अम्बई पोखर में जमा गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था हो
अम्बई पोखर मोहल्ला में स्थानीय लोग सड़क की खराब स्थिति और पेयजल संकट से परेशान हैं। यहां के अधिकांश महादलित परिवारों को विकास कार्यों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। मोहल्ले में नालों की सफाई और पानी...
नगर निगम क्षेत्र से सटा हुआ है अम्बई पोखर मोहल्ला। इसकी भौगोलिक स्थिति भी कभी-कभी परेशानी का करण बन जाती है। जरलाही-गौराचौकी सड़क के पूरब नगर निगम का वार्ड नम्बर 41 है। सड़क के पश्चिम जगदीशपुर की खीरीबांध पंचायत शुरू हो जाती है। करीब 100 मीटर बाद हबीबपुर नगर पंचायत की सीमा शुरू हो जाती है। अम्बई पोखर मोहल्ला का कुछ हिस्सा खीरीबांध पंचायत और अधिकांश हबीबपुर नगर पंचायत के अन्तर्गत पड़ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मोहल्ले में एक पंचायत और एक नगर पंचायत का हिस्सा पड़ने का असर यहां के विकास कार्यों पर पड़ रहा है। मोहल्ले की समस्या का समाधान करने की बजाए एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोप दी जाती है।
टूटी सड़क और पेयजल संकट का समाधान नहीं होने से स्थानीय लोगों में नाराजगी है। मोहल्ले में अधिकांश महादलित परिवार रहते हैं। कई लोगों के पास रहने के लिए जमीन भी नहीं है। मोहल्ले के सामने की सड़क टूट चुकी है। सड़क चलने लायक भी नहीं है। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि पीने के पानी के संकट के चलते परेशानी हो रही है। पानी खरीदकर लोग प्यास बुझाते हैं। मोहल्ले के सामने अम्बे पोखर है। अम्बई पोखर में आसपास के मोहल्लों का गंदा पानी जमा होता है। गंदा पानी से बदबू निकलने के चलते लोगों को रहने में परेशानी होती है। अधिकारियों से बार-बार शिकायत करने के बावजूद समस्याओं का समाधान नहीं होने से लोगों में नाराजगी है। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि चुनाव के समय नेता आश्वासन तो देते हैं। लेकिन जीतने के बाद आश्वासन को पूरा करना भूल जाते हैं। मोहल्ले के ब्रजेश कुमार कुशवाहा ने बताया कि अम्बई पोखर मोहल्ले में 25 साल पहले सड़क बनी थी। सड़क पूरी तरह टूट चुकी है। आने-जाने के दौरान टोटो और ऑटो दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है। सड़क पर पैदल चलने में भी लोगों को परेशानी होती है। मोहल्ले के नालों का गंदा पानी अम्बे पोखर में जाता है। बदबू के चलते पोखर के आसपास खड़ा होने में लोगों को परेशानी होती है। पोखर के पास खाली जमीन रहने के चलते शाम में मोहल्ले के लोग जमा होते हैं। लेकिन बदबू और मच्छर के चलते बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है। नाला के गंदा पानी की निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए। मोहल्ले में करीब 350 परिवार रहते हैं। प्रशासन की तरफ से एक छोटी टंकी लगायी गयी है। टंकी का पानी सभी घरों में नहीं पहुंचता है। करीब ढाई सौ घरों में पानी नहीं पहुंच पाता है। एक-डेढ़ किमी दूर से लोगों को पानी ढोकर लाना पड़ता है। सड़क पार कर वार्ड 41 से बोरिंग में ढोकर पानी लाना पड़ता है। इससे बच्चों की पढ़ाई भी बाधित होती है। सड़क पार करने के दौरान दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। उमेश दास ने बताया कि टंकी के पानी से घर का काम नहीं चल पाता है। नित्य क्रियाकर्म करने में भी परेशानी होती है। पानी के आने का स्पीड इतना कम रहता है कि दरवाजे पर गड्ढा खोदकर पाइप से पानी लेना पड़ता है। 