अररिया: बहुत जल्द अररिया-गलगलिया रेलखंड पर दौडे़ंगी ट्रेने: रेल महाप्रबंधक
अररिया, वरीय संवाददाता एनएफ रेलवे के जीएम अरूण कुमार चौधरी ने बताया कि अररिया-गलगलिया रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन जल्द शुरू होगा। ट्रायल के बाद सीआरएस की मंजूरी से ट्रेनें चलने लगेंगी। सांसद प्रदीप...

अररिया, वरीय संवाददाता एनएफ रेलवे मालीगांव के जीएम (कंस्ट्रक्सन) अरूण कुमार चौधरी ने कहा कि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो बहुत जल्द अररिया-गलगलिया रेलखंड पर ट्रेने दौडे़ंगी। इसी सिलसिले में पहले हमलोग इसका ट्रायल देख रहे हैं। ट्रायल के दौरान यदि कोई कमियां या खामियां नहीं मिली और रिजल्ट संतोषप्रद रहा तो सीआरएस (कमीश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी, यानी रेल संरक्षा आयुक्त) को जांच के लिए रिक्वेस्ट करेंगे। सीआरएस के फाइनल आथेंटिफिकेशन व क्लीयरीफिकेशन मिलने के बाद इस ट्रेनो का परिचालन शुरू हो जाएगा। जीएम (कंस्ट्रक्सन) श्री चौधरी सोमवार को अररिया कोर्ट स्टेशन पर स्पेशल ट्रेन से अररिया-गलगलिया रेलखंड ट्रायल के लिए रवाना होने के पूर्व मीडिया से बात कर रहे थे।
कहा कि सीआरएस का आथेंटिफिकेशन जरूरी होता है। वहीं चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव अफसर (कंस्ट्रक्सन) विवेक सक्सेना ने बताया कि हमारी कोशिश जल्द से जल्द इस खंड पर रेल परिचालन करने की है। अंतिम सीआरएस मिलने के बाद कभी भी यहां से ट्रेने चलनी शुरू हो जाएगी। अगले माह भी चल सकती है। वहीं मौके पर मौजूद सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि अररिया-गलगलिया रेल खंड क्षेत्र के लोगों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। लाखों लोगों का सपना साकार होगा। आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है। हमने लोगों से कमीटमेंट किया था कि अररिया-गलगलिया के बीच जल्द ट्रेन चलेगी। ट्रायल उसी की एक कड़ी है। विधान सभा चुनाव के पूर्व यहां के लोग ट्रेनो से आवाजाही कर सकेंगे। सांसद ने कहा कि यह मोदी का भारत है। जिस काम को हम शुरू करते हैं, उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। बताया कि सीआरएस के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शीघ्र अररिया-गलगलिया रेलखंड पर ट्रेनों के परिचालन का उद्घाटन करेंगे। बताया कि इस रेलखंड के चालू होने से बाढ़ व सुखाढ़ झेल रहे बदहाल किसानों के दिन बहुरेंगे। कारोबारियों के अच्छे दिन आएंगे। रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। 110.75 किमी लंबी है रेल लाइन, 2145 करोड़ हुई खर्च: यहां बता दें कि अररिया-गलगलिया बड़ी रेल लाइन परियोजना की स्वीकृति तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के समय मिली थी। लेकिन इस नई बड़ी रेल लाइन परियोजना पर अधिकारिक रूप से काम 22 जून 2007 को शुरू हुआ। इस दौरान कछुआ गति से काम होता रहा। भूमि अधिग्रहण से लेकर रेल पटरी बिछाने और स्टेशन निर्माण तक का काम होने में 18 साल लग गये। हालांकि सोमवार को इस रेल खंड होकर ट्रेनों ट्रायल होना क्षेत्र वासियों से लिए सुखद पल माना जा रहा है। उन्हें लग रहा है कि अब वे ट्रेनो से बड़े शहरों तक का सफर असानी से कर सकेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार डिविजन अंतर्गत आने वाली 110.75 किमी लंबी इस रेल लाइन पर करीब 2145 करोड़ की लागत आई है। अररिया-गलगलिया का पहला स्टेशन रहमतपुर: एनएफ रेलवे सूत्रों के मुताबिक अररिया-गलगलिया रेल लाइन को कोर्ट स्टेशन से लगभग चार किमी आगे बने रहमतपुर स्टेशन को अररिया आरएस यानी अररिया रेलवे स्टेशन से भी जोड़ा गया है। इस आठ किलोमीटर सेक्शन पर इंटरलॉकिंग का काम पूरा कर 29 नवंबर 2024 को ऑपरेशनल घोषित कर दिया गया है। इसी प्रकार पोआखाली से कादोगांव और भोगदाबर हाल्ट होते हुए ठाकुरगंज जाने वाली रेल लाइन को भी 24 जून 2024 को ट्रेन परिचालन के लिए ऑपरेशनल घोषित किया गया था। नई रेल परियोजना से क्षेत्र का होगा विकास: इस नई रेल परियोजना से क्षेत्र का विकास होगा और रोजगार के नए अवसर सामने आएंगे। यही नहीं पूर्वोत्तर को आने जाने वाली यात्री और मालवाहक ट्रेनों के लिए एक वैकल्पिक रेल मार्ग भी खुलेगा। जिले में रहमतपुर के बाद अगला स्टेशन बांसबाड़ी है फिर इसके बाद खवासपुर, लक्ष्मीपुर, बरदाहा, कलियागंज, टेढ़ागाछ। टेढ़ागाछ एक तरह से अररिया किशनगंज जिले की सीमा कही जा सकती है। इसके बाद अगला स्टेशन बीबीगंज, तुलसिया, पवाखाली, कादोगांव, भोगदाबर और फिर ठाकुरगंज और गलगलिया है।
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