बोले पूर्णिया : सार्वजनिक शौचालय और बस स्टैंड की मुकम्मल व्यवस्था हो
पूर्णिया जिले में कुल आठ नगर पंचायतों की स्थापना की गई है, जिसमें रुपौली नगर पंचायत भी शामिल है। रुपौली की जनसंख्या 29,927 है और इसमें 16 वार्ड हैं। नगर पंचायत बनने के बाद भी बुनियादी सुविधाओं की कमी...
पूर्णिया जिले में कुल आठ नगर पंचायत अलग-अलग प्रखंडों में स्थापित किए गए। इसी में एक नगर पंचायत रुपौली भी है। नगर पंचायत की स्थापना क्षेत्र के विकास के मकसद से की गई। सबसे पहले पूर्णिया में एक नगर पालिका बनी थी जो अंग्रेज के जमाने से स्थापित थी। इसके बाद कसबा और बनमनखी को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया। इसके बाद जब अन्य प्रखंडों में नगर पंचायत बनने लगा तो नगर पंचायत कसबा और बनमनखी को नगर परिषद का दर्जा दिया गया। इसी के साथ ही जिले में आठ नगर पंचायत क्रमशः रुपौली, भवानीपुर, धमदाहा, मीरगंज अमौर, बायसी, चंपानगर और जानकीनगर में हैं। सरकारी निर्देशानुसार इन नगर पंचायत में काम भी शुरू हो गया है। हालांकि अभी सभी नगर पंचायत थोड़ा नया है तो विकास कार्यों को समझ कर आगे बढ़ाया जा रहा है। नगर पंचायत रुपौली क्षेत्र में 16 वार्ड हैं। इसमें 29 हजार से अधिक आबादी है। नगर पंचायत बनने के बाद भी कई वार्डों में जल जमाव की पुरानी समस्या बरकरार है। शुद्ध पेयजल की भी समस्या शुरुआती दौर से बनी हुई है। बोले पूर्णिया संवाद के दौरान स्थानीय लोगों ने अपनी समस्या बताई।
08 नगर पंचायत हैं पूर्णिया जिले में
29 हजार 927 जनसंख्या है नगर पंचायत रुपौली की
16 वार्ड का है नगर पंचायत रुपौली
नगर पंचायत रुपौली के गठन हुए लगभग तीन वर्ष बीत चुके हैं लेकिन नगर पंचायत से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं की अभी भी लोगों को दरकार है। 16 वार्ड के इस नगर पंचायत की जनसंख्या 29 हजार 927 है। विकास के नाम पर काफी कार्य हुए हैं लेकिन अभी भी कुछ जगह यह नजर नहीं आ रहा है। नगर पंचायत के कई वार्डों में सड़क और नाला निर्माण की आवश्यकता है। नगर पंचायत रुपौली में थाना, ब्लॉक और रेफरल अस्पताल होने के कारण काफी संख्या में लोगों की आवाजाही होती है। रुपौली बाजार में सार्वजनिक शौचालय, यूरिनल और शुद्ध पेय जल की सुविधा नहीं रहने से लोगों को परेशानी होती है। बस पड़ाव की मुकम्मल व्यवस्था नहीं रहने से छोटी-बड़ी वाहन एसएच 65 सड़क पर ही खड़ी रहती है। जिससे एक तरफ आमजनों का आवागमन जहां प्रभावित होता है वहीं जाम की भी समस्या उत्पन्न होते रहती है। नगर पंचायत रुपौली कार्यालय में आरटीपीएस काउंटर खुलने का लोगों को बेसब्री से इंतजार है। नगर पंचायत बनने से लोगों को उम्मीद जागी थी कि मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
बस पड़ाव में नहीं है कोई व्यवस्था :