10-20 मिनट चलते के बाद पानी बंद हो जाता है। पीने के लिए बाजार से पानी खरीदना पड़ता है। नगर पंचायत से सभी घरों में पानी पर्याप्त देने की व्यवस्था करनी चाहिए। मोहल्ले के लोग मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करते हैं। पानी खरीदने में लोगों को आर्थिक परेशानी होती है। मोहल्ले में रोशनी की व्यवस्था नहीं है। इसके चलते रात में लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है। टूटी सड़क के चलते लोग गिरकर घायल हो जाते हैं। हर पोल में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था होनी चाहिए। जनप्रतिनिधि केवल आश्वासन देकर चले जाते हैं। मोहल्ले के गौतम दास ने बताया कि बारिश के समय लोगों की परेशानी और बढ़ जाती है। तालाब का गंदा पानी सड़क पर जमा हो जाता है। लोगों को गंदा पानी होकर गुजरना पड़ता है। बारिश के समय नाला का गंदा पानी भी सड़क पर बहने लगता है। गंदगी के चलते मोहल्ले में बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है। नाला के गंदा पानी की निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए। बासु ने बताया कि महादलित परिवार के पास रहने के लिए जमीन नहीं है। कुछ लोग बिहार सरकार की जमीन में वर्षों से रह रहे हैं। लेकिन अभी तक उसका कागज नहीं मिला है। घर में बारिश का पानी जमा हो जाता है। बरसात के समय चार महीने तक यह परेशानी बनी रहती है। मोहल्ले के गरीब परिवार के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलना चाहिए। चन्नो दास ने बताया कि मोहल्ले की समस्याओं के समाधान के प्रति अधिकारी और जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं हैं। नगर पंचायत में यहां की समस्याओं को लेकर कई बार शिकायत की गयी। इसके बावजूद समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। लोगों को कम-से-कम जरूरत के अनुसार पानी तो मिलना ही चाहिए। सुबह में 10 मिनट पानी चलकर बंद हो जाता है। घर के गंदा पानी की निकासी के लिए नाला की व्यवस्था नहीं है। रंजीर राम ने कहा कि शहरी क्षेत्र में रहने के बावजूद ग्रामीण क्षेत्र की सुविधाएं भी लोगों को नहीं मिल रही हैं। हबीबपुर नगर पंचायत तो बन गयी, लेकिन स्थानीय लोगों की मुख्य समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। मोहल्ले में गंदगी का अंबार लगा रहता है। अधिकारियों को मोहल्ले का निरीक्षण कर यहां की समस्याओं का समाधान करना चाहिए। मोहल्ले में अधिकांश गरीब परिवार रहते हैं। उनके रोजगार की भी व्यवस्था होनी चाहिए। बोले जिम्मेदार अम्बई पोखर मोहल्ले में पानी की समस्या गंभीर है। इसके समाधान का प्रयास किया जा रहा है। विभाग को अम्बई पोखर सहित तीन वार्डों में बोरिंग और बड़ा टंकी लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। बड़ी टंकी लगाने के बाद पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा। अम्बई पोखर में जमा गंदा पानी की निकासी की व्यवस्था की जा रही है। पोखर के सौन्दर्यीकरण की योजना है। तालाब में घाट भी बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना के तहत तालाब के सौन्दर्यीकरण का काम किया जाएगा। बुडको के माध्यम से यह काम कराया जाएगा। टूटी सड़क की मरम्मत करायी जाएगी। घरों से गंदा