पुलिसकर्मियों में बंदूक कौशल बढ़ाएगी बिहार पुलिस
हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव दो नाली बंदूक की जगह आधुनिक हथियार के गुर सीखेंगे 2021 से

हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव भागलपुर, कार्यालय संवाददाता। पुलिस की टीम पर लगातार हो रहे हमले के बाद अब पुलिस मुख्यालय ने पुलिसकर्मियों को आधुनिक हथियार में ट्रेंड करने, हथियार को सही तरीके से तुरंत ऑपरेट करने समेत अन्य बिंदुओं को लेकर हाईटेक प्रशिक्षण देने की योजना की रूपरेखा तैयार की है। पुलिस को प्रशिक्षण देने वाले संस्थान को इस आशय को लेकर दिशा-निर्देश भी निर्गत किए गए हैं। दरअसल, बिहार में अभी कई ऐसे जिले के पुलिसकर्मी हैं, जिन्हें वर्ष 2021 से ही हथियार के प्रशिक्षण नहीं मिले हैं। ऐसे में आधुनिक हथियार चलाने में कई पुलिसकर्मी असहज महसूस करते हैं। मुख्यालय ने महिला और पुरुष दोनों को समान रूप से आधुनिक हथियार को ऑपरेट करने में दक्ष बनाने की योजना तैयार की है।
प्रशिक्षण देने में अनुभवी पुलिसकर्मियों की भी मदद ली जाएगी। हालांकि प्रत्येक जिले के पुलिस लाइन में रखे सैकड़ों आर्म्स गोलियां उगलने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे आर्म्स को भी दोबारा से एक-एक कर जांच पड़ताल करने के साथ ही उनकी सर्विसिंग नियमित की जा रही है। इसकी मॉनिटरिंग प्रत्येक जिला के पुलिस अधीक्षक और पुलिस लाइन के पुलिस उपाधीक्षक द्वारा नियमित रूप से की जा रही है। फिलहाल बिहार में चार जगह पर हथियार से संबंधित प्रशिक्षण पुलिसकर्मियों को दिया जाता है। अब बिहार के 22 जगहों पर पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण के साथ आधुनिक हथियार से संबंधित प्रशिक्षण दिए जाएंगे। महिला-पुरुष पुलिसकर्मी समान रूप से होंगे दक्ष भर्ती के बाद सिपाही और सब इंस्पेक्टरों की सबसे पहले बेसिक ट्रेनिंग होगी। फिर उन्हें दंगा कंट्रोल के लिए स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्हें ट्रैफिक संचालन की ट्रेनिंग, प्रमोशनल कोर्स, साइबर की ट्रेनिंग, फोरेंसिक के साथ ही इंवेस्टिगेशन करने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए सभी एडिशनल ट्रेनिंग सेंटर में नया भवन, ट्रेनिंग के लिए क्लास रूम, बैरक, परेड ग्राउंड, स्पोर्ट्स ग्राउंड, फायरिंग रेंज का विस्तार किया जाएगा। साथ में किचन और कैंटीन भी बनाया जाएगा। महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों को समान रूप से आधुनिक हथियार के संचालन में दक्ष बनाया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान किसी भी तरह की बहानेबाजी नहीं चलेगी। प्रशिक्षण के दौरान क्या सीखा, किस प्वाइंट पर संशय है। इस तरह के तमाम बिंदुओं पर भी ध्यान रखा जाएगा। इन 22 जगहों पर बनाए जाएंगे एडिशनल ट्रेनिंग सेंटर ………………………………………पटना में चार, डेहरी ऑनसोन, बोधगया, डुमरांव, मुजफ्फरपुर, कटिहार, बेगूसराय, जमालपुर, जमुई, भीमनगर सुपौल में दो, दरभंगा, बोधगया में दो, डुमरांव, बेगूसराय, महिला बटालियन सासाराम, बिहार स्वाभिमान सशस्त्र बटालियन बगहा, अश्वारोही दल आरा अभी इन चार जगहों पर होता है पुलिस के लिए आर्म्स का प्रशिक्षण …………………………………………- सब इंस्पेक्टर के लिए बिहार पुलिस अकादमी, राजगीर नालंदा - सिपाही प्रशिक्षण केंद्र नाथनगर, भागलपुर - सिपाही प्रशिक्षण केंद्र सिमुलतला, जमुई - सैन्य पुलिस प्रशिक्षण केंद्र डुमरांव, बक्सर कोट पुलिस को हाइटेक करने के कई काम किए जा रहे हैं। प्रत्येक जिले के पुलिसकर्मी और एसटीएफ को हथियार का प्रशिक्षण दिया जाता है। विशेष तौर पर अन्य जगहों पर भी प्रशिक्षण के लिए जरूरत के हिसाब से भेजा जाता है। - कुंदन कृष्णन, एडीजी, पुलिस मुख्यालय पटना। कोट सीटीएस नाथनगर में आर्म्स का बेसिक प्रशिक्षण दिया जाता है। समय-समय पर सिलेबस को अपडेट किया जाता है। सिलेबस के अनुरूप पढ़ाई करायी जाती है। - रविश कुमार, प्राचार्य, सीटीएस, नाथनगर।
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