नगर पंचायत रुपौली का रुपौली बस पड़ाव काफी व्यस्त रहता है। यहां से प्रतिदिन काफी संख्या में लोग पूर्णिया, भागलपुर, मधेपुरा, कटिहार और पटना आदि स्थानों के लिए गाड़ियां पकड़ते हैं। लेकिन बस पड़ाव में शुद्ध पेयजल, शौचालय, यात्रियों के बैठने का इंतजाम आदि सुविधा नदारद है। खास कर महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शौचालय और यूरिनल नहीं होने से महिलाओं को काफी लज्जित होना पड़ता है। रेफरल अस्पताल रुपौली में इमरजेंसी और प्रसव की सुविधा बहाल है परंतु रोगी के जरा सा भी सीरियस होने पर तत्काल उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है। रोजगार के समुचित अवसर नहीं होने से अपने जीविकोपार्जन को लेकर मजदूर अन्य राज्यों में जा मजदूरी करने को विवश हैं। नगर पंचायत रुपौली का सबसे बड़ा वार्ड 03 है। लोगों ने बताया कि इसमें तीन गांव क्रमशः गोरिहारी, गोखली टोला और डूब्बा टोला शामिल है। लगभग 1400 वोटर है। ग्रामीणों ने बताया कि अभी तक यहां डस्टबिन नहीं लगाया गया है। वहीं अभी और भी स्ट्रीट लाइट की जरूरत है। गोखली टोला गांव में अशोक कुमार मंडल के घर से गणेशी गणेशी मंडल के घर तक लगभग 550 फीट सड़क निर्माण की आवश्यकता है। लगभग 12 वर्ष पूर्व ये सड़क बनाई गई थी, अब इसमें कहीं कहीं गड्ढा हो गया है। बरसात के दिनों में आवागमन में दिक्कत होती है। वहीं डूब्बा टोला में साफ सफाई की कमी है।
मक्के की सीजन में जाम से त्रस्त हो जाते हैं लोग :
रुपौली के बिरौली बाजार में व्यवसायियों के द्वारा मकई का बहुत बड़े पैमाने पर खरीददारी की जाती है और यहां से देश के विभिन्न भागों में सप्लाई की जाती है। यहां पार्किंग की कोई ठोस व्यवस्था नहीं होने के कारण मक्के के सीजन में रुपौली -कुरसेला एसएच 65 सड़क मंगल चौक से मिल चौक बिरौली के समीप तक मकई लोड गाड़ियां की लंबी कतार लगने से जाम की समस्या उत्पन्न कर देती हैं। लोग आनन फानन में जाम से निकलने के प्रयास में दुर्घटनाग्रस्तत होते-होते बचते हैं। उन दिनों यातायात अव्यवस्थित रहता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि इसके लिए भी मुकम्मल व्यवस्था करने की जरूरत है। दूसरी ओर नगर पंचायत रुपौली का बिरौली बाजार जहां पूर्व में लगभग आधे बाजार में सड़क के किनारे नाला का निर्माण करा दिया गया है परंतु जल निकासी की ठोस व्यवस्था नहीं करने से बाजार वासियों को इस नाला निर्माण का औचित्य समझ से परे लग रहा है। लोगों के कहना है कि नगर पंचायत बनने के बाद अभी तक इस पर कोई ठोस पहल नहीं की जा सकी है।
रुपौली नगर पंचायत में किए गए कार्य:
नगर पंचायत रुपौली के वार्डों में 500 डस्टबिन लगाए गए। 2500 स्ट्रीट लाइटें लगीं। 23 की संख्या में पीसीसी सड़क और वार्ड नं० 12 में आरसीसी नाला का निर्माण किया गया है। तीन जगहों में कार्यालय परिसर, बिरौली बाजार और वार्ड न. 13 में मंडल चौक के समीप हाई मास्ट लाईट लगाई गई है। अंधेरा होते ही एलईडी की दूधिया रोशनी में नगर पंचायत जगमगाने लगती है। वहीं चार कुआं के जीर्णोद्धार के साथ ही सोख्ता का भी निर्माण कराया गया है।
शिकायत :
1. हाई स्कूल रुपौली गेट के समीप मटन और चिकन की बिक्री नहीं होनी चाहिए।
2. नगर पंचायत क्षेत्र के कुछ जगहों पर सफाई की भी है कमी, रहती है गंदगी।
3. बस और ऑटो पड़ाव नहीं होने से अक्सर जाम लग जाता है।
4. खेल मैदान और जिम की व्यवस्था नहीं है। पार्किंग नहीं है।
