डीएमसीएच के नशामुक्ति केंद्र में न दवा उपलब्ध है और न ही पानी
दरभंगा के डीएमसीएच के नशामुक्ति केंद्र में मरीजों के लिए आवश्यक दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। 10 बेड के केंद्र में 9 मरीज भर्ती हैं, लेकिन इलाज के लिए परिजनों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ रही है। दवाओं की सूची...

दरभंगा, नगर प्रतिनिधि। डीएमसीएच के मेडिसिन विभाग स्थित नशामुक्ति केंद्र में मरीजों के इलाज के लिए एक दवा भी उपलब्ध नहीं है। दवा उपलब्ध कराने के लिए अधीक्षक कार्यालय को पत्र पर पत्र भेजे जा रहे हैं। बावजूद इसके दवा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। नशे की लत छुड़ाने के लिए फिलहाल 10 बेड के नशामुक्ति केंद्र में नौ मरीज एडमिट हैं। नशे के मरीजों का इलाज 21 दिनों तक चलता है। उनके इलाज के लिए परिजनों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ रही है। बताया जाता है कि दवा खरीदने में उन्हें तीन से चार हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं।
सूत्रों के अनुसार नशामुक्ति केंद्र में दवाओं की सूची में 62 दवाओं को शामिल किया गया है। इनमें से 15-16 दवाएं ऐसी हैं जो इलाज के लिए निहायत जरूरी हैं। इनमें डायजेपाम, लोरेंजापान, ट्रामाडोल जैसी अति आवश्यक दवाएं शामिल हैं। सभी दवाएं महीनों से नदारद हैं। फिलहाल नशामुक्ति केंद्र में केवल बी कॉम्प्लेक् सिरप उपलब्ध है, वह भी अगले महीने ही एक्सपायर हो जाएगी। बता दें कि वहां इलाज के लिए आने वाले अधिकतर मरीज गरीब होते हैं। नशे की लत रहने से उनका परिवार परेशान हो जाता है। लत छुड़ाने के लिए उन्हें नशामुक्ति केंद्र में भर्ती कराया जाता है। नशामुक्ति केंद्र सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया जाता है। वहां डॉक्टर और कर्मियों की तैनाती का जिम्मा सिविल सर्जन कार्यालय का है। दवा, पानी आदि की व्यवस्था डीएमसीएच प्रशासन की है। उधर, नशामुक्ति केंद्र में वाटर कूलर कई दिनों से खराब पड़ा है। इस भीषण गर्मी में वहां पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है। बताया जाता है कि कर्मी मेडिसिन आईसीयू के बगल से पानी भरकर लाते हैं। तब जाकर मरीज और उनके परिजन प्यास बुझा पाते हैं। डॉक्टर, नर्स और कर्मियों के लिए भी वहां पेयजल उपलब्ध नहीं है। बताया जाता है कि वाटर कूलर को दुरुस्त करने के लिए भी अधीक्षक कार्यालय को पत्र भेजा गया है।
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