महागठबंधन की मीटिंग से पहले सीट-गीत शुरू, माले ने बताई 45 पर तैयारी, सहनी ने दोहराई 60 की मांग
बिहार चुनाव को लेकर महागठबंधन की गुरुवार को होने वाली बैठक से पहले सीट-गीत शुरू हो गया है। सीपीआई माले ने जहां 45 सीटों पर अपनी तैयारी की बात कही है। वहीं, मुकेश सहनी ने 60 सीटों की मांग को दोहराया है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर 12 जून को पटना में होने वाली महागठबंधन की बैठक से पहले घटक दलों की ओर से सीटों को लेकर दावे करना शुरू कर दिया है। लेफ्ट पार्टी सीपीआई माले ने मंगलवार को 45 विधानसभा सीटों पर दावा ठोकते हुए चुनाव की तैयारी होने की बात कह दी। वहीं, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के मुखिया मुकेश सहनी ने अपनी 60 सीटों की मांग दोहराई है। इससे तेजस्वी यादव की आरजेडी के सामने चुनौती खड़ी हो सकती है। गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस भी इस बार पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा सीटों मांगने की तैयारी में है।
बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधासनभा चुनाव संभावित है। महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस और वीआईपी के अलावा तीनों लेफ्ट पार्टियां- सीपीआई माले, सीपीआई और सीपीएम मिलकर चुनाव लड़ेंगी। कयास लगाए जा रहे हैं कि महागठबंधन की गुरुवार को होने वाली आगामी बैठक में सीट शेयरिंग पर चर्चा हो सकती है। इससे पहले हुई बैठकों में सीटों के बंटवारे पर बात नहीं हो पाई थी।
माले का 45 सीटों पर दावा
सीपीआई माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने मंगलवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उनकी पार्टी ने 40 से 45 सीटों पर तैयारी कर रखी है। 12 जून को होने वाली महागठबंधन की बैठक में चुनाव के आगामी मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके साथ ही सीपीआई माले 12 से 27 जून तक बदलो सरकार, बदलो बिहार के नाम से चार यात्राएं निकालेगी। यह यात्राएं शाहाबाद, मगध, चंपारण और तिरहुत क्षेत्र में होंगी।
मुकेश सहनी ने 60 सीटों की बात दोहराई
वीआईपी प्रमुख ने समस्तीपुर में मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी ने कुछ सीटों को चिह्नित किया है। वीआईपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मार्च महीने में ही तय कर लिया गया था कि पार्टी राज्य की 243 में से 60 सीटों पर लड़ेगी। सहनी ने कहा कि गठबंधन के प्लेटफॉर्म पर यह बात रखी जाएगी। दो-चार सीटें कम-ज्यादा हो सकती है।
2020 के विधानसभा चुनाव में वीआईपी को छोड़कर अन्य पांचों दलों ने महागठबंधन में मिलकर चुनाव लड़ा था। आरजेडी ने 144, कांग्रेस ने 70, सीपीआई माले ने 19, सीपीआई ने 6 और सीपीएम ने 4 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। हालांकि, महागठबंधन बहुमत के आंकड़े से चूक गया और 110 सीट पर ही जीत पाया। आरजेडी ने 75, कांग्रेस ने 19, माले ने 12 और सीपीएम एवं सीपीआई ने 2-2 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
सभी दल पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा सीटों पर लड़ने की कोशिश में जुटे हुए हैं। हालांकि, कांग्रेस भी इस बार खुद को मजबूत दिखाते हुए 70 से ज्यादा सीटों पर दावा ठोक रही है। पिछले चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने वाली माले की डिमांड भी बढ़ी हुई नजर आ रही है। ऐसे में महागठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमिटी के अध्यक्ष तेजस्वी यादव के सामने सीट शेयरिंग फॉर्मूला तय करने का काम चुनौती भरा हो सकता है।