Lodipur Panchayat Struggles with Urban Drainage Issues Affecting Local Livelihoods बोले भागलपुर : लोदीपुर पंचायत में नल-जल योजना का मिले लाभ, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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बोले भागलपुर : लोदीपुर पंचायत में नल-जल योजना का मिले लाभ

भागलपुर नगर निगम के निकट लोदीपुर पंचायत की स्थिति बेहद खराब है। यहां के ग्रामीणों को शहरी नालों के गंदे पानी से काफी परेशानी हो रही है। जल-नल योजना का लाभ सभी को नहीं मिल रहा, जिससे पेयजल संकट भी बना...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरSun, 18 May 2025 08:00 PM
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बोले भागलपुर : लोदीपुर पंचायत में नल-जल योजना का मिले लाभ

भागलपुर नगर निगम के वार्ड 47 और 48 से सटा लोदीपुर पंचायत यूं तो शहर का हिस्सा बन चुका है। लेकिन सुविधाएं गांव की भी नहीं मिल रही है। शहर से सटे रहने का नुकसान भी पंचायत के लोगों को उठाना पड़ रहा है। शहरी क्षेत्र में नौकरी करने वाले लोग भी किराये पर मकान लेकर लोदीपुर पंचायत के विभिन्न गांवों में रह रहे हैं। शहरी क्षेत्र के नाला के पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं होने का नुकसान पंचायत के लोगों को हो रहा है। लोदीपुर में सड़कों पर नाले का पानी बह रहा है। लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है। जल-नल योजना का लाभ सभी को नहीं मिलने से ग्रामीणों में नाराजगी है। लोगों का कहना है कि शहरी क्षेत्र के नाला के पानी की निकासी की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए।

सबौर प्रखंड का लोदीपुर पंचायत 16 वार्डों में फैला हुआ है। बाईपास और नगर नगम के वार्ड 47 और 48 के बीच में यह वार्ड है। पंचायत की आबादी करीब 20 हजार है। पंचायत के लालूचक, लालूचक अंगारी, कुम्हारटोली, तहबलपुर, लोदीपुर, बसंतपुर, खुर्द लोदीपुर, जगतपुर, लोदीपुर कला आदि गांवों के अधिकांश लोग खेती पर आश्रित हैं। लोदीपुर पंचायत के लोगों का कहना है कि शहरी क्षेत्र के नालों के पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं रहने का नुकसान ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा है। गंदा पानी खेत और बगीचा में जमा होता है। इससे पेड़ सूख रहे हैं। खेतों में फसल भी किसान नहीं लगा पाते हैं। इससे ग्रामीणों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्र में जल-नल योजना के तहत बोरिंग तो हुआ है लेकिन अधिकांश वार्ड के घरों तक बोरिंग का पानी नहीं पहुंच पा रहा है।

ग्रामीणों का कहना है कि नाला के पानी निकासी की व्यवस्था करने का आश्वासन कई बार जिला प्रशासन ने दिया। लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। गंदा पानी होकर बच्चों को भी पढ़ने के लिए स्कूलों में जाना पड़ता है। नशा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होने से भी लोगों में नाराजगी है। स्वास्थ्य केन्द्र की स्थिति भी बेहतर नहीं है। मरीजों को इलाज के लिए सदर अस्पताल या मायागंज अस्पताल जाना पड़ता है।

लोदीपुर पंचायत के निवासी सह सबौर दक्षिणी के पूर्व जिला परिषद सदस्य अरविंद मंडल ने बताया कि नगर निगम से सटा हुआ लोदीपुर पंचायत है। नगर निगम क्षेत्र के नालों के गंदा पानी की निकासी की बेहतर व्यवस्था नहीं की गयी है। इसके चलते शहरी क्षेत्र का गंदा पानी लोदीपुर पंचायत के कई गांवों में आता है। नगर निगम के बाहर निकलने के बाद उस गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए। गंदा पानी खेत और बगीचा के अलावा गंगटा पोखर में चला जाता है। गंगटा पोखर में लोग छठ पूजा करते हैं। शहर के दक्षिणी क्षेत्र के प्रतिमाओं का विसर्जन भी इस पोखर में होता है। नाला का पानी आने से पोखर का पानी काला हो जाता है। इशाकचक से लोहापुल तक बड़ा नाला का निर्माण होना चाहिए। गंदा पानी को लेकर पंचायत के लोगों ने कई बार धरना-प्रदर्शन और सड़क जाम किया। अधिकारी और जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन भी कई बार सौंपा गया। बावजूद अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया। इतना ही नहीं निगम के कर्मी शहरी क्षेत्र का कूड़ा भी रात में फेंक देते हैं। इसका असर पंचायत के लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। पंचायत के उपमुखिया निशा परवीन के पति ओवेश खान ने बताया कि पंचायत में नल-जल योजना की हालत बहुत खराब है। पंचायत में पेयजल संकट बना हुआ है। वार्ड पांच में बोरिंग बार-बार फेल हो जाता है। सूचना देने के बावजूद समय पर खराबी को ठीक नहीं किया जाता है। पंचायत के अधिकांश बोरिंग से बालू निकलता है। गांव के नालों की नियमित सफाई नहीं होती है। बरसात में हालत और बदतर हो जाती है।