5. नगर पंचायत रुपौली अंतर्गत रेफरल अस्पताल रुपौली में महिला चिकित्सक की आवश्यकता।
सुझाव:
1. पार्किंग की मुकम्मल व्यवस्था होनी चाहिए।
2. जल निकासी की ठोस व्यवस्था होनी चाहिए।
3. चौराहे पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था जरूरी
4. सार्वजनिक शौचालय और यूरिनल की व्यवस्था हो।
5. नल-जल योजना में सुधार की आवश्यकता है।
हमारी भी सुनें :
1. वार्ड 08 की गली में ढलाई सड़क बना हुआ है। लेकिन जल निकासी की व्यवस्था नहीं हो पाई है। बरसात में काफी परेशानी होती है। बरसात के पहले नाला निर्माण की आवश्यकता है।
प्रवीण कुमार
2. वार्ड 05 में टाइम पर नल से जल नहीं आता है। जिसके कारण लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पाता है। लोगों को लगता है जब नगर पंचायत बन गया तो अब यह सुविधा हर हाल में मिलनी चाहिए।
मनचुन कुमार पासवान
3. डूबा टोला में साफ सफाई का अभाव है। जिसके कारण यह पता नहीं चलता है कि हमारा क्षेत्र नगर पंचायत क्षेत्र है, इससे तो अच्छा ग्राम पंचायत का क्षेत्र था। नगर पंचायत बना तो हमारी आशाएं भी बढ़ी हैं।
धर्मदेव मंडल
4. नगर पंचायत अंतर्गत मध्य विद्यालय मैनी में पीछे से चहारदीवारी की जरूरत है। बिना चाहरदिवारी के सुरक्षा का डर लगा रहता है। कुड़िया टोला मैनी पोखर का सौंदर्यीकरण होना चाहिए।
डॉ राजेश कुमार रंजन
5. डूबा टोला गांव में सड़क की आवश्यकता है। पक्की सड़क के बिना इलाका बेनूर लगता है। सुरक्षा की दृष्टि से विशाल व्यापारिक मंडी बिरौली बाजार में सीसीटीवी कैमरा भी जरूरी है।
दिलीप कुमार मंडल
6. बस पड़ाव की मुकम्मल व्यवस्था हो। जिस की रोड पर जाम ना लगे और लोगों को आवाजाही में और सुविधा न हो। साथ ही सार्वजनिक शौचालय एवं यूरिनल और शुद्ध पेयजल और की भी व्यवस्था हो।
आलोक कुमार
7. रुपौली नगर पंचायत का रौनक बिरौली बाजार है जहां बरसात में जल जमाव बड़ी समस्या बनकर खड़ी हो जाती है। ऐसी स्थिति में जल निकासी की ठोस व्यवस्था होनी चाहिए।
अभिजीत कुमार।
8. वार्ड 03 गोखली टोला में अभी तक डस्टबिन नहीं लगा है। बाजार में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। पंचायत कार्यालय में आरटीपीएस काउंटर हो ताकि जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में कोई परेशानी न हो।
अशोक कुमार मंडल
9. रुपौली नगर पंचायत क्षेत्र में बस पड़ाव के साथ-साथ युवाओं के लिए खेल मैदान की जरूरत है। वहीं गांव में मुख्य सड़क से अंदर जो लोग बसे है उनको सड़क और नाला की जरूरत है।
खुशेंद्र कुमार निराला
10. हाई स्कूल गेट के समीप मटन और चिकन की बिक्री नहीं होनी चाहिए इसे स्थाई जगह पर ले जाया जाय। इससे स्कूली बच्चों के ऊपर मानसिक विकृति का खतरा रहता है।
रतन कुमार यादव
11. अब समय आ गया है कि नगर पंचायत क्षेत्र में बच्चों के लिए जिम की व्यवस्था होनी चाहिए। क्योंकि अब वैसा आंगन दरवाजा नहीं बचा है। इसके साथ ही नगर पंचायत क्षेत्र में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हो।
मो. नाथन