पानी की निकासी के लिए नालों का निर्माण कराया जाएगा। मो. अरशद इमाम, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत हबीबपुर भागलपुर में कारखाना खुलने से रूकेगा मजदूरों का पलायन अम्बई पोखर महादलित टोला के स्थानीय निवासी चेतन कुमार ने बताया कि करीब 25 साल पहले इस इलाके की सड़क बनी थी। उसके बाद से अभी तक सड़क निर्माण नहीं हुआ है। जिसके कारण सड़क जर्जर हो गई है। इसके चलते लोगों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। रोजगार के लिए कोई व्यवस्था और सुविधा नहीं होने के कारण काफी संख्या में युवाओं को पलायन करना पड़ रहा है। भागलपुर में कारखाना खुलना चाहिए, जिससे यहां के गरीब तबके के लोगों को कमाने के लिए घर से अधिक दूर नहीं जाना पड़े। कोई भी जनप्रतिनिधि और अधिकारी इस क्षेत्र की समस्या को देखने या समाधान के लिए कोई पहल नहीं कर रहे हैं। साफ-सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह से बदहाल है। मंदिर प्रांगण और तालाब में भी गंदगी फैली रहती है। नाला की सफाई नहीं होने के कारण पानी ठीक से नहीं निकल पाता है। अम्बई पोखर मोहल्ले में बच्चों के लिए खुले स्कूल अम्बई पोखर महादलित टोला के निवासी ब्रजेश कुमार कुशवाहा ने बताया कि इस इलाके में कई तरह की समस्याएं हैं। मोहल्ले में बच्चों को पढ़ने के लिए विद्यालय नहीं है। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। मोहल्ले में पंचायत भवन और सामुदायिक भवन भी नहीं है। जिसके कारण गरीब तबके के लोगों को कई तरह की परेशानी होती है। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए मोहल्ले में एक स्कूल खुलना चाहिए। ग्राम पंचायत क्षेत्र की सीमा पर स्थित जो आंगनबाड़ी भवन है, उसकी हालत भी जर्जर अवस्था में है। वहां बच्चों के साथ काम करने वालों पर खतरा बना रहता है। इसे तोड़कर नया निर्माण कराना चाहिए। फिलहाल इस इलाके के लिए कोइरी टोला हबीबपुर में एक विद्यालय है, जहां बच्चे पढ़ने जाते हैं। विद्यालय पोखर के पार होने के कारण बच्चों को लंबी दूरी तय करके जाना पड़ता है। बरसात होने पर जलजमाव से काफी कठिनाई होती है। विकास से वंचित है अम्बई पोखर और आसपास का इलाका पवन कुमार दास ने बताया कि अम्बई पोखर के आसपास दो नगर निकाय और एक पंचायत का क्षेत्र पड़ता है। इसके कारण इस क्षेत्र का विकास बाधित हो रहा है। अम्बई पोखर और महादलित टोला का बड़ा हिस्सा हबीबपुर नगर पंचायत में पड़ता है, जबकि पोखर के पास नाला से पहले का इलाका खीरीबांध पंचायत के वार्ड एक के अंतर्गत आता है। वहीं जरलाही से गौराचौकी सड़क के पूरब का क्षेत्र नगर निगम के वार्ड नंबर 41 के अन्तर्गत आता है। इसके कारण जनप्रतिनिधि अपना काम नहीं कर पाते हैं। बारिश होने पर शहर की मुख्य सड़क से इस इलाके में प्रवेश करने में जर्जर और संकरी सड़क के कारण काफी परेशानी होती है। जिसके समाधान के लिए सरकार और जिला प्रशासन को आपसी समन्वय बनाकर काम करना चाहिए। वे सभी महादलित समाज से हैं। मूलभूत सुविधाओं के साथ सरकारी योजनाओं का मिले लाभ अम्बई पोखर महादलित टोला के निवासी बासु ने बाताया कि वे लोग वर्षों से अम्बई पोखर के किनारे रह रहे हैं। पोखर में मिट्टी गिराने के कारण पानी घरों में प्रवेश कर गया है। बरसात के दिनों में घरों में पानी जमा हो जाता है। परिवार के साथ घर में रहने में परेशानी होती है। इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है। गंदगी और पानी जमने के कारण हमेशा डेंगु का खतरा बना रहता है। मजदूरी करने अधिकांश लोग परिवार का भरण-पोषण करते हैं। पैसे के अभाव में बीमार पड़ने पर इलाज कराने में परेशानी होती है। सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं का यहां के लोगों को लाभ मिलना चाहिए। सूप डलिया बनाकर अपने परिवार का भरण-पोषाण करते हैं, लेकिन सरकार की किसी योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। जलापूर्ति के साथ सड़क और नाला निर्माण व्यवस्था दुरुस्त करनी चाहिए। बरसात के मौसम में बारिश होने पर अम्बई पोखर पूरी तरह से भर जाता है। इसके कारण इसमें जमा गंदा आसपास में फैल जाता है। इससे बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है। सड़क ठीक नहीं होने के कारण मरीज को इलाज के लिए ले जाने में भी परेशानी होती है। कई बार मरीज को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है। कन्हैया दास सड़क और नाला का अविलंब निर्माण होना चाहिए। नाला के पानी की निकासी के साथ सरकार द्वारा चलाई जा रही तमाम योजनाओं का लाभ मोहल्ले के लोगों को मिलना चाहिए। बहुत से लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। शौचालय भी सभी घरों में नहीं है। पप्पू तांती बिजली के पोल पर स्ट्रीट लाईट की व्यवस्था नहीं है। सड़क चलने लायक नहीं है। नाला की सफाई नहीं होने से लोगों को परेशानी होती है। बदबू के चलते बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है। सफाई व्यवस्था के साथ सड़क को दुरुस्त कराया जाना चाहिए। सुभाष रजक नाला पर ढक्कन की व्यवस्था नहीं होने से बच्चे गिरकर घायल हो जाते हैं। बिजली की सुविधा के लिए अम्बई पोखर के समीप अलग से ट्रांसफार्मर लगाया जाना चाहिए। नाला की नियमित सफाई होनी चाहिए, जिससे नाला जाम की समस्या नहीं हो। नन्द किशोर शर्मा नाला जर्जर होने के कारण कचरा जमा हो जाता है। नाला की गंदगी सड़क पर आ जाती है। अम्बई पोखर महादलित टोला में सड़क टूट जाने के कारण लोगों को आवागमन में परेशानी होती है। प्रशासनिक पदाधिकारी या जनप्रतिनिधि द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जाता है। सड़क और नाला निर्माण कराया जाना चाहिए। संतलाल दास अम्बई पोखर के पास मंदिर प्रांगण बारिश और इलाके से बहकर आने वाले पानी से भर जाता है। दुर्गंध और जलजमाव के कारण लोगों को कई तरह की परेशानी होती है। जलजमाव के कारण कचरे से काफी दुगंध निकलता है। नाला की नियमित सफाई होनी चाहिए। अजय शर्मा महिलाओं के लिए सामुदायिक शौचालय की व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण मजबूरी में खुले में शौच जाना पड़ता है। इसके चलते महिलाओं को काफी परेशानी होती है। सड़क टूट जाने से लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है। नाला पर ढक्कन नहीं लगाने से बच्चे गिर जाते हैं। मुखिया देवी कुछ लोगों द्वारा पोखर में मिट्टी डाल दिया गया है। मोहल्ले के लोगों द्वारा विरोध करने पर पोखर भरने की बात कही जाती है। अम्बई पोखर भरने से इस इलाके के लोगों को कई तरह से परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। प्रशासन और नगर पंचायत को अम्बई पोखर को संरक्षित करना चाहिए। रामस्वरूप मंडल मोहल्ले में पानी की टंकी है। लेकिन आबादी अधिक होने के कारण सभी घरों में पानी नहीं पहुंच पाता