कटिहार : लो वोल्टेज तथा बिजली की आंख मिचौली से तंग आकर बिजली विभाग के विरुद्ध ग्रामीणों ने किया धरना प्रदर्शन
आजमनगर में, ग्रामीणों ने लो वोल्टेज और बिजली की अनियमित आपूर्ति के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। आफताब कंचन और अन्य नेताओं ने बिजली विभाग को अल्टीमेटम दिया। ग्रामीणों ने सब स्टेशन से बिजली की नियमित...

आजमनगर । एक संवाददाता आजमनगर गायघट्टा सड़क पर लो वोल्टेज तथा बिजली की आंख मिचौली से तंग आकर शनिवार के दिन बिजली विभाग के विरुद्ध सीतलमनी चौक के निकट ग्रामीणों ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन कर विभाग को अल्टीमेटम दिया। धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे आफताब कंचन पूर्व मुखिया सितलमनी मोहम्मद जरताज आलम ने कहा कि बंगाल बिहार बॉर्डर पर अवस्थित शीतल मनी पंचायत सहित आसपास इलाकों में बारसोई सब स्टेशन से बिजली की आपूर्ति की जाती है लंबी दूरी तथा कई जगहों पर कमजोर वायर की वजह से इस क्षेत्र में लो वोल्टेज तथा बिजली की आंख मिचौली प्रत्येक दिन की समस्या बनकर रह गई है।
इस उमस भरी गर्मी में बिजली की नियमित आपूर्ति नहीं होने से लोगों में काफी आक्रोश है। ग्रामीणों में मोहम्मद सरफराज अटाबुल मेंबर मोहम्मद जैनुल मोहम्मद मुंतशिर मोहम्मद मुख्तार मोहम्मद सागर मोहम्मद अयूब अफसर मोहम्मद अरशद मोहम्मद साजिद मोहम्मद इम्तियाज करीम शादाब करीम फूल कुमार शर्मा दुलाल चंद्र शाह विमल दास मोहम्मद मासूम नंदलाल शर्मा तारकेश्वर दास मोहम्मद अकमल तालिब चमन लाल जोगिंदर हसदा सोमनाथ सोरेन मंगल टुडू आदि लोगों ने बताया कि बारसोई सब स्टेशन से बिजली की सप्लाई की वजह से इस क्षेत्र में लगातार लोग वोल्टेज तथा अनियमित बिजली की आपूर्ति से परेशान रहते है। इस उमेश भरी गर्मी में लोगों की परेशानी और बढ़ गई है। ग्रामीणों ने आजमनगर सब स्टेशन से शीतल मनी पंचायत सहित आसपास इलाकों में बिजली की आपूर्ति कराऐ जाने की अनुमंडल पदाधिकारी बारसोई को एक आवेदन देकर आजमनगर सब स्टेशन से इस क्षेत्र में बिजली आपूर्ति कराए जाने की मांग की है।साथ ही बिजली विभाग तथा जिला पदाधिकारी कटिहार से इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए लोगों को नियमित बिजली आपूर्ति कराऐ जाने में अपेक्षित सहयोग करने की मांग की है। पूर्णिया : महिला संवाद कार्यक्रम में 5.64 लाख ग्रामीणों ने दर्ज की भागीदारी पूर्णिया, वरीय संवाददाता। ग्रामीण विकास विभाग की पहल पर चल रहे महिला संवाद कार्यक्रम का शनिवार को समापन हो गया। यह कार्यक्रम 18 अप्रैल से 14 जून तक लगातार और अनवरत रूप से चला। इस दौरान जिले के सभी 14 प्रखंडों में गठित कुल 2424 जीविका महिला ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कुल मिलाकर 5 लाख 64 हजार से अधिक ग्रामीण लोगों की भागीदारी दर्ज की गई, जिसमें जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी कुल 4 लाख 70 हजार महिलाएं, समाज के अन्य वर्गों की 34 हजार महिलाएं तथा पुरुष वर्ग से कुल 60 हजार लोगों ने भाग लिया। इस पूरे अभियान में कुल मिलाकर 64 हजार से अधिक आकांक्षाएं दर्ज की गई। महिला संवाद के दौरान प्राप्त इन आकांक्षाओं को मोबाइल एप्प के माध्यम से दर्ज किया गया। राज्य सरकार ने राज्य भर में 18 अप्रैल से महिला संवाद कार्यक्रम के आयोजन का निर्णय लिया। इस निर्णय के पीछे सरकार की मंशा थी कि पिछले दो दशक से महिला सशक्तीकरण के उद्देश्य से सरकार द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न योजनाओं का धरातल पर क्या असर है, इसका आकलन करना। साथ ही उन महिलाओं की आकांक्षाओं को जानना जो इन नीतियों के कारण समाज में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। इसी क्रम में समाज के अलग-अलग क्षेत्रों से महिलाएं महिला संवाद के मंच पर आकर अपना अनुभव साझा किया। इन महिलाओं में शिक्षक, नर्स, वकील, उद्यमी, किसान समेत विभिन्न वर्गों की महिलाएं शामिल हुईं। व्यक्ति से परिवार, परिवार से समाज तथा समाज से राष्ट्र निर्माण की अवधारणा महिला संवाद के मंच पर साकार हो उठी। विशेष बात यह रही कि जिले भर से कुल 64 हजार से अधिक की संख्या में आकांक्षाएं दर्ज की गई। इन आकांक्षाओं को कुल मिलाकर दो श्रेणियों में रखा गया। प्रथम श्रेणी में प्राप्त आकांक्षाओं को सरकार की वर्तमान योजनाओं से छूटे हुए लोगों तक सुविधा पहुंचाने की रही। वहीं दूसरी श्रेणी में सरकार की नीतियों में बदलाव अथवा संशोधन से सम्बंधित आकांक्षाएं दर्ज की गई। प्राप्त आकांक्षाओं में विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तथा विद्यालय का उन्नयन, जल निकासी की सुविधा, स्वास्थ्य केंद्र की उपलब्धता, जीविका भवन, कुटीर उद्योग की मांग, व्यक्तिगत ऋण की राशि में बढ़ोतरी, सामाजिक सुरक्षा योजना से जुड़े पेंशन की राशि में बढ़ोतरी, सड़क तथा रेल की मांग, महिलाओं के लिए विशेष बस की मांग, जीविका बैंक की मांग आदि प्रमुख रहे। कार्यक्रम का असर बहुत व्यापक होने वाला है : प्रभारी डीपीएम प्राप्त आकांक्षाओं के आधार पर जिला प्रशासन ने सम्बंधित विभागों को निर्देशित करते हुए लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का निर्देश दिया है। समय-समय पर लगातार इसकी समीक्षा की जा रही है ताकि एक निश्चित समय सीमा में इसे पूरा किया जा सके। जीविका के प्रभारी जिला परियोजना प्रबंधक ओम प्रकाश मंडल ने बताया कि इस लम्बे अभियान के सफलता पूर्वक समापन पर हम प्रशासन समेत पूरी जीविका टीम की बधाई और धनयवाद देते हैं। इस कार्यक्रम का असर बहुत व्यापक होने वाला है। कार्यक्रम के आयोजक के दौरान जो 64 हजार से अधिक आकांक्षाएं प्राप्त हुयी हैं, उसके आधार पर सरकार न केवल अपनी नीतियों में इसे समावेशित करेगी बल्कि बिहार में महिला सशक्तीकरण की दिशा में यह एक परिवर्तनकारी कदम होगा।
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