Desi Diploma Course Launched at Harnaut Agricultural Science Center Eligibility for Licenses Without Degree पहल : हरनौत कृषि विज्ञान केंद्र में शुरू हुआ देसी डिप्लोमा कोर्स, Biharsharif Hindi News - Hindustan
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पहल : हरनौत कृषि विज्ञान केंद्र में शुरू हुआ देसी डिप्लोमा कोर्स

पहल : हरनौत कृषि विज्ञान केंद्र में शुरू हुआ देसी डिप्लोमा कोर्सपहल : हरनौत कृषि विज्ञान केंद्र में शुरू हुआ देसी डिप्लोमा कोर्सपहल : हरनौत कृषि विज्ञान केंद्र में शुरू हुआ देसी डिप्लोमा कोर्सपहल :...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफWed, 28 May 2025 10:56 PM
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पहल : हरनौत कृषि विज्ञान केंद्र में शुरू हुआ देसी डिप्लोमा कोर्स

पहल : हरनौत कृषि विज्ञान केंद्र में शुरू हुआ देसी डिप्लोमा कोर्स कोर्स करने के बाद खाद, बीज व कीटनाशक के लाइसेंस लेने हो जाएंगे पात्र रसायन स्नातक या कृषि स्नातक करने की नहीं पड़ेगी आवश्यकता एक वर्षीय कार्यक्रम में सप्ताह के हर शुक्रवार को दिया जाएगा प्रशिक्षण फोटो विज्ञान केंद्र : हरनौत कृषि विज्ञान केंद्र में देसी डिप्लोमा कार्यक्रम का उद्घाटन करते एलडीएम श्रीकांत कुमार, वरीय वैज्ञानिक डॉ. सीमा कुमारी व अन्य। बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि। हरनौत कृषि विज्ञान केंद्र में बुधवार से देसी डिप्लोमा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। उद्घाटन जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक (एलडीएम) श्रीकांत सिंह और विज्ञान केंद्र की वरीय वैज्ञानिक व प्रधान डा सीमा कुमारी ने किया।

जबकि, कार्यक्रम का संचालन मृदा वैज्ञानिक डा उमेश नारायण उमेश ने किया। प्रशिक्षण में जिले के विभिन्न प्रखंडों के 40 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। कृषि वैज्ञानिकों ने बताया गया कि देसी डिफ्लोमा कार्यक्रम एक वर्ष का है। प्रत्येक सप्ताह के शुक्रवार को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उद्देश्य यह कि देसी डिप्लोमा कोर्स कर लेने पर जिला कृषि कार्यालय से खाद, बीज व कीटनाशक का लाइसेंस लेने के इच्छुक युवाओं को रसायन स्नातक या कृषि स्नातक करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मैनेज हैदराबाद द्वारा देसी कार्यक्रम की पहल की गयी है। फायदा यह कि बेरोजगार युवक व युवतियां जो कम से कम मैट्रिक पास भी हैं तो वे डिप्लोमा कोर्स कर खाद, बीज व कीटनाशक विक्रेता बनने के पात्र हो जाएंगे। कार्यक्रम में एलडीएम द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को खाद एवं बीज व्यवसाय में बैंकों से दी जानी वाली सुविधा एवं व्यवसाय को बढ़ाने के बारे में विशेष जानकारी दी गयी। जबकि, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान ने ने कीटनाशी एवं फलुंदनाशी के प्रयोग की बारीकियों बरायीं। द्वितीय सत्र में डा उमेश नारायण उमेश द्वारा देसी कार्यक्रम एवं उर्वरकों के प्रकार व उसके उपयोग पर चर्चा की गयी। डिप्लोमा कोर्स के फैसिलिटेटर बलराम पांडेय ने कार्यक्रम की रूप रेखा पर विस्तार से चर्चा की। मौके पर प्रशिक्षणार्थी वशिष्ठ नारायण सिंह, प्रिंस कुमार, नेहा कुमारी व अन्य मौजूद थे।

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