Heatwave Causes Surge in Seasonal Illnesses in Chapra Hospitals हीट वेव व मौसमी बीमारियों से अस्पताल में बढ़े मरीज, Chapra Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsChapra NewsHeatwave Causes Surge in Seasonal Illnesses in Chapra Hospitals

हीट वेव व मौसमी बीमारियों से अस्पताल में बढ़े मरीज

छोटे बच्चे भी वायरल फीवर व निमोनिया के हो रहे शिकार, बुखार, सिर दर्द और बदन दर्द के मरीज आ रहे हैं। लू से कई की तबीयत भी बिगड़ रही है। सबसे ज्यादा बच्चे पीड़ित हो रहे हैं। छपरा सदर अस्पताल के...

Newswrap हिन्दुस्तान, छपराSun, 15 June 2025 10:12 PM
share Share
Follow Us on
हीट वेव व मौसमी बीमारियों से अस्पताल में बढ़े मरीज

छपरा, हमारे संवाददाताl हीट वेव और मौसमी बीमारी से अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीज बढ़े हैं। उल्टी, दस्त, बुखार, सिर दर्द और बदन दर्द के मरीज आ रहे हैं। लू से कई की तबीयत भी बिगड़ रही है। सबसे ज्यादा बच्चे पीड़ित हो रहे हैं। छपरा सदर अस्पताल के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर अमूमन 200 मरीजों की भीड़ रजिस्ट्रेशन काउंटर के बाहर अपना रजिस्ट्रेशन करने के लिए लग रही हैंl वायरल फीवर से लेकर चर्म रोग व निमोनिया के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैंl जिला अस्पताल से लेकर रेफरल अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व निजी अस्पतालों पर बीमार लोगों की भीड़ बढ़ने लगी हैं ।