है। पानी कम मिलने से घरेलू कार्य करने में परेशानी होती है। पानी की अतिरिक्त टंकी की व्यवस्था होनी चाहिए। नाला और सड़क भी ठीक कराना चाहिए। तूरी देवी अम्बई पोखर के आसपास बड़ी आबादी निवास करती है। यहां स्कूल नहीं होने से बच्चों को पढ़ने के लिए दूर जाना पड़ता है। जो बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं, वो पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं। शिक्षा विभाग को इस इलाके में विद्यालय की व्यवस्था करनी चाहिए। सूरज राम अम्बई पोखर के समीप स्थित मंदिर परिसर में चहारदीवारी बनानी चाहिए। जिससे मंदिर परिसर सुरक्षित और व्यवस्थित हो सके। छठ महापर्व में इस इलाके के साथ दूर-दूर से श्रद्धालु अर्घ्य देने के लिए आते हैं। पोखर की सफाई कर इसका सौंदर्यीकरण कराना चाहिए। अर्पणा देवी अम्बई पोखर शिव मंदिर प्रांगण में बारिश और पोखर का गंदा पानी जमा हो जाता है। प्रशासन द्वारा मंदिर परिसर की चहारदीवारी कर जमीन की ढलाई करानी चाहिए। इससे वहां होने वाले जलजमाव की समस्या से राहत मिल सके। इससे श्रद्धालुओं को मंदिर आने -जाने में भी सुविधा होगी। गौतम दास समस्या 1.खीरीबांध ग्राम पंचायत, हबीबपुर नगर पंचायत और नगर निगम वार्ड 41 क्षेत्र के बीच होने से जनप्रतिनिधि समस्याओं का समाधान करने में रुचि नहीं लेते हैं। इसके कारण इलाके का विकास कार्य बाधित हो रहा है। 2.अम्बई पोखर में पंचायत क्षेत्र के साथ नगर निगम क्षेत्र के नाले का पानी जाता है। जिससे पोखर में गंदगी और कूड़े कचरे का अंबार लग गया है। बारिश होने पर आसपास के क्षेत्र में जलजमाव हो जाता है। 3.अम्बई पोखर के समीप बड़ी आबादी रहती है। लेकिन बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल की व्यवस्था नहीं है। बच्चों को काफी दूर पढ़ाई के लिए जाना पड़ता है। दूरी के कारण बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। 4.अम्बई पोखर की ओर जानने वाली सड़क का लंबे समय से निर्माण नहीं किया गया है, जिससे इलाके की महिलाएं, बच्चे और बुजुर्गो को चलने में अधिक कठिनाई होती है। जलापूर्ति व्यवस्था भी ठीक नहीं है। 5.बिजली के पोल पर स्ट्रीट लाइट की सुविधा नहीं होने के कारण इलाके के लोगों को शाम होने के साथ आवागमन में परेशानी होती है। कई बार सड़क टूटी होने के चलते लोग गिरकर घायल हो जाते हैं। सुझाव 1.अम्बई पोखर पर्यावरण और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु छठ महापर्व के लिए आते हैं। मंदिर परिसर की घेराबंदी कर पोखर का सौंदर्यीकरण होना चाहिए। 2.सड़क और ढक्कन समेत नाला निर्माण कर इस इलाके का हर स्तर पर विकास किया जाना चाहिए, जिससे यहां रहले वाली बड़ी आबादी को मूलभूत सुविधा का लाभ मिल सके। 3.वृद्धा और विधवा पेंशन के साथ सरकार की तमाम जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ यहां के लोगों को मिलना चाहिए। मोहल्ले में पंचायत भवन का निर्माण करना चाहिए। 4.अम्बई पोखर और आसपास के गरीब परिवार की महिलाओं के लिए सामुदायिक शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि खुले में शौच की समस्या से मुक्ति मिल सके। 5.बच्चों के शैक्षणिक विकास के लिए अम्बई पोखर महादलित टोला के समीप विद्यालय खुलने के साथ इलाके में बिजली की बेहतर आपूर्ति के लिए अलग से ट्रांसफार्मर लगना चाहिए।
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