"बच्चों के विधिक सेवाएं व संरक्षण योजना 2015"की दी गयी कानुनी जानकारी
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पेज चार की खबर "बच्चों के विधिक सेवाएं व संरक्षण योजना 2015"की दी गयी कानुनी जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत नगर पंचायत कुदरा व उसरी में लगा शिविर बच्चों व महिलाओ के कानूनी अधिकार व संरक्षण से संबंधित प्रावधानों को बताया गया भभुआ,हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में नगर पंचायत कुदरा में "बच्चों के लिए बाल अनुकूल विधिक सेवाएं और उनका संरक्षण से संबंधित योजना 2015" विषय पर एक महत्वपूर्ण कानूनी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बच्चों के अधिकारों और उन्हें उपलब्ध कानूनी सेवाओं के बारे में समुदाय को शिक्षित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
इस जागरूकता अभियान का संचालन पैनल अधिवक्ता अभय कुमार सिंह एवम अमिय शंकर उपाध्याय और अधिकार मित्र राकेश गुप्ता द्वारा किया गया। वकील अभय कुमार सिंह और अमीयेशंकर उपाध्याय और श्री गुप्ता ने उपस्थित लोगों को "बच्चों के लिए बाल अनुकूल विधिक सेवाएं और उनका संरक्षण से संबंधित योजना 2015" के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बच्चों के कानूनी अधिकारों, उनके संरक्षण से संबंधित प्रावधानों, और किसी भी प्रकार के शोषण या दुर्व्यवहार की स्थिति में उपलब्ध कानूनी सहायता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में बच्चों के सर्वोत्तम हितों को सुनिश्चित करने और उन्हें सुरक्षित व सहायक वातावरण प्रदान करने के महत्व पर जोर दिया गया। इस अवसर पर नगर पंचायत कुदरा के गणमान्य नागरिक, स्थानीय प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी उपस्थित थे। उपस्थित लोगों ने कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया और पैनल अधिवक्ता व अधिकार मित्र से विभिन्न प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बच्चों के अधिकारों के संरक्षण और उन्हें न्याय तक पहुंच प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कार्यक्रम इसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम था, जिसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर कानूनी जागरूकता फैलाना है। भविष्य में भी ऐसे जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहेगा ताकि समाज के हर वर्ग को उनके कानूनी अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया जा सके। वही आज रविवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार, कैमूर के तत्वाधान में मोहनिया प्रखंड के उसरी पंचायत भवन में "कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013" के नाम से जाना जाता है, पर एक जागरूकता कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य संचालन पैनल अधिवक्ता अमियाशंकर उपाध्याय और अधिकार मित्र पार्वती देवी द्वारा किया गया। उन्होंने उपस्थित सभी प्रतिभागियों को विभिन्न पहलुओं, इसके उद्देश्यों, यौन उत्पीड़न की परिभाषा, कार्यस्थल की व्यापकता, और आंतरिक शिकायत समिति व स्थानीय शिकायत समिति के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को कार्यस्थल पर होने वाले यौन उत्पीड़न के खिलाफ उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उन्हें शिकायत दर्ज करने तथा न्याय प्राप्त करने के लिए उपलब्ध निवारण तंत्रों के बारे में शिक्षित करना था। वक्ताओं ने समझाया कि यह अधिनियम एक कानूनी रूप है, और किस प्रकार यह महिलाओं के लिए एक सम्मानजनक और सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने में सहायक है। अधिवक्ता अमियाशंकर उपाध्याय ने अधिनियम में निहित शिकायत प्रक्रिया और दोषियों के खिलाफ निर्धारित दंड प्रावधानों पर प्रकाश डाला। जबकि अधिकार मित्र पार्वती देवी ने महिलाओं को निर्भीक होकर अपनी आवाज़ उठाने और अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक नियोक्ता का यह दायित्व है कि वह एक सुरक्षित और उत्पीड़न मुक्त कार्यस्थल प्रदान करे। जिला विधिक सेवा प्राधिकार, कैमूर इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से समाज के हर वर्ग तक कानूनी साक्षरता पहुंचाने और विशेष रूप से महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कार्यक्रम उसरी पंचायत भवन में बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं और स्थानीय निवासियों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ, जिससे उन्हें अपने कानूनी अधिकारों की बेहतर समझ मिली। फोटो परिचय 15-भभुआ-09-जिले के कुदरा नगर पंचायत भवन में आयोजित विधिक जागरुकता शिविर में कानुनी जानकारी देते पैनल अधिवक्ता व अन्य
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