अस्पताल में हीटवेव के मरीज भी भर्ती हो रहे हैं। बेड और दवा की उपलब्धता है पर गर्मी में एसी व कूलर की जरूरत है। छपरा सदर अस्पताल के ओपीडी में फिजिशियन विभाग में और शिशु विभाग में पहले की तुलना में इन दिनों मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। पहले जहां तीन माह पहले फिजिशियन विभाग में 130 मरीज ही पहुंचते थे अब 210 से अधिक मरीज वायरल फीवर के पहुंच रहे हैं। मालूम हो कि सदर अस्पताल की इमरजेंसी में मौसमी बीमारी की वजह से तीन-चार मरीज दस्त के पहुंच रहे हैं। मालूम हो कि ओपीडी में प्रतिदिन 700 सौ के आस पास रजिस्ट्रेशन हो रहा है। इनमें सबसे अधिक 330 से लेकर 400 तक फिजिशियन डिपार्टमेंट लोग दिख रहे हैं। हालांकि टाइफाइड के मरीज अभी इक्का-दुक्का ही आ रहे हैं । सर्दी, खांसी, बुखार व नाक से पानी गिर रहा हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर डॉ इशिका सिन्हा बताती हैं कि मौसम में परिवर्तन की वजह से बीमार बच्चे भी काफी पहुंच रहे हैं । चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आशुतोष रंजन बताते हैं कि गर्मी के मौसम में त्वचा रोगों से बचने के लिए आप खुद को हाइड्रेटेड रखें, धूप में अधिक समय तक न रहें, सूती कपड़े पहनें और त्वचा को साफ रखें।खूब पानी पीयें ताकि त्वचा को नमी मिले और पसीने से होने वाले नुकसान से बचा जा सके।धूप में अधिक समय तक रहने से बचें, खासकर तेज धूप में। जब भी बाहर निकलें तो सनस्क्रीन लगाएं और छाते का उपयोग करें।सूती कपड़े सांस लेने योग्य होते हैं और वे त्वचा पर पसीने को इकट्ठा होने से रोकते हैं खुजली होने पर ठंडी सिकाई करें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार एंटीहिस्टामाइन या अन्य दवाएं लें।एलर्जी वाले व्यक्तियों को अपने आस-पास के वातावरण से एलर्जी को कम करने के लिए एयर फिल्टर का उपयोग करना चाहिए और बाहर जाने के बाद शॉवर लेना चाहिए। क्या कहते हैं चिकित्सा हीटवेव के वायरल फीवर अधिक हो रहा है। नाक से पानी गिरना, खांसी बुखार हो रहे हैं। 102 डिग्री से अधिक बुखार होने पर नॉर्मल पानी से शरीर को हल्का कपड़ा से पोंछना है। चार से पांच दिन अगर लगातार बुखार है तो डॉक्टर से परामर्श के बाद ही एंटीबायोटिक दवा लें। वायरल फीवर से बचने के लिए धूप में न निकले जिले के सरकारी अस्पतालों में पहुंचकर डॉक्टर से परामर्श ले। डॉ के एम दुबे फिजिशियन, सदर अस्पताल, छपरा कोट सदर अस्पताल के ओपीडी में और इमरजेंसी में वायरल फीवर से लेकर निमोनिया और चर्म रोग की दवाई, एंटीबायोटिक और जरूरत की सभी दवाएं उपलब्ध है। वैसे वायरल फीवर के मरीजों की संख्या बढ़ी है । डॉक्टर आर एन तिवारी उपाधीक्षक, सदर अस्पताल हीटवेव से कई लोग हो रहे पीड़ित, मरीजों की परेशानी बढ़ी फोटो 4 तरैया रेफरल अस्पताल के वार्ड में हीटवेव से हो रहा पीड़िता का उपचार तरैया, एक संवाददाता।हीटवेव ,कड़ाके की धूप व भीषण गर्मी के कारण लोग कई बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। वही इस तपती गर्मी व लू की चपेट में आने से डायरिया का प्रकोप बढा है। दस्त व उल्टी हो रही है।साथ ही सर्दी गर्मी से इन्फुलंजा बीमारी की चपेट में लोग आ रहे हैं।इस समय रेफरल अस्पताल में रोगियों की संख्या बढ़ गई है।इस अस्पताल में डायरिया की रोकथाम के लिए मेट्रेनिडाजॉल की सलाइन नहीं है।वही जरूरत पड़ने पर मरीज के परिजन बाजार से खरीदकर लाते है।इस सम्बंध में पीड़ित के परिजन तरैया निवासी मनोज तिवारी ने बताया कि बजार से खरीदकर मेट्रनस्लाइन चढ़वा रहे हैं जबकि सर्दी खांसी के लिए कई वर्षों से अस्पताल में कफ सिरप नहीं हैं जिससे मरीजों को परेशानी होती हैं।इस सम्बंध में पूछने पर अस्पताल प्रभारी डॉ आलोक बिहारी शरण ने बताया कि हीटवेव के मरीजों के प्रतिनिधि पांच से दस के बीच आ रहे है।