सुपौल : ठनका की चपेट में आने से युवक की मौत
त्रिवेणीगंज के गणेशपुर मलहनवां वार्ड में तेज बारिश और आंधी के दौरान ठनका लगने से 21 वर्षीय युवक रूपेश कुमार की मौत हो गई। रूपेश सुबह शौच के लिए गया था और लौटते समय ठनका की चपेट में आ गया। उसकी पत्नी...

त्रिवेणीगंज, निज संवाददाता। नगर परिषद क्षेत्र के गणेशपुर मलहनवां वार्ड 8 में मंगलवार सुबह तेज आंधी और बारिश के दौरान ठनका की चपेट में आने से 21 वर्षीय युवक रूपेश कुमार की मौत हो गई। स्थानीय निवासी कामेश्वर ठाकुर का सबसे छोटा पुत्र था। घटना से परिवार में कोहराम मच गया है। परिजनों ने बताया कि मृतक रूपेश सुबह घर के सामने कुछ दूरी पर शौच के लिए बघला नदी की ओर गया था। लौटते समय जैसे ही वह अपने घर के सामने स्थित आम के बगीचे के पास पहुंचा,तेज बारिश और आंधी के साथ हुए ठनका की चपेट में आ गया और मौके पर ही गिर पड़ा।
बारिश के कारण किसी को घटना की जानकारी नहीं मिल सकी। कुछ समय बाद जब स्थानीय लोग नदी की ओर जा रहे थे तो उन्होंने रूपेश को अचेत अवस्था में बगीचे में पड़ा पाया।सूचना मिलने पर परिजन मौके पर पहुंचे और रूपेश को घर लाए,लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। परिजनों ने स्थानीय पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। परिजनों ने बताया कि मृतक रूपेश की शादी तीन वर्ष पूर्व मधेपुरा जिले के बिहारीगंज निवासी पिंटू ठाकुर की पुत्री रूपा देवी से हुई थी,जो वर्तमान में छह माह की गर्भवती हैं। रूपेश की असमय मौत से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पत्नी और परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। बताया कि रूपेश जम्मू-कश्मीर में रहकर राजमिस्त्री का काम करता था। हाल ही में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव और गोलीबारी के कारण वह एक सप्ताह पहले ही घर लौटा था। लेकिन दुर्भाग्यवश लौटने के कुछ ही दिनों बाद ठनका से उसकी जान चली गई। रूपेश की मौत के बाद गांव में शोक की लहर है। मृतक के पिता कामेश्वर ठाकुर ने बताया कि उनके घर में शौचालय नहीं है,जिस कारण रूपेश शौच के लिए बाहर गया था और वहां से लौटते वक्त ठनका की चपेट में आने से उसकी मृत्यु हो गई। यह स्वाभाविक है कि शौचालय नहीं रहने की स्थिति में घर के अन्य सदस्य चाहे वे बच्चे हों,महिलाएं हों या पुरुष सभी को शौच के लिए बाहर ही जाना पड़ता होगा।नगर परिषद क्षेत्र में स्थित होने के बावजूद गरीबी से लाचार परिवार के घर में शौचालय का न होना स्वच्छ भारत मिशन के दावे की हकीकत को बयां करता है। सरकार द्वारा शौचालय निर्माण के लिए बारह हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दिए जाने के बावजूद भी यदि किसी परिवार के पास शौचालय नहीं है,तो यह कई सवालों को जन्म देता है।मृतक के परिजनों का मानना है कि अगर उनके घर में शौचालय होता,तो रूपेश की जान शायद बच सकती थी। फिलहाल, पुलिस ने मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराकर परिजनो को सौंप दिया है।
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