कर्नल सोफिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले भाजपा नेताओं को अमित शाह ने चेताया, कही ये बात
भाजपा नेता अमित शाह ने भाजपा नेताओं को संवेदनशील मामलों में टिप्पणी ना करने की हिदायत दी है। केंद्रीय गृह मंत्री मध्य प्रदेश में सांसद विधायक प्रशिक्षण वर्ग के उद्घाटन समारोह में पहुंचे थे। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में भाजपा के 29 लोकसभा और 7 राज्यसभा सांसद भाग ले रहे हैं।

बीते दिनों कर्नल सोफिया कुरैशी और ऑपरेशन सिंदूर जैसे मामलों पर बेतुके बयान देने वाले भाजपा नेताओं को भाजपा नेता अमित शाह ने सख्त हिदायत दे दी है। केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान पार्टी के नेताओं को असंवेदनशील बयान देने से बचने की सलाह दी है। इस दौरान शाह ने यह भी कहा कि इस तरह की गलती दोहराए जाने की कोई गुंजाइश नहीं है। बता दें कि अमित शाह मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में भाजपा नेताओं के लिए आयोजित एक प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन के लिए पहुंचे थे।
पार्टी के प्रशिक्षण शिविर में सांसदों और विधायकों को संबोधित करते हुए अमित शाह ने इस बात पर जोर दिया कि भाषण देते समय संयम रखना सबसे अहम होता है। अमित शाह की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह, उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और नरेंद्र प्रजापति जैसे नेता बीते कुछ दिनों में आपत्तिजनक बयान देकर विवादों में घिर गए।
भाजपा नेताओं के विवादित बयान
पिछले महीने मध्य प्रदेश के जनजातीय मामलों के मंत्री विजय शाह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सेना की ब्रीफिंग का नेतृत्व करने वाले अधिकारियों में से एक कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद आलोचनाओं में घिरे थे। वहीं उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा की इस बयान की आलोचना की गई कि आतंकवादियों और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सशस्त्र बल और सभी सैनिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने ‘नतमस्तक’ हैं। इसके एक दिन बाद ही रीवा के मंनगवां से पहली बार भाजपा विधायक बने नरेंद्र प्रजापति ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम ‘संयुक्त राष्ट्र’ के आदेश के बाद हुआ।
BJP का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर
बता दें कि 14 से 16 जून तक हिल स्टेशन पचमढ़ी में आयोजित भाजपा के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य पार्टी के निर्वाचित प्रतिनिधियों को पार्टी की विचारधारा और अनुशासन को लेकर शिक्षित करना है। बीजेपी के 165 विधायक, 29 लोकसभा और सात राज्यसभा सदस्य इस शिविर में भाग ले रहे हैं। जानकारी के मुताबिक इस दौरान सख्ती का पालन किया जाएगा और नेताओं को ब्रेक के अलावा मोबाइल फोन चलाने की भी इजाजत नहीं होगी।