अस्पताल में जो दवा है उससे मरीजों का इलाज किया जा रहा है। हीटवेव के कारण गर्मी जनित बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ी फोटो 2 रविवार को गड़खा अस्पताल में मरीज की जांच करते डॉक्टर गड़खा, एक संवाददाता। हीटवेव के कारण गर्मी जनित बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी है। गड़खा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने आने वाले मरीजों में बुखार, सर्दी, खांसी, उल्टी, दस्त और एलर्जी से पीड़ित मरीजों की संख्या पहले की तुलना में अधिक है। हालांकि तेज गर्मी व अत्यधिक धूप के कारण अस्पताल के ओपीडी में अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीज कम आ रहे हैं। जहां पहले ओपीडी में रोजाना 125 से 150 मरीज पहुंचते थे वहीं अब 90 से 100 मरीज ही अस्पताल पहुंच रहे हैं। इनमें हीटवेव के कारण लोग तेजी से उल्टी, दस्त व इससे संबंधित बीमारियों के शिकार हो अस्पताल पहुंच रहे हैं। इसके अलावा बुखार, खांसी, बदन दर्द जैसी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या भी अच्छी-खासी होती है। मरीजों की भीड़ सुबह से ही सीएचसी में लगनी शुरू हो जा रही है। इनमें छोटे बच्चे, शिशुवती महिलाओं व बुजुर्गों की संख्या भी देखी जा रही है। हालांकि दोपहर होते-होते मरीजों की संख्या काफी कम हो जा रही है। निजी क्लीनिकों में कई मरीज डायरिया के भी पहुंच रहे हैं। बबिता देवी, बसंती देवी, मधु कुमारी, निधि कुमारी, सीमा कुमारी, किरण देवी, सोनी देवी ने बताया कि अत्यधिक गर्मी व हीटवेव के कारण शरीर पर इसका विपरीत असर पड़ रहा है। ये सभी गर्मी जनित बीमारियों की चपेट में थे। इससे पीड़ित अस्पताल पहुंचे कई अन्य मरीज भी बेहाल दिखे। चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मेहा कुमारी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से हीटवेव के कारण दस्त, बुखार व खांसी से ग्रसित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। हालांकि अस्पताल में दवाओं की कमी नहीं है और इससे संबंधित सभी दवाएं पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं। हीट वेव से बचने के लिए अस्पताल में लगा कूलर, अलग बेड की व्यवस्था बढ़ती गर्मी में लू लगना बना बड़ी स्वास्थ्य समस्या डॉक्टर और नर्स की टीम को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश बनियापुर, एक प्रतिनिधि। बढ़ती तपिश व हीट वेव को देखते हुए रेफ़रल अस्पताल बनियापुर में विशेष तैयार की गयी है। मरीजों वाले वार्डों में गर्मी से निबटने को लेकर अस्पताल प्रशासन की ओर से खास ख्याल रखा जा रहा है। अस्पताल के एक वार्ड में दो बेड अलग सुरक्षित किये गए हैं। इन बेडों पर कूलर व अन्य सुविधाएं लगाई गई हैं। चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर एमएम जाफरी ने बताया कि अस्पताल में हीट वेव के मरीजों के आने की संभावना को देखते हुए इस तरह की व्यवस्था की गई है ताकि, यहां हीट वेव के मरीजों को भर्ती किया जा सके। इसके साथ ही पूरे डाक्टर व स्टाफ की टीम को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है। सामान्य वार्ड में भी जरूरत के अनुसार, गर्मी से निबटने के लिए व्यवस्था की जानी है। डॉ. जाफरी ने बताया कि बीते चार दिनों से भीषण गर्मी के प्रकोप से जनजीवन अस्तव्यस्त है। हीटवेव, कड़ी धूप और भीषण गर्मी में उल्टी और दस्त के साथ सिर दर्द, बुखार और बदन दर्द की मरीजों की संख्या बढ़ी है। बीमार बच्चे भी अधिक संख्या में अस्पताल आ रहे हैं। ऐसे में आवश्यक सभी दवाएं उपलब्ध हैं। डॉक्टर भी ड्यूटी पर नियमित लगाए गए हैं। इस मौसम में लू लगना स्वास्थ्य समस्या बन गयी है। लू से निबटने के लिए सही प्रबंध नहीं होने पर यह स्थिति गंभीर हो जाती और इससे जान को भी खतरा रहता है। गर्मी के मौसम में शिशु और छोटी उम्र के बच्चों व बुजुर्ग का बहुत अधिक ध्यान रखने की जरूरत होती है। लू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न जानकारी दी जा रही हैं। बच्चों व बुजुर्ग को लू लगने से बचाना बेहद जरूरी है। पांच साल से कम उम्र के बच्चों को पसीना कम निकलता है और वे जल्दी गर्म वातावरण के अभ्यस्त नहीं हो पाते हैं। इसलिए लंबे समय तक धूप में रहने से बच्चे बीमार पड़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि घर से बाहर निकलने से पहले ओआरएस अथवा पर्याप्त पानी पीना चाहिए। खाली पेट धूप में निकलने से बचना चाहिए। जरूरी न हो तो घर से बाहर भी नहीं निकलना चाहिए।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।