12. गांव में पानी जमने की समस्या का निदान के लिए नाला निर्माण की अत्यंत आवश्यकता है। बरसात के पहले इसकी नितांत आवश्यकता है। नगर पंचायत बनने से पहले ही इसकी जरूरत महसूस की जा रही है।
उदय कुमार गुप्ता।
बोले जिम्मेदार
1. अभी कुछ दिन पहले ही मैने कार्य भार संभाला है। रुपौली बाजार में नाला निर्माण की स्वीकृति हो गई है जल्द ही कार्य प्रारंभ हो जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के तहत लगभग 1000 परिवारों का सर्वे कर जिओ टैग का कार्य किया गया है।
-अमूल्य सिद्धार्थ, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत रुपौली।
2. रुपौली नगर पंचायत बनने के बाद नगर पंचायत क्षेत्र का चहुंमुखी विकास हुआ है। कई सड़कें और नाला का निर्माण हुआ है। इसके अलावा और भी सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। सभी वार्डों में सड़क और नाला निर्माण कार्य हर हाल में करवाया जाएगा। वहीं हाई मास्ट लाइट लगाने का कार्य प्रारंभ है।
-निरंजन मंडल, अध्यक्ष, नगर पंचायत रुपौली
बॉटम स्टोरी :
1934 में क्रांतिकारियों से मिलने रुपौली आये थे महात्मा गांधी
पूर्णिया। सन 1934 में रुपौली के टीकापट्टी में क्रांतिकारियों के आश्रम में पूज्य बापू महात्मा गांधी आए। वे अंग्रेजों से सविनय अवज्ञा आंदोलन का पाठ पढ़ा गए। उनके जाने के बाद टीकापट्टी से लेकर रुपौली तक के जांबाज युवाओं ने महात्मा गांधी के करो या मरो के नारे पर अमल करते हुए सन 1942 के अगस्त महीने में रुपौली मुख्यालय में बड़ी क्रांति की। थानेदार से लेकर थाना की दलाली करने वालों के विरुद्ध आवाज उठाई। अंग्रेजी पुलिस की दमनकारी नीति के आगे उसे समय के क्रांतिकारी युवाओं की परेशानी बढ़ गई तो मरता नहीं क्या करता की तर्ज पर क्रांतिकारियों ने रुपौली थाना में आग लगा दिया था और दरोगा को जला दिया था। कहा जाता है कि 1942 में जब महात्मा गांधी ने करो या मरो का नारा दिया तब पूरा रुपौली इस नारे के साथ लोग अपने प्राणों को देश के लिए न्योछावर करने को तैयार हो गए। 25 अगस्त 1942 को रुपौली में हजारों की संख्या में क्रांतिकारी जमा हो गए। शोशलिस्ट पार्टी से बने रुपौली के प्रथम विधायक मोहित लाल पंडित, पूर्व विधायक आनंदी प्रसाद सिंह, बैजनाथ चौधरी सहित दर्जनों व्यक्ति उस समय के क्रांतिकारियों का नेतृत्व कर रहे थे। क्रांतिकारी थाना पर अपना तिरंगा झंडा फहराने के लिए तत्कालीन थानेदार से अपनी बातों को रखा। लेकिन थानेदार ने नहीं माना। क्रांतिकारी उग्र हो गए। सबने एक साथ थाना पर हमला बोल दिया। प्रखण्ड क्षेत्र के क्रांतिकारियों के जत्थे ने 25 अगस्त 1942 ई. को रुपौली थाना को आग के हवाले करते हुए अंग्रेजी हुकुमत के नौ पुलिस कर्मियों को जिंदा जला देने का दुःसाहस किया था लेकिन यहां के पांच क्रांतिकारी पुलिस की गोली के शिकार हो गए। अमर शहीदों में सुकदेव भगत, पांचू बैठा, जागेश्वर सहनी, बंगाली सुरैया, सूर्यनारायण शेर शामिल थे। इस प्रकार रुपौली ने सिर्फ जिले में ही नहीं बल्कि पूरे देश में कड़क आंदोलन का परचम लहराया और अपनी पहचान कायम की।
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