जिले के 26 अपराधियों की संपत्ति होगी जब्त
जिले के 26 अपराधियों की संपत्ति होगी जब्तजिले के 26 अपराधियों की संपत्ति होगी जब्तजिले के 26 अपराधियों की संपत्ति होगी जब्तजिले के 26 अपराधियों की संपत्ति होगी जब्त

जिले के 26 अपराधियों की संपत्ति होगी जब्त सबसे अधिक अस्थावां पुलिस अंचल के 12, तो बिहारशरीफ के 8 और गिरियक के 6 अपराधियों की सूची भेजी गयी 10 से अधिक अन्य अपराधियों के विरुद्ध चल रही जांच फोटो : क्राइम मीटिंग : बिहारशरीफ में रविवार को अपराध गोष्ठी में शामिल जिले के पुलिस अधिकारी। बिहारशरीफ, कार्यालय संवाददाता। अपराध कम करने और पेशेवर अपराधियों पर नकेल कसने की रणनीति जिला पुलिस ने बना ली है। इसके तहत जिले के शातिर अपराधियों की संपत्ति जब्त की जाएगी। पहले चरण में 26 अपराधियों की सूची राज्य कार्यालय को भेजी गयी है। इनमें सबसे अधिक अस्थावां पुलिस अंचल के 12, तो बिहारशरीफ शहर के तीनों थाना क्षेत्रों के आठ और गिरियक अंचल स्थित थानों के छह अपराधियों के नाम शामिल किये गये हैं।
वहीं, 10 से अधिक अन्य अपराधियों के विरुद्ध जांच अंतिम चरण में है। डीएसपी मो. नुरुल हक ने बताया कि नई भारतीय दंड संहिता में अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 107 के तहत परिभाषित किया गया है। यह धारा पुलिस को अधिकार देती है कि यदि किसी अपराधी की संपत्ति अपराध से अर्जित पाई जाती है, तो उसे जब्त किया जा सकता है। संपत्ति जब्ती की क्या है प्रक्रिया : जब कोई अपराध होता है, तो पुलिस उस मामले की सघन जांच करती है। यदि पुलिस अधिकारी को संदेह होता है कि संपत्ति अपराध से अर्जित की गई है, तो इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाती है। जब्ती का प्रस्ताव : अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी (इंवेस्टीगेशन ऑफिसर, आईओ) द्वारा संबंधित अपराधी की संपत्ति को जब्त करने का प्रस्ताव दिया जाता है। उसकी गहन जांच के बाद आला अधिकारी बारीकी अध्ययन करते हैं। अध्ययन के बाद रिपोर्ट अगले अधिकारी को दी जाती है। सक्षम प्राधिकारी का अनुमोदन : अनुसंधान पुलिस अधिकारी की रिपोर्ट अगर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 107 की शर्तों पर खरी उतरती है, तो जिले के उच्चाधिकारी द्वारा इसका प्रस्ताव राज्यस्तरीय पुलिस कार्यालय के सक्षम प्राधिकारी को भेजा जाता है। सक्षम अधिकारी इस प्रस्ताव पर अधिकतम 30 दिन में हां या न की मुहर लगाते हैं। उनके आदेश को अंतिम मान अपराधियों की सूची न्यायालय को भेजी जाती है। बरती जाती है सतर्कता : यदि सक्षम प्राधिकारी आदेश की पुष्टि करते हैं, तो संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया जाता है। जब्त की गई संपत्ति का निपटान कानून के अनुसार किया जाता है। इसमें नीलामी या अन्य कानूनी प्रक्रियाएं शामिल हो सकती हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण होता है कि संपत्ति जब्ती एक गंभीर कानूनी प्रक्रिया है और इसके लिए उचित प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है। क्या है धारा 107 : भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 107 आपराधिक गतिविधियों से प्राप्त या अर्जित संपत्ति की कुर्की, जब्ती और वापसी से संबंधित है। यह धारा उन संपत्तियों पर लागू होती है, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी अपराध या आपराधिक गतिविधि से प्राप्त की गई हैं। इस धारा के तहत जांच अधिकारी, वरीय पुलिस अधिकारी की मंजूरी से न्यायालय या मजिस्ट्रेट से संपत्ति को कुर्क करने का अनुरोध कर सकता है। इस कानून के तहत अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी द्वारा संबंधित अपराधी की संपत्ति को जब्त करने का प्रस्ताव दिया जाता है। जिसकी संपत्ति जब्त की जानी है उसके संबंध में विस्तृत रिपोर्ट बनानी होती है। पुलिस को यह साबित करना होता है कि चल-अचल संपत्ति है, वह अपराध के जरिए अर्जित की गई है। उसके पास कमाई का दूसरा कोई साधन उपलब्ध नहीं है। अधिकारी बोले : अपराध पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से बिहार पुलिस अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करने जा रही है। गिरफ्तारी और सजा दिलाने के साथ बिहार पुलिस ने अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की मुहिम छेड़ दी है। इसी मुहिम के तहत जिले के अपराधियों के नाम भी शामिल किये गये हैं। भारत सोनी, पुलिस अधीक्षक
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।