एक बिहारी के देहदान से छह गुजरातियों का कल्याण; किसी को किडनी मिली, किसी को लीवर
- भागलपुर के चमक लाल गुजरात में क्रेन चलाने का काम करते थे और 28 मार्च को क्रेन से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

भागलपुर जिले के शिवनारायणपुर के बभनगामा कलगीगंज निवासी चमक लाल ने ब्रेन डेड होने के बाद गुजरात के छह लोगों की जिंदगी बदल दी। किसी को किडनी की जरूरत थी तो किसी को लीवर की। किसी की आंखों को रोशनी का इंतजार था तो किसी को हार्ट की। एक देहदान से छह लोगों की कल्याण हो गया। सूरत में क्रेन चालक की नौकरी करने वाले चमक लाल के परिजनों ने डॉक्टरों द्वारा उनको ब्रेन डेड घोषित करने के बाद अंगदान कर छह लोगों की जिंदगी बदलकर मानव सेवा का काम किया है। चमक लाल की दोनों किडनी, हार्ट, लीवर और दोनों आंखें दान कर दी गईं।
देहदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डोनेट लाइफ के फाउंडर निलेश मंडलेवाला ने बताया कि 28 मार्च को काम करने के दौरान क्रेन से गिरने से चमक लाल गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। उन्हें सूरत में भर्ती कराया गया। 1 अप्रैल को डॉक्टरों ने चमन को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद संस्था के प्रतिनिधि अस्पताल पहुंचे और चमक लाल के परिजनों से संपर्क किया। परिजनों ने फैसला करने के लिए थोड़ा वक्त लिया और 2 अप्रैल की सुबह अंगदान की सहमति दे दी। इसके बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर बॉडी को दो घंटे में सूरत से अहमदाबाद लाया गया। फिर लीवर, हार्ट, किडनी और आंखें दान की गईं।
चमक लाल के तीनों बेटे अभी कर रहे हैं पढ़ाई
निलेश मंडलेवाला ने बताया कि देहदान के बाद चमक लाल के शव को पटना की दधिचि देहदान समिति के विमल जैन ने अहमदाबाद से भागलपुर तक भिजवाने का इंतजाम किया। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था ने निर्णय लिया है कि चमक लाल के बेटों की पढ़ाई में वो मदद करेगी। चमन के बड़े बेटे नीतीश टीएनबी कॉलेज में बीए फर्स्ट इयर, मंझले बेटे संजीव 10वीं और छोटे बेटे जयकांत नौवीं में हैं। संस्था इन सबकी आर्थिक मदद करेगी।