Spiritual Teachings Importance of Bhagwat Katha in Achieving Detachment and Purification समस्त पापों का शमन करने वाला ग्रंथ है श्रीमद्भागवत पुराण, Buxar Hindi News - Hindustan
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समस्त पापों का शमन करने वाला ग्रंथ है श्रीमद्भागवत पुराण

शहर के शिवपुरी स्थित काली मंदिर में सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया है। आचार्य रणधीर ओझा ने बताया कि भागवत कथा श्रवण से भक्ति, ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि...

Newswrap हिन्दुस्तान, बक्सरSun, 15 June 2025 08:46 PM
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समस्त पापों का शमन करने वाला ग्रंथ है श्रीमद्भागवत पुराण

प्रवचन वैराग्य का अर्थ संसार से भागना नहीं, बल्कि मोह माया व वासनाओं से उठना है आचार्य ने बताया कि मंदाकिनी में स्नान करने से जीव के सभी पाप धुल जाते हैं बक्सर, निज संवाददाता। शहर के शिवपुरी स्थित काली मंदिर में सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया है। पहले दिन कथा व्यास मामाजी के कृपापात्र आचार्य रणधीर ओझा ने श्रीमद्भगवत महात्म्य बताते हुए कहा कि भागवत कथा श्रवण से भक्ति, ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, पापियों के पाप का भी नाश होता होता है। ऋषियों ने एक बार नारदजी से पूछा कि महाराज पापियों का कैसे उद्धार होता है।

तब नारदजी ने बताया कि जिसने जीवन में पाप (अत्याचार, पापाचर, दुराचार और भ्रष्टाचार) के अतिरिक्त कोई कार्य न किया हो और अपना पूरा जीवन को इन्हीं कामों में समर्पित कर दिया हो। ऐसे महापापी कदाचित जीवन में एक बार भी कथा न सुन पाए हो तो वो मरने के बाद भूत, प्रेत योनी में जाकर सुने, तो भी परम पावन हो जाता है। आचार्यने कहा कि ज्ञान वहीं सार्थक है। जो व्यक्ति को अहंकार से मुक्त कर ईश्वर से जोड़ दें। वहीं, वैराग्य का तात्पर्य है संसार से भागना नहीं, बल्कि मोह माया और वासनाओं से ऊपर उठना है। आचार्य ने धुंधकारी की कथा सुनाते हुए कहा कि धुंधकारी एक दुष्टात्मा था। जो जीवन में कभी अच्छा कार्य नहीं किया। परंतु सात दिन तक बांस के छिद्र में बैठकर भागवत कथा का श्रवण किया। कथा संपन्न होते ही वह दिव्य पुरुष के रूप में उत्पन्न हुआ। स्वयं भागवत कथा की प्रशंसा करते हुए कहा कि धन्य है भागवत कथा। जिसने मुझ जैसे प्रेतात्मा को भी परम पुनीत बना दिया। सब प्रकार के पापों को भस्म करनेवाली इस कथा को कौन श्रवण करना नहीं चाहेगा। भगवान की यह मंगलमयी कथा संसार के समस्त पापों का शमन करने में समर्थ है। आचार्य ने बताया कि मंदाकिनी में स्नान करने से जीव के सभी पाप धुल जाते हैं।

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