पेयजल संकट व अतिक्रमण से बेहाल शिवाजीनगर में सफाई भी नहीं होती
शिवाजीनगर मोहल्ले में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। यहां गंदगी, अतिक्रमण और पेयजल की कमी से लोग परेशान हैं। सफाईकर्मियों की अनुपस्थिति के कारण मोहल्ले की स्थिति खराब है। हर घर नल-जल योजना भी शुरू नहीं...
शहर के शिवाजीनगर मोहल्ले में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। सड़कों, गलियों, नालों व फुटपाथ किनारे पसरी गंदगी और भोजन की खोज में मंडराते आवारा पशु मोहल्ले की दुर्दशा बयां करते हैं। लोग बताते हैं कि गंदगी, अतिक्रमण और पेयजल की किल्लत से जीना मुहाल है। इसकी शिकायत करने के बावजूद आज तक निगम के अधिकारी मोहल्ले का निरीक्षण तक करने नहीं आए। लोगों की मानें तो शहर के इस हिस्से में साफ-सफाई की निगम कर्मी खानापूरी करते हैं। मोहल्ले में तैनात अधिकतर सफाईकर्मी आते ही नहीं हैं। इस वजह से रोज सड़कों पर झाड़ू तक नहीं लगता है। सिर्फ सुबह भी 'कचरा वाला आया, घर से कचरा निकाल' गीत बजाते हुए टीपर वाहन व ठेला आता है। उसके कर्मी कूड़े के ढेर को उठाकर चले जाते हैं। लोग इसका जिम्मेवार निगम प्रशासन को मानते हैं। बताते हैं कि निगम के अधिकारी सफाई या अन्य कार्यों की मॉनिटरिंग नहीं करते हैं। इस कारण शिवाजीनगर में बुनियादी सुविधाओं की लचर स्थिति से लोग परेशान हैं। स्थानीय नारायण सहनी बताते हैं कि अपर्याप्त सफाई के चलते मोहल्ले में गंदगी है। वहीं अतिक्रमण के चलते कार-ट्रक जैसे बड़े वाहनों को मोड़ने या घुमाने में चालकों को दिक्कत होती है। उन्होंने बताया कि कई बार एंबुलेंस फंस जाती है। इसके बावजूद निगम अधिकारी वृंदावन घाट, मशरफ बाजार, शिवाजी नगर चौक आदि जगहों के अतिक्रमण का स्थायी निदान नहीं निकाल रहे हैं।
हर घर नल-जल योजना का डीपीआर रद्द: शिवाजीनगर मोहल्ला दरभंगा नगर निगम के वार्ड 22 का हिस्सा है। इस हिस्से में प्रबुद्ध व्यवसायियों के साथ अन्य वर्गों के लोग रहते हैं। ठाकुर ईश्वर सिंह, अरुण प्रसाद, मो. वाहिद, उर्मिला देवी, कमली देवी, सुशीला चौधरी, गौरी देवी, सुनील कुमार आदि बताते हैं कि गर्मी के दिनों में मोहल्ले के लोग हर साल जल संकट से जूझते हैं, फिर भी हर घर नल-जल योजना की शुरुआत नहीं हुई है। वार्ड में लगे सबमरसेबुल व वाटर टैंकर से पानी मिलता है, पर उसे स्टोर करने की दिक्कत है। उन्होंने बताया कि सबमरसेबुल से घर के सभी बरतनों में पानी भरकर रखते हैं, फिर भी पानी कम जाता है। इस कारण दिन में कई बार पानी लाने जाना पड़ता है। घर में नल से पानी आता तो सुविधा होती। पार्षद रिंकू कुमारी बताती हैं कि वार्ड नंबर 22 में नल-जल योजना के लिए प्रस्ताव बनाया गया और मारवाड़ी स्कूल, वृंदावन घाट एवं राधाकृष्ण ठाकुरबाड़ी कैंपस में मोटर पंप हाउस निर्माण स्थल को चिह्नित कर एनओसी दिया गया। फिर जब फेज दो योजना का काम शुरू हुआ तो बेवजह डीपीआर रद्द कर दिया गया। इसी के कारण शिवाजीनगर में जल की किल्लत है। उन्होंने बताया कि निगम या बुडको के अधिकारी पार्षदों की भी नहीं सुनते हैं। इस कारण साफ-सफाई जैसे काम कराने में दिक्कत होती है। उन्होंने बताया कि वार्ड में 13 सफाई कर्मी तैनात हैं, पर अक्सर सभी एक साथ ड्यूटी पर नहीं आते हैं। रोज चार-पांच कर्मी गायब रहते हैं। इसकी शिकायत करने पर भी निगम अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। इससे यह मोहल्ला बदहाल है। निगम के अधिकारियों को इस पर ध्यान देना चाहिए।
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