जब संत की समाधि पर बुलवाई रशियन डांसर; मंत्री विजय शाह का एक और बेशर्मी वाला किस्सा
ये पहली बार नहीं है जब विजय शाह इस तरह विवाद में फंसे हों। इससे पहले चाहे विद्या बालन के डिनर ठुकराने पर फिल्म की शूटिंग रुकवा देना हो या प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की पत्नी पर कमेंट करना हो, विजय शाह कई बार अलग-अलग विवादों के चलते सुर्खियां बटोर चुके हैं।

देश को ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकियों की बहन बताने वाले मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। एक तरफ जहां मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है तो वहीं कांग्रेस उनके इस्तीफे की मांग को लेकर धरने पर बैठ गई है। उनके खिलाफ एफआईआऱ दर्ज हो चुकी है और तो और मुख्यमंत्री मोहन यादव भी उनसे नाराज बताए जा रहे हैे।
दरअसल ये पूरा बवाल विजय शाह के उस भाषण के बाद शुरू हुआ जो उन्होंने मानपुर की पंचायत में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया था। इसमें उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी को उनकी धार्मिक पहचान के चलते पाकिस्तान और आतंकियों की बहन बता डाला था। उन्होंने कहा था कि जिन आतंकियों ने हमारी बहनों के सिंदूर उजाड़े, उन्हीं कटे पिटे लोगों को हमने उनकी बहन भेजकर उनकी ऐसी तैसी करवा दी। उन्होंने कहा, आतंकियों ने हमारे हिन्दुओं को कपड़े उतार-उतार कर मारा तो प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी तैसी करने उनके घर भेजा। बताए
ये पहली बार नहीं है जब विजय शाह इस तरह विवाद में फंसे हों। इससे पहले चाहे विद्या बालन के डिनर ठुकराने पर फिल्म की शूटिंग रुकवा देना हो या प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की पत्नी पर कमेंट करना हो, विजय शाह कई बार अलग-अलग विवादों के चलते सुर्खियां बटोर चुके हैं। ऐसा ही एक विवाद साल 2010 में भी हुआ था जब उनक पर संत की समाधि पर रशियन डांसर को नचाने का आरोप लगा था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस ने तो यह भी आरोप लगाया था कि विजय शाह ने खुद रशियन डांसर के साथ डांस किया। उस वक्त विजय शाह आदिवासी कल्याण मंत्री थे और कांग्रेस ने तब भी उनकी बर्खास्तगी की मांग की थी। मामला साल 2010 में खंडवा में आदिवासी कला उत्सव के नाम से आयोजित छह दिवसीय कार्यक्रम से जुड़ा था। ये कार्यक्रम महान संत दाता साहब की समाधि पर मेले के रूप में आयोजित हुआ था इसी कार्यक्रम में रशियन बेले डांसर भी बुलाई गईं थीं।
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक जब इस मामले पर बवाल बढ़ा तो विजय शाह ने इसे रूस की दुर्लभ संस्कृति बताया था। उन्होंने हंसते हुए कहा था कि मुझे नहीं पता कि जनपद पंचायत ने इतने कम पैसे में विदेशी कलाकारों को कैसे बुला लिया। इससे विवाद होगा, आयोजकों को ध्यान रखना चाहिए था।