सुपौल : भागवत माहात्म्य सुनने से प्रेत बाधा से मिलती है मुक्ति : आचार्य धर्मेंद्रनाथ
करजाईन बाजार । एक संवाददाता हरिराहा पंचायत में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ

करजाईन बाजार । एक संवाददाता हरिराहा पंचायत में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ शुक्रवार को किया गया है। कथा के प्रथम दिवस में भक्ति महारानी की नारदजी से भेंट एवं भक्ति महारानी की कष्टों से निवृति नारद जी के प्रेरणा से कैसे हुआ इसको उपस्थित भक्तों को सुनाया गया। प्रथम दिवस के कथा में प्रख्यात कथा वाचक मैथिल पंडित आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र ने कहा कि श्रीमद् भागवत महापुराण के अंतर्गत सर्वप्रथम भागवत महात्म का वर्णन है, जिसमें प्रेत योनि से मुक्ति मिलने का साधन बताया गया है। उन्होंने कहा जिस प्रकार आत्मदेव नामक ब्राह्मण के पुत्र धुंधकारी का देहावसान हो जाने पर प्रेत योनि की प्राप्ति हुई और गोकर्ण जी महाराज के द्वारा भागवत कथा श्रवण करने से धुंधकारी प्रेत योनि से मुक्त हो गया।
भागवत कथा के महात्म का दिव्य वर्णन करते हुए उन्होंने अनेक महात्म सुनाएं, जिसमें से प्रथम महात्म में नारदजी की भक्ति महारानी से भेंट और भक्ति महारानी की दुख निवृत्ति के साधन तथा भक्ति महारानी के पुत्र ज्ञान और वैराग्य को कैसे पुनः शरीर स्वस्थ होकर के अपने स्थिति को प्राप्त किया। उन्होंने कहा की भागवत तत्व का ज्ञान बिना आध्यात्मिक हुए कोई नहीं समझ सकता है। आध्यात्मिक जीवन शैली जिसका हो जाए, गुरु के प्रति, अपने से श्रेष्ठ के प्रति प्रेम उत्पन्न हो जाए तो निश्चित रूप से जीवन में मंगल ही मंगल होता है। भागवत कथा पुराण के श्रवण से संपूर्ण मनोरथों की प्राप्ति होती है।
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