बोले सहरसा; 24 घंटे मिले चिकित्सीय सुविधा, चहारदीवारी का जल्द हो निर्माण
सत्तर कटैया एपीएचसी में 24 घंटे चिकित्सा सेवा का अभाव है, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं। अस्पताल में डॉक्टर और एएनएम की नियमित ड्यूटी नहीं होने से मरीजों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग...
प्रस्तुति: राजेश कुमार सिंह सत्तर कटैया एपीएचसी में 24 घंटे चिकित्सक सेवा सहित अन्य सुविधाओं का अभाव होने से आमलोग परेशान हैं। बताया जाता है कि इस व्यस्त भरे जगह और घनी आबादी के बीच इस अस्पताल के होने से काफी सुविधा उपलब्ध हुई थी, लेकिन वर्तमान समय में हाल ये है कि यहां पदस्थापित कर्मी अपनी मनमानी से अस्पताल आते हैं और खानापूर्ति कर चले जाते हैं। न तो हमेशा डाक्टर रहते हैं और न ही एएनएम सहित अन्य कर्मी। स्थानीय लोगों द्वारा इन सब मांगों के लिए समय समय पर आन्दोलन किया जाता है तब यहां हर सुविधा मुहैया करा दी जाती है लेकिन वक्त बीतने के बाद फिर वही हाल।
अस्पताल खुली होने पर मरीजों को जहां बेहतर चिकित्सीय सेवा मिलती है वहीं मुफ्त में दवा उपलब्ध हो जाती थी लेकिन अस्पताल में व्यवस्था सही नहीं रहने के कारण मरीजों को मेडिकल स्टोर और झोलाछाप डाक्टरों के पास जाना पड़ता है जहां उसे काफी पैसे लगते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि एकबार फिर से इन सब सुविधाओं को लेकर आन्दोलन किया जायेगा ताकि हर सुविधा उपलब्ध हो सके जिससे गरीबों का कल्याण हो। सत्तर कटैया एपीएचसी के कर्मियों की मनमानी से यहां के मरीज काफी परेशान और हलकान रहते हैं। बताया जाता है कि जब मरीज यहां आते हैं तो कभी डाक्टर नहीं तो कही दवा नहीं। सबसे अधिक समस्या तब होती है जब इमरजेंसी मरीज यहां पहुंचते हैं तो अस्पताल के मुख्य द्वार में ताला लगा होता है। मरीज पैसे खर्च कर ई-रिक्शा सहित अन्य वाहनों से इलाज के लिए यहां आते तो हैं लेकिन उन्हें इमरजेंसी में भी वापस लौटना पड़ता है। थक हारकर बेबस मरीज मेडिकल स्टोर पर जाते हैं जहां उन्हें कई बार लोकल दवा देकर मोटी रकम वसूल ली जाती है। सत्तर कटैया एपीएचसी वर्तमान में बदहाली की आंसू बहा रहा है। गरीब तबके के मरीजों के लिये वरदान साबित होनेवाला यह अस्पताल किसी उद्धारक की बाट जोह रहा है। लोगों की हमेशा ये शिकायत रहती है कि यहां के जनप्रतिनिधि और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता कभी भी इस अस्पताल के सुधार के लिए आगे नहीं आते हैं जिस कारण यह अस्पताल दिन ब दिन बदहाल ही हो रहा है। डाक्टर सहित एएनएम की पदस्थापना कैसे हो यह एक चिन्ता का विषय बना हुआ है। बोले जिम्मेदार सत्तर कटैया एपीएचसी में प्रत्येक दिन मरीजों के ईलाज के लिये चिकित्सक एवं एएनएम की ड्यूटी लगाई गई है। अस्पताल मनमानी ढंग से बंद होने की सुचना उपलब्ध हुई है। अस्पताल यदि बंद पाई जायेगी तो जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी। डा. दिलीप कुमार मंडल प्रभारी, पीएचसी पंचगछिया एपीएचसी सत्तर कटैया में डाक्टर एवं नर्स की नियमित ड्यूटी और दवा उपलब्ध के लिए किया जाएगा प्रयास। रोहित कुमार साह बीडीओ, सत्तर कटैया इनकी भी सुनिए जनहित के इस मांगों के लिए समय आने पर किया जाएगा चरणबद्ध तरीके से आन्दोलन। महेश कुमार यादव अस्पताल के अक्सर बंद होने से मरीज हो रहे हैं शोषण के शिकार, हो सार्थक प्रयास। धीरज कुमार एएनएम की पदस्थापना होने से प्रसव में होती है सुविधा, अस्पताल बंद होने से होती है परेशानी। नीतीश कुमार अस्पताल में ओआरएस सहित अन्य दवा के साथ एएनएम की हमेशा रहे ड्यूटी, मिलेगी सुविधा। सुशील कुमार एपीएचसी में दवा भी नहीं रहता है उपलब्ध, कर्मी के मनमानी से होती है मरीजों को असुविधा। अखिलेश कुमार ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को यहां पर अस्पताल में डाक्टर सहित दवा मिलने से होती थी काफी सुविधा। सदानन्द यादव घनी आबादी के बीच अस्पताल होने से लोगों को होती थी असुविधा, लेकिन वर्तमान समय में अक्सर बंद रहता है यह अस्पताल। दीपक कुमार पीएचसी पंचगछिया के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से अस्पताल की व्यवस्था में सुधार की मांग। संतोष कुमार स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इस मामले में पहल करनी चाहिए ताकि आमलोगों को सुविधा मिले। मो. हारूण राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को इस मामले में आगे आकर करनी चाहिए पहल, होगी लोगों को सुविधा। मो. अमीन साहब एपीएचसी के इस मामले में सुधार नहीं होने पर जिलाधिकारी से मिलकर की जाएगी मांग। बिमल शर्मा एपीएचसी की लचर व्यवस्था के कारण अब लोग अस्पताल जाने से करने लगे हैं परहेज, होनी चाहिए ठोस पहल। विनोद महाजन अस्पताल में डाक्टर और दवा होने से गरीबों को होती थी काफी सुविधा, अब होती है समस्या। दुर्गेश राऊत दूर-दूर से लोग इलाज के लिए आते थे यहां के अस्पताल। वर्तमान समय में कर्मियों द्वारा की जा रही है मनमानी। रंजीत कुमार शिकायत 1. अस्पताल में पर्याप्त संख्या में डाक्टर के नहीं होने से मरीज को होती है असुविधा। 2. 24 घंटे एएनएम सहित अन्य कर्मी नहीं रहते हैं अस्पताल में, होती है इमरजेंसी मरीज को परेशानी। 3. अस्पताल के पश्चिमी भाग में चहारदीवारी नहीं रहने से असुरक्षा का रहता भाव। 4. एपीएचसी में आवश्यक दवा अक्सर नहीं रहती है उपलब्ध, जिससे रहती परेशानी सुझाव 1. अस्पताल में हमेशा डाक्टर के उपस्थित होने से ग्रामीण इलाके के लोगों को मिलेगी सुविधा, पैसे का होगी बचत। 2. अस्पताल 24 घंटे खुले रहने से इमरजेंसी मरीज सहित अन्य मरीजों को मिलेगी बहुत सारी सुविधा, मेडिकल स्टोर पर ठगी के शिकार होने से बचेंगे। 3. अस्पताल के पश्चिमी भाग में चहारदीवारी होने से बढ़ेगी खुबसूरती, आमलोगों का नहीं होगा आवागमन। 4. अस्पताल में जरूरत की सभी दवा उपलब्ध होने से मरीजों को मिलेगी सुविधा। रात में इमरजेंसी इलाज में होगी सुविधा।
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