तब सूखे कचरे में से कांच, प्लास्टिक, कागज, गत्ता, धातु आदि पदार्थ अलग-अलग किए जाते थे। गीले कचरे से प्रसंस्करण कम्पोस्ट खाद बनाई जाती है। अब इसे फिर से पुनर्जीवित करने की जरूरत है, ताकि सेनेटरी लैंडफिल विकसित होने तक शहर में कम कचरा जमा हो। हम निभा सकते हैं अच्छी भूमिका शहर के वार्ड 18 निवासी उदय सिंह कहते हैं कि जब शहर हमारा है और हमें यहीं रहना है तो इसे स्वच्छ बनाए रखने में हम अपनी अच्छी भूमिका निभा सकते हैं। लेकिन, वार्ड पार्षद व नप के अफसरों तथा कर्मियों को भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। अगर नगर परिषद व एनजीओ अपने सभी सफाईकर्मियों से दो शिफ्ट में काम ले रही है, तो आमजनों की इसमें भागीदारी हो तो शहर को स्वच्छ बनाए रखना बड़ी बात नहीं है। कोट शहर को स्वच्छ बनाए रखने के लिए नगर परिषद के कर्मी नियमित दो शिफ्ट में कचरे का उठाव कर रहे हैं। सेनेटरी लैंडफिल विकसित करने के लिए जमीन की तलाश की जा रही है। लीज पर लेने व क्रय करने की कोशिश की जा रही है। निविदा प्रकाशित की गई है। विकास तिवारी बबलु, मुख्य पार्षद, नगर परिषद फोटो- 16 जून भभुआ- 4 कैप्शन- शहर के सोनहन बाईपास रोड में गंवई मुहल्ला के पास सोमवार को दिखता डंप किया गया कचरा।
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