Gang involved in betting on cricket match from Thailand-Dubai exposed किडनैपिंग की झूठी कहानी से लेकर इंटरनेशनल सट्टा का खेल, थाईलैंड-दुबई तक फैले गिरोह का पर्दाफाश, Ncr Hindi News - Hindustan
Hindi Newsएनसीआर NewsGang involved in betting on cricket match from Thailand-Dubai exposed

किडनैपिंग की झूठी कहानी से लेकर इंटरनेशनल सट्टा का खेल, थाईलैंड-दुबई तक फैले गिरोह का पर्दाफाश

ग्रेटर नोएडा पुलिस ने इंटरनेशनल सट्टा गैंग का पर्दाफाश किया है। ये गैंग थाईलैंड और दुबई से चलाया जा रहा था। किडनैपिंग की झूठी कहानी की जांच से शुरू हुई पड़ताल इस गिरोह तक पहुंची।

Anubhav Shakya लाइव हिन्दुस्तान, ग्रेटर नोएडाMon, 16 June 2025 08:08 AM
share Share
Follow Us on
किडनैपिंग की झूठी कहानी से लेकर इंटरनेशनल सट्टा का खेल, थाईलैंड-दुबई तक फैले गिरोह का पर्दाफाश

ग्रेटर नोएडा के कासना कोतवाली पुलिस और स्वाट टीम ने क्रिकेट मैच पर ऑनलाइन सट्टा लगवाने वाले गिरोह का रविवार को पर्दाफाश किया। ग्रेनो वेस्ट की दो अलग-अलग सोसाइटी से आठ सटोरियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपी ऐप के जरिये यह काम करते थे। यह गिरोह थाईलैंड और दुबई से चलाया जा रहा था।

ग्रेटर नोएडा के डीसीपी साद मियां खान ने बताया कि कासना कोतवाली पुलिस और स्वाट टीम ने अलवर राजस्थान के दो युवकों के अपहरण की झूठी कहानी की जांच के दौरान अंतर्राष्ट्रीय सट्टा गिरोह का पर्दाफाश किया। पुलिस टीम ने ग्रेनो वेस्ट की व्हाइट आर्किड और राधा स्काई गार्डन सोसाइटी से आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान भीम, नारायण, ध्रुव, सन्नी, मुकीम, विशाल कुमार, हिमाशु दकान और सुखदेव सिंह के तौर पर हई। सभी मौजूदा समय में राधा स्काई गार्डन और व्हाइट आर्किड सोसाइटी में रह रहे थे।

आरोपियों के पास से चार लैपटॉप, 26 मोबाइल, 16 सिम, दो रजिस्टर, फर्जी आधार कार्ड, दो चेक बुक, तीन पासबुक और एक पासपोर्ट समेत अन्य सामान बरामद किया गया। पुलिस का दावा है कि गिरोह के सदस्य रुद्रा क्रिकलिव ऐप का इस्तेमाल कर रहे थे। यह ऐप भारत में प्रतिबंधित है। पुलिस पूछताछ में आरोपियों से पता चला कि यह लोग ऐप के माध्यम से लाइव क्रिकेट मैच में ओवर के दौरान बनाए जाने वाले रन स्कोर और विकेट पतन व हार जीत आदि को लेकर सट्टा लगाते हैं। ऐप में इनके व्हाट्सएप नंबर चालू रहते हैं। जिन लोगों को सट्टा खेलना होता है, वह इनके द्वारा दिए गए नंबरों पर व्हाट्सएप कॉल करते हैं। इनके द्वारा प्रति व्यक्ति को अलग अलग आईडी प्रदान की जाती है। इसी आईडी के माध्यम से लोग सट्टा खेलते हैं। यह पूरा काम लैपटॉप और मोबाइल फोन के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है।

अपहरण की झूठी कहानी से पकड़ा गया गिरोह

डीसीपी साद मियां खान ने बताया कि इस गिरोह में अकाउंट का काम देखने वाले राजस्थान के रहने वाले भीम ने खुद के अपहरण की एक झूठी कहानी रची थी। दरअसल, कासना पुलिस को 12 जून को सूचना मिली कि दो युवकों का अपहरण कर लिया गया है। यह कॉल अलवर राजस्थान के रहने वाले भीम के पिता सुभाष यादव ने की थी। पिता की सूचना पर पुलिस ने उनके बेटे और भतीजे की तलाश शुरू की। इनकी लोकेशन ग्रेनो वेस्ट की एक सोसाइटी में मिली। पुलिस यहां पहुंची तो पता चला कि दोनों आरोपी अपने साथियों के साथ मिलकर क्रिकेट मैच में सट्टा लगवाने का गिरोह चला रहे थे। पुलिस पूछताछ में भीम ने बताया कि उसने खुद अपने अपहरण की साजिश रची थी। भीम के मुताबिक वह यहां अकाउंट का काम देखता है। उसके हिसाब में दस लाख रुपये की हेराफेरी आ रही थी। गिरोह के मैनेजर ने यह पैसे देने का दबाव बनाया। इसलिए अपहरण की साजिश रची।

रोज तीस लाख रुपये विदेश भेजे जा रहे

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि रोज औसतन तीस लाख रुपये थाईलैंड और दुबई भेजे जा रहे हैं। पकड़े गए आरोपी प्रतिदिन की बचत को खातों में ट्रांसफर करते थे। पुलिस को आरोपियों से पूछताछ के बाद इनके खातों में करोड़ों का लेनदेन मिला है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

एनसीआर में 20 ठिकाने

पुलिस पूछताछ में पता चला है कि थाईलैंड व दुबई में बैठे सरगना दिल्ली एनसीआर में 20 ठिकाने संचालित कर रहे हैं। ग्रेटर नोएडा में दो ब्रांच पुलिस ने पकड़ी है। पुलिस अन्य ब्रांच के बारे में जानकारी जुटा रही है। पुलिस को शक है कि दिल्ली एनसीआर में काफी बड़ा रैकेट काम कर रहा है। पुलिस ने इसकी छानबीन शुरू कर दी है।

फर्जी नाम-पते पर सिम कार्ड मुहैया कराए जाते थे

पुलिस पूछताछ में आरोपी भीम सिंह ने बताया कि वे सभी क्रिकेट बैटिंग का काम करते हैं। उनका काम लैपटॉप और मोबाइल के माध्यम से होता है। उन्हें फर्जी नाम पते पर सिम कार्ड और फर्जी अकाउंट संबंधित दस्तावेज उनके बॉस के द्वारा उपलब्ध कराया जाता हैं। थाईलैंड और दुबई से पूरा गैंग ऑपरेट किया जाता है।