Nalanda University Introduces New Courses Economics Mathematics Philosophy and Hindi नालंदा विश्वविद्यालय में इस साल से 4 नये कोर्स, Biharsharif Hindi News - Hindustan
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नालंदा विश्वविद्यालय में इस साल से 4 नये कोर्स

नालंदा विश्वविद्यालय में इस साल से 4 नये कोर्स नालंदा विश्वविद्यालय में इस साल से 4 नये कोर्स नालंदा विश्वविद्यालय में इस साल से 4 नये कोर्स

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफWed, 18 June 2025 10:26 PM
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नालंदा विश्वविद्यालय में इस साल से 4 नये कोर्स

नालंदा विश्वविद्यालय में इस साल से 4 नये कोर्स अर्थशास्त्र, गणित, दर्शन व हिन्दी की होगी पढ़ाई नामांकन के लिए करना होगा ऑनलाइन आवेदन फोटो: विश्वविद्यालय-नालंदा विश्वविद्यालय का भवन। राजगीर, निज संवाददाता। अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय में इस वर्ष 4 नए कोर्स शुरू होंगे। अब यहां अर्थशास्त्र, गणित, दर्शन एवं हिन्दी की भी पढ़ाई होगी। ये सभी कोर्स इस वर्ष से प्रारंभ हो जाएंगे। नामांकन के लिए इच्छुक छात्रों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। विश्वविद्यालय ने पिछले एक वर्ष में छह नए परास्नातक (मास्टर) कार्यक्रम शुरू किए हैं। इनमें से दो, आर्कियोलॉजी एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध के कोर्स पिछले शैक्षणिक सत्र में शुरू हुए थे।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रेस बयान जारी कर यह जानकारी दी है। पिछले वर्ष नालंदा विश्वविद्यालय के परिसर का उद्घाटन भारत के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर ने नालंदा की वैश्विक महत्ता को फिर से स्थापित किया। इसे भारत की शान और एशिया व विश्व की साझा सांस्कृतिक विरासत माना जाता है। 19 जून 2024 को हुए उद्घाटन के बाद नालंदा विश्वविद्यालय ने एक वर्ष में शैक्षणिक विकास, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और आधारभूत ढांचे के विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। प्राचीन ज्ञान परंपरा के पुनरुद्धार के साथ विश्वविद्यालय आधुनिक वैश्विक चुनौतियों का सामना नवाचार, समावेशिता और शैक्षणिक उत्कृष्टता के माध्यम से कर रहा है। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय ने पोस्ट-डॉक्टोरल फैलोशिप की शुरुआत की है। इससे इसकी अकादमिक क्षमताओं का विस्तार हुआ है और यह एक अग्रणी शोध एवं उच्च शिक्षा केंद्र के रूप में अपनी भूमिका को सशक्त कर रहा है। 20 नये एमओयू पर हुए हस्ताक्षर : विश्वविद्यालय ने लगभग 20 नए समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर करके अपनी पहुंच को और गहरा किया है। पिछले वर्ष सलामांका विश्वविद्यालय (स्पेन), केलानिया विश्वविद्यालय (श्रीलंका) और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण सहित अग्रणी वैश्विक संस्थानों के साथ नए द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन हुए। इसके अलावा, आसियान-भारत विश्वविद्यालय नेटवर्क के एक नोडल संस्थान के रूप में नालंदा ने आईआईटी कानपुर, आईआईटी रुड़की, इंडोनेशिया विश्वविद्यालय, मलाया विश्वविद्यालय और चियांग माई विश्वविद्यालय, थाईलैंड जैसे आसियान और भारत के प्रमुख संस्थानों के साथ 11 समझौता ज्ञापन स्थापित किए। 21 देशों के 400 से अधिक छात्र नामांकित : वर्तमान में यहां 21 विभिन्न देशों के 400 से अधिक नियमित छात्र परास्नातक और पीएचडी कार्यक्रमों में नामांकित हैं। 800 से अधिक छात्र अल्पकालिक पाठ्यक्रमों में संलग्न हैं। इस प्रकार विश्वविद्यालय 1,200 से अधिक छात्रों को शिक्षा प्रदान कर रहा है। पिछले वर्ष छात्र नामांकन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। पहली बार विश्वविद्यालय ने कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के माध्यम से छात्रों को प्रवेश दिया है। नालंदा की सशक्त छात्रवृत्ति प्रणाली विश्वभर के छात्रों के लिए अवसरों के नए द्वार खोल रही है। केवल 2024 में ही सैकड़ों छात्रों ने आशियान फैलोशिप, बिम्सटेक और आईसीसीआर स्कॉलरशिप जैसी योजनाओं का लाभ उठाया है। साथ ही एनयू-भूटान छात्रवृत्ति जैसी विशेष पहलें भी लागू की गई हैं। यह भिक्षुओं, भिक्षुणियों और शोधकर्ताओं को समावेशी अकादमिक दृष्टिकोण के तहत सहयोग प्रदान करती हैं। प्रो. सचिन बने पुर्णकालिक कुलपति : हाल ही में प्रो. सचिन चतुर्वेदी को पुर्णकालिक कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया है। वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री, नीति विशेषज्ञ और विकासशील देशों के लिए अनुसंधान एवं सूचना प्रणाली (आरआईएस) के महानिदेशक हैं। प्रो. चतुर्वेदी भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के रूप में भी कार्यरत हैं। उन्होंने अर्थशास्त्र, कूटनीति एवं विकास अध्ययन जैसे विषयों पर 22 से अधिक महत्त्वपूर्ण पुस्तकें लिखी हैं। ऐतिहासिक रहा साल-कुलपति : प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि यह वर्ष नालंदा के इस नए अवतार के लिए एक ऐतिहासिक सिद्ध हुआ है। विश्वविद्यालय नए संदर्भ में नालंदा ज्ञान परंपरा के पुनरुद्धार हेतु प्रतिबद्ध है जिससे कि यह सर्वोत्कृष्ट वैश्विक शिक्षा केंद्र बने। विश्वविद्यालय धीरे-धीरे उस दृष्टिकोण को साकार कर रहा है, जिसमें यह प्राचीन ज्ञान पर आधारित, समकालीन यथार्थ से जुड़ा, और भविष्य निर्माण हेतु प्रतिबद्ध एक वैश्विक शिक्षा केंद्र बने। शैक्षणिक उत्कृष्टता, अंतर-सांस्कृतिक संवाद, और भावी पीढ़ियों के लिए नए मार्ग निर्माण हेतु प्रतिबद्ध हैं। वर्षों में नालंदा ने एक विशिष्ट पहचान विकसित की है। एक अग्रणी ज्ञान केंद्र के रूप में। इसे अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और विशिष्ट संकाय द्वारा संचालित एक जीवंत शैक्षणिक वातावरण प्राप्त है।

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