उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों को मानसिक रूप से मजबूत करेगी ‘छात्र सेवा केंद्र
विशेष यूजीसी ने सभी विवि के कुलपति और कॉलेज प्राचार्य को लिखा पत्र विद्यार्थियों के

भागलपुर, कार्यालय संवाददाता। देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बनाया जाएगा। इसके लिए विवि अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विवि के कुलपति और कॉलेजों के प्राचार्यों को पत्र लिखा है। इस पत्र के माध्यम से निर्देश है कि वे शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य रूप से ‘छात्र सेवा केंद्र स्थापित करें। इसे अनिवार्य रूप से स्थापित करने को कहा गया है, ताकि विद्यार्थियों को लाभ मिल सके। यूजीसी के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत इस व्यवस्था को लागू करने की कवायद की जा रही है। छात्र सेवा केंद्र में विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य की मजबूती के लिए काउंसलर भी नियुक्त करना होगा।
इसके लिए हेल्पलाइन भी विवि को जारी करने को कहा गया है, ताकि विद्यार्थी आसानी से संपर्क कर सकें। केंद्र के माध्यम से ही संस्थान के विद्यार्थियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान का प्रयास करना है। इसके लिए संबंधित इलाकों के मेडिकल कॉलेज सहित अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं से साझेदारी की बात कही गई, ताकि हर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान हो सके। स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से यह कवायद होगी। छात्र सेवा केंद्र में विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक परिवेश से आने वाले विद्यार्थियों को बेहतर माहौल देने को कहा गया है, ताकि उन्हें पढ़ाई के साथ संस्थान में किसी तरह की परेशानी न हो। वे समस्या आने पर सीधे छात्र सेवा केंद्र की मदद से निराकरण कर सकें। पत्र के माध्यम से सभी विवि के कुलपति से इस व्यवस्था में और बेहतर सुधार को लेकर सुझाव भी मांगा गया है, ताकि उन्नत व्यवस्था विद्यार्थियों के लिए की जा सके। यूजीसी का कहना है कि विद्यार्थियों की सुविधाओं और शैक्षणिक व अन्य गतिविधियों के बढ़ने से नैक, एनबीए, एनआईआरएफ रैंकिंग में सुधार होगा। टीएमबीयू के डीएसडब्ल्यू डॉ. बिजेंद्र कुमार ने कहा कि विवि में स्वाथ्य केंद्र के साथ छात्र सेवा केंद्र स्थापित है। कॉलेजों में इसे स्थापित करने को लेकर जैसा दिशा-निर्देश मिलेगा, उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
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