रोजाना एक करोड़ की ठगी! खरीदी लग्जरी गाड़ियां, जमीन; बिहार में धरा गया बड़ा साइबर गैंग
पुलिस ने बताया कि गिरोह डार्क वेब के जरिए रोजाना एक से डेढ करोड़ तक की ठगी की जाती है। गिरोह ने अकूत संपति अर्जित की है। शातिरों के पास कई लग्जरी गाड़ियां हैं। इस गैंग के शातिरों की गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नंबर 8055 होता है। नेपाल में पांच करोड़ की जमीन की खरीदारी करने की योजना भी बना रहे थे।

बिहार के मोतिहारी जिले में साइबर ठगी के बड़े गिरोह का खुलासा हुआ है। मोतिहारी से चलाए जा रहे गिरोह के पांच शातिरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से 29 लाख रुपए भारतीय और 99,500 रुपए नेपाली करेंसी के अलावा 24 मोबाइल, 7 लैपटॉप, दो चारपहिया वाहन, 2 रिवॉल्वर और नोट गिनने की 3 मशीनें बरामद की गई हैं। पुलिस के अनुसार, इस अंतरराज्यीय गिरोह में 200 से अधिक साइबर शातिर शामिल हैं। साइबर डीएसपी अभिनव परासर ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि डार्क वेब के जरिए रोजाना एक से डेढ करोड़ तक की ठगी की जाती है।
उन्होंने बताया कि गिरोह में शामिल अन्य शातिरों की तलाश में छापेमारी की जा रही है। साइबर डीएसपी ने कहा कि एसपी स्वर्ण प्रभात के निर्देश पर साइबर ठगी गिरोह के शातिरों की गिरफ्तारी की गई है। डीएसपी ने बताया कि ठगी से प्राप्त काले धन को सफेद करने की जिम्मेदारी चांदमारी के एक स्कूल संचालक के पुत्र सुमित सौरभ की थी। बदमाश बैंक के माध्यम से कैश निकालकर यूएसडीटी व क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर उसे धन को सफेद करते थे। वे करोड़ों की आय दिखाकर रिटर्न भी फाइल करते थे।
डीएसपी ने बताया कि गिरफ्तार बदमाशों के पास से 29 लाख 29 हजार 680 रुपए भारतीय तथा 99 हजार 500 रुपये नेपाली बरामद किए गए हैं। इसके अलावा 24 मोबाइल, 7 लैपटॉप, 2 टैब, 2 देसी रिवॉल्वर, 13 कारतूस, तीन नोट गिनने की मशीनें, 16 पासबुक, 49 एटीएम कार्ड, 37 चेकबुक, 1 एसबीआई ढाका ब्रांच का स्टाम्प, दो चारपहिया वाहन, एक बाइक बरामद किए गए हैं। पुलिस को एक डायरी भी मिला है, जिसमें कैसे फ्रॉड करना है जैसी बातों से लेकर अन्य साइबर गतिविधियों के बारे में जानकारी है।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि गिरोह के शातिर प्रतिदिन साइबर ठगी से एक से डेढ़ करोड़ रुपए अर्जित करते थे। शातिरों के विभिन्न बैंकों में खाते हैं। गिरोह से जुड़े बदमाशों के खाते खुलवाये जाते थे, जिसमें रोज लाखों रुपए आते थे। खाते में आनेवाले रुपये को निकालकर गिरोह से जुड़े शातिर मास्टरमाइंड को कमीशन काटकर देते थे।
साइबर डीएसपी ने बताया कि मोतिहारी में गिरोह का मास्टरमाइंड रघुनाथपुर निवासी सत्यम सौरभ है। वह फिलहाल फरार है। उसके नेपाल में छुपे होने की आशंका है। गिरोह के तार यूपी व दिल्ली से भी जुड़े हैं। वहां मोतिहारी के आयुष, अंश व यश साइबर ठगी के रुपये ट्रांसफर कराते थे। डीएसपी ने बताया कि फिलहाल सत्यम सौरभ के पिता सुनील कुमार श्रीवास्तव की गिरफ्तारी की गई है। डीएसपी ने बताया कि रोजाना करोड़ों की ठगी कर गिरोह ने अकूत संपति अर्जित की है। शातिरों के पास कई लग्जरी गाड़ियां हैं।
इस गैंग के शातिरों की गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नंबर 8055 होता है। इसे डिजिटली बॉस के रूप में उपयोग करते थे। इसके अलावा सत्यम नेपाल में पांच करोड़ की जमीन की खरीदारी करने की योजना बना रहा था। इसे खरीदने के लिए उसने टीम को लगाया था। इसके अलावा सत्यम अपनी संपति दूसरे के नाम से भी खरीदता था। इसकी जांच कर संपति जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।