ग्रामीण विक्रम कुमार ठाकुर ने बताया कि कई किसानों के पेड़ गंदा पानी जमा होने से सूख गया है। इसके लिए कई बार आन्दोलन और सड़क जाम किया गया। जिला प्रशासन को नगर निगम के मिलकर पानी निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए। वार्ड 16 जगतपुर के सुभाष कुमार सिंह ने बताया कि सरकार की नलजल योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। वार्ड में सभी घरों में शुद्ध पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। सड़क, नाला और पेयजल की व्यवस्था नहीं होने से लोगों में नाराजगी है। वार्ड 11 के चंदन कुमार ने बताया कि नाला की सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। जलापूर्ति के लिए पाइप बिछाने के दौरान सड़क को कई जगहों पर काट दिया गया। इसके चलते लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है। वार्ड तीन के चंदन कुमार भारती ने बताया कि शीतला स्थान मंदिर में पूजा करने के लिए काफी संख्या में लोग जाते हैं। लेकिन वहां जाने के लिए सड़क नहीं है।

बोले जिम्मेदार

शहरी क्षेत्र के नालों का पानी लोदीपुर पंचायत की तरफ नहीं जाने दिया जाएगा। नगर निगम के कर्मी से पूरे मामले की जानकारी ली जाएगी। इसके बाद शहरी क्षेत्र के गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था होगी। देखा जाएगा कि किस क्षेत्र से नाले के पानी की निकासी हो सकती है। उसके अनुसार योजना तैयार की जाएगी। शहरी क्षेत्र के गंदा पानी से किसी को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। शहरी क्षेत्र का कूड़ा अगर ग्रामीण क्षेत्र में फेंका जा रहा है तो यह गंभीर मामला है। ऐसे लोगों को पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

-डॉ. बसुंधरा लाल, मेयर,भागलपुर नगर निगम

शहरी क्षेत्र के नाला के पानी से हो रहा नुकसान

पूर्व जिला परिषद सदस्य सह लोदीपुर पंचायत के पूर्व मुखिया अरविन्द मंडल ने बताया कि नगर निगम का गंदा पानी वार्ड नंबर 47 और 48 होते हुए लोदीपुर पंचायत में प्रवेश कर जाता है। जिसके कारण इलाके के ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सबसे बड़ी परेशानी लोदीपुर के किसानों को होती है, जिसके कारण खेतों और बगीचा में नाला का पानी जमा हो जाने से उनकी फसल और फल को भी नुकसान होता है। इस समस्या के समाधान के लिए वार्ड नंबर 48 के लालूचक, इशाकचक और लोहा पुल तक बड़े नाला का निर्माण कराया जाना चाहिए। जिससे पंचायत के साथ शहरी क्षेत्र के नाला का पानी भी इसी नाला से होकर आगे मुख्य नाला में निकल जाय। शहर का कूड़ा भी लोदीपुर पंचायत में फेंक दिया जाता है, जिसके दुर्गंध से वहां रहनेवालों के साथ सड़क से गुजरने वाले लोगों का दम घूंटने लगता है।

ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है नल-जल योजना का लाभ

लोदीपुर पंचायत के उप मुखिया प्रतिनिधि ओवैश खान ने बताया कि लोदीपुर पंचायत में कुल 16 वार्ड हैं। जिसमें बोरिंग की व्यवस्था होने के बावजूद एक वार्ड को छोड़ अन्य सभी वार्डों में बोरिंग की हालत खराब है। किसी बोरिंग से पानी नहीं आता है तो किसी से बालू और गंदा पानी निकलता है। इस कारण लोगों को पानी पीने में परेशानी होती है। पंचायत के वार्ड नंबर 8, 9 और अंतिम छोटी मस्जिद लेन इमामबाड़ा तक पानी नहीं पहुंच पाता है। इन क्षेत्रों में पानी का संकट बना रहता है। हर घर नल का जल योजना का लाभ लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है। पुराने पंप से पानी के साथ काफी मात्रा में बालू आता है। जिसके कारण पानी कपड़ा धोने के लायक भी नहीं रहता है। लोगों को पीने के लिए पानी खरीदना पड़ता है। घरेलू उपयोग के लिए निजी बोरिंग वाले पड़ोसियों से मदद लेकर ग्रामीण अपना काम चलाते है। गर्मी के बढ़ने पर वाटर लेवल नीचे जाने से और परेशानी होती है।

