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जरूरत का महज 15.35 प्रतिशत खून मिल रहा है दान से

विश्व रक्तदाता दिवस (14 जून) पर विशेष लोगों में रक्तदान करने को लेकर जो तमाम

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरSat, 14 June 2025 02:56 AM
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जरूरत का महज 15.35 प्रतिशत खून मिल रहा है दान से

भागलपुर, वरीय संवाददाता। अपनों के लिए दूसरों का खून बहाने को तैयार रहने वाले लोग अपनों को खून देने के लिए कतरा रहे हैं। ज्यादातर लोग अपनों को खून उपलब्ध कराने के लिए जुगाड़ लगाने से लेकर दलालों तक से खून खरीद रहे हैं। इसका परिणाम यह हो रहा है कि जितने लोग रक्तदान कर रहे हैं, उससे तकरीबन सात गुने लोगों को खून की जरूरत होती है। रक्तदान करने वालों की इतनी कम संख्या है कि साल 2024 में कुल जरूरत के खून की तुलना में महज 15.35 प्रतिशत लोग ही स्वैच्छिक रक्तदान के लिए आगे आए। साल 2022 में कम होने के बाद बढ़ रही रक्तदाताओं की संख्या जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मायागंज अस्पताल) के क्षेत्रीय ब्लड बैंक के आंकड़े बताते हैं कि साल 2021 तक कुल जरूरत की तुलना में 20 प्रतिशत तक खून की आपूर्ति रक्तदान से हो जाती थी, लेकिन इसके बाद जरूरत के हिसाब से रक्तदान करने वालों की संख्या में कमी आई।

साल 2021 में 9757 मरीजों को खून ब्लड बैंक जरिये दिया गया। इनमें से 2116 लोगों ने ही रक्तदान किया था, जो कि कुल जरूरत का 21.78 प्रतिशत था। वहीं साल 2022 में कुल 11118 मरीजों को खून दिया गया। इनमें से कुल 1990 यूनिट खून ही लोगों ने रक्तदान किया, जो कुल जरूरत की तुलना में महज 10.70 प्रतिशत रहा। वहीं साल 2023 में 14623 यूनिट मरीजों को खून दिया गया, इनमें से 1774 यूनिट खून ही रक्तदान के जरिए मिला, जो कुल जरूरत का महज 12.13 प्रतिशत रहा। इसी तरह साल 2024 में 12210 यूनिट खून मरीजों के बीच आपूर्ति की गई। इनमें से 1875 यूनिट खून रक्तदान के जरिए मिला था, जो कुल जरूरत की तुलना का 15.35 प्रतिशत रहा। दलाल के चक्कर में पड़ने के बजाय रक्तदान करें मायागंज अस्पताल के क्षेत्रीय ब्लड बैंक की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. दिव्या सिंह कहती हैं कि जब कोई रक्तदान करता है, तभी उसके द्वारा किये गये रक्तदान से दूसरे मरीज को खून दिया जाता है। ऐसे में खून के लिए जुगाड़ लगाने से लेकर रुपये खर्च करने के बजाय रक्तदान करने के लिए लोगों को आगे आना होगा। लोगों में रक्तदान करने को लेकर तमाम भ्रांतियां हैं, जो गलत है। रक्तदान करने से शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता कम जाने जैसी भ्रांति भी पूरी तरह से गलत है। कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसकी उम्र 18 साल से 65 साल के बीच है, रक्तदान कर सकता है। रक्तदान करने से एचआईवी, हेपेटाइटिस, हिमोग्लोबिन, मलेरिया, डेंगू की नि:शुल्क जांच हो जाती है। वहीं रक्तदान करने से खून पतला होता है, जिससे हृदय रोग होने का खतरा कम होता है। इसके अलावा कैंसर, गठिया जैसे रोग होने की आशंका भी कम हो जाती है।

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