जगतपुर में सड़क, नाला और पानी का संकट

लोदीपुर पंचायत के स्थानीय निवासी विक्रम कुमार ठाकुर ने बताया कि लोदीपुर के जगतपुर गांव में नई कॉलोनी बसी है, लेकिन यहां किसी प्रकार की मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं है। जिसके कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस कॉलोनी में सड़क नाला और पानी की सुविधा की कोई व्यवस्था नहीं है। सामान्य दिनों में तो ग्रामीण जैसे-तैसे आवागमन कर अपना काम चला लेते हैं। बारिश होने पर स्थिति बदतर हो जाती है। जलजमाव के कारण लोगों को अपने घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। स्कूली बच्चों की परेशानी और बढ़ जाती है। नाला की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों के घरों का पानी सड़क पर या खाली जमीन पर बहाना पड़ता है। कई लोगों द्वारा सोख्ता का निर्माण कराया गया है। पीने के लिए पानी की व्यवस्था नहीं होने से कॉलोनी में रहने वालों को पानी खरीदना पड़ता है, जबकि सड़क जर्जर होने के कारण आवागमन में काफी कठिनाई होती है।

स्वास्थ्य केंद्र में जरूरी सुविधाओं का अभाव

लोदीपुर पंचायत के स्थानीय निवासी चंदन कुमार भारती ने बताया कि पंचायत में कई तरह की समस्या है। जिसके कारण उनलोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय जनप्रतिनिधि से भी कोई सहयोग नहीं मिलने से विकास कार्य नहीं हो सका है। पंचायत में स्वास्थ्य केंद्र है लेकिन वहां डॉक्टर मौजूद नहीं रहते हैं। मरीजों के लिए जरूरी दवा की भी उपलब्धता नहीं है। रोजगार के नाम पर यहां किसी प्रकार का साधन नहीं है। यहां के अधिकांश लोग खेती करते हैं। लेकिन नगर निगम क्षेत्र के नाला का पानी जमा होने से खेत और बगीचा बर्बाद हो रहा है। लोदीपुर पंचायत में काफी संख्या में बुनकरों द्वारा लूम से कपड़ा तैयार किया जाता है। लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण अधिकतर बुनकर इस क्षेत्र से पलायन कर गए या परिवार के भरण-पोषण के लिए दूसरे रोजगार और व्यवसाय से जुड़ गये।

इनकी भी सुनिए

गंगटा पोखर में शहर के कई क्षेत्रों की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। छठ महापर्व पर इस पोखर में लोग पूजा करते हैं। इसमें भी नाला का पानी बहाए जाने के कारण पानी दूषित हो गया है। जिसके कारण पूजा पाठ में इस पानी का उपयोग नहीं किया जा सकता है।

-उमेश मंडल

गंगटा पोखर क्षेत्र का ऐतिहासिक पोखर है। इसके पानी से श्रद्धालु व्रत पूजा आदि किया करते थे। लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण यह पोखर भी गंदे पानी से दूषित हो गया। स्थानीय प्रशासन को इस पर ध्यान देकर इसकी पुरानी पहचान को वापस लाना चाहिए।

-संजय कुमार ठाकुर

लोदीपुर पंचायत में बड़ी संख्या में गरीब और जरूरतमंदों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कई ऐसे लोग है जिनको गलत तरीके से इसका लाभ मिल गया है। प्रशासन द्वारा आवेदकों की जांच कर जरूरतमंदों को इस योजना का लाभ देना चाहिए।

-सूरज कुमार

लोदीपुर पंचायत में साफ-सफाई नहीं होने से नाला जाम हो जाता है। बारिश के दिनों में कई जगहों पर घुटने भर पानी भर जाता है। सभी वार्ड में नाला की नियमित साफ-सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे ग्रामीणों को गंदगी और जलजमाव से राहत मिल सके।

-प्रदीप कुमार मंडल

नगर निगम क्षेत्र के नाला के पानी को लोदीपुर पंचायत में जाने से रोकने के लिए योजना बनाकर बड़ा नाला निर्माण कराया जाना चाहिए। जिससे शहर के गंदे पानी से लोदीपुर पंचायत के ग्रामीणों को होने वाले नुकसान और परेशानी से बचाया जा सके।

-आर्या

लोदीपुर पंचायत के सभी वार्ड के बोरिंग को ठीक कराना चाहिए। जिससे ग्रामीणों को जलापूर्ति की समस्या से राहत मिले। बोरिंग की व्यवस्था होने के बावजूद विभाग और ठेकेदार की लापरवाही से ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पाता है। गर्मी में परेशानी और बढ़ जाती है।

-सरिता देवी

जलापूर्ति की व्यवस्था ठीक नहीं होने के कारण ग्रामीणों को अपने पड़ोसियों से पानी लेकर काम चलाना पड़ता है। गर्मी में जलस्तर नीचे चले जाने के कारण निजी बोरिंग वालों को परेशानी होती है। पीएचईडी विभाग द्वारा पानी की समस्या का स्थायी समाधान करना चाहिए।

-वीणा कुमारी

शहर का कूड़ा भी लोदीपुर इलाके में फेंक दिया जाता है, जिससे सड़क के आसपास से गुजरने वालों को दुर्गंध के कारण काफी परेशानी होती है। नगर निगम को कूड़ा फेंकने के लिए स्थायी जगह का चयन कर कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था की जानी चाहिए।

-आशीष कुमार

लोदीपुर पंचायत में करीब तीन सौ बुनकर लूम चलाकर व्यवसाय करते थे। काफी संख्या में ग्रामीणों को रोजगार भी मिलता था। सुविधाओं के अभाव में बुनकरों का व्यवसाय प्रभावित हो गया। बुनकर पलायन को विवश हो गए, जिससे इलाके का विकास बाधित हो गया।

-रोहित कुमार ठाकुर

लोदीपुर पंचायत क्षेत्र स्थित गंगटा पोखर में नाले के गंदे पानी को जाने से रोकना चाहिए। ताकि इस स्थान का सौंदर्यीकरण कर लोगों के घुमने या बैठने की व्यवस्था की जा सके। इससे इलाके के लोगों को स्वच्छ और स्वस्थ माहौल मिल सकेगा।

-सुभाष कुमार

लोदीपुर पंचायत के जगतपुर में नई कॉलोनी बसी है। कॉलोनी में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। इसके कारण जगतपुर के लोगों को कच्ची सड़क से होकर गुजरना पड़ता है। नाला के पानी की निकासी की भी कोई व्यवस्था नहीं है। पीने के लिए पानी खरीदना पड़ता है।

-चंदन कुमार

शहर के नाले का पानी पंचायत के लोगों के लिए अभिशाप बन गया है। खेती और बगीचे को बड़ा नुकसान हो रहा है। सैकड़ों पेड़ बर्बाद हो गए। इससे आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है, लेकिन प्रशासन द्वारा इसपर कोई ध्यान नहीं दिया रहा है।

-सुधीर तांती

शिकायतें

1. गंगटा पोखर में नाला का पानी बहाए जाने के कारण पोखर का पानी दूषित हो गया है। जिसके कारण पूजा-पाठ में पानी उपयोग करने लायक नहीं रह जाता।

2. शहर के नाले का पानी पंचायत के लोगों के लिए अभिशाप बन गया है। इसके कारण खेत और बगीचे के साथ सैकड़ों पेड़ को भी नुकसान पहुंचा है।

3. लोदीपुर पंचायत में नगर निगम के नाला का गंदा पानी जमने के कारण बीमारी फैलने की संभावना भी बनी रहती है। बारिश में हालत और भी बदतर हो जाती है।

4. लोदीपुर पंचायत के जगतपुर में बसी कॉलोनी में सड़क, नाला और जलापूर्ति की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके कारण वहां रहने वालों को काफी परेशानी होती है।

5. शहर का कूड़ा भी लोदीपुर इलाके में फेंक दिया जाता है, जिससे सड़क के आसपास से गुजरने वालों को दुर्गंध के कारण काफी परेशानी होती है।

सुझाव

1. लोदीपुर पंचायत के सभी वार्ड के बोरिंग को दुरुस्त कराया जाना चाहिए। जिससे ग्रामीणों को जलापूर्ति की समस्या से राहत मिले।

2. नगर निगम प्रशासन कूड़ा फेंकने के लिए स्थायी जगह का चयन कर कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था करे। ताकि कूड़ा से होने वाली परेशानी से राहत मिल सके।

3. बुनकरों के व्यवसाय को पुनर्स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा पहल होनी चाहिए। जिससे पंचायत में रोजगार के अवसर फिर से तैयार हो सके।

4. पंचायत की जर्जर सड़कों की मरम्मत कराकर उसे व्यवस्थित करना चाहिए। जिससे ग्रामीणों का आवागमन सुलभ हो सके।

5. नाला की नियमित साफ सफाई और पानी निकासी के लिए स्थाई व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि गंदगी के साथ जलजमाव की समस्या से राहत मिले।

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