Kedarnath flood and silkyara tunnel rescue operation are now included in Uttarakhand school book केदारनाथ की जलप्रलय-सिलक्यारा का साहस भी पढ़ेंगे बच्चे, उत्तराखंड की स्कूली किताब में क्या-क्या शामिल, Uttarakhand Hindi News - Hindustan
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केदारनाथ की जलप्रलय-सिलक्यारा का साहस भी पढ़ेंगे बच्चे, उत्तराखंड की स्कूली किताब में क्या-क्या शामिल

उत्तराखंड के स्कूलों में अब छात्र न केवल किताबी ज्ञान हासिल करेंगे, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं से बचाव और प्रबंधन भी सीखेंगे। शिक्षा विभाग ने पहली बार 9वीं और 10वीं क्लास के लिए आपदा प्रबंधन की बुक तैयार की है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, हल्द्वानी। प्रमोद डालाकोटीMon, 16 June 2025 07:58 AM
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केदारनाथ की जलप्रलय-सिलक्यारा का साहस भी पढ़ेंगे बच्चे, उत्तराखंड की स्कूली किताब में क्या-क्या शामिल

उत्तराखंड के स्कूलों में अब छात्र न केवल किताबी ज्ञान हासिल करेंगे, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं से बचाव और प्रबंधन भी सीखेंगे। शिक्षा विभाग ने पहली बार 9वीं और 10वीं क्लास के लिए आपदा प्रबंधन की बुक तैयार की है। यह किताब प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लागू हो गई है। इस किताब के जरिये छात्रों को केदारनाथ और मालपा जैसी आपदाओं में बचने के उपाय बताए जाएंगे। साथ ही, सिलक्यारा सुरंग हादसे में रैट माइनर्स की जांबाजी से भी छात्र रूबरू होंगे।

प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित उत्तराखंड में यह पहल नई पीढ़ी के लिए उनके जीवन में भी मददगार साबित होगी। किताब में भूकंप, बाढ़, भूस्खलन जैसी आपदाओं से बचाव के तरीके, आपातकालीन राहत कार्यों की जानकारी दी गई है। इसके अलावा यह किताब छात्रों में जागरूकता बढ़ाने और साहस का भाव पैदा करने का काम करेगी।

इसमें हुनरमंद बनेंगे छात्र

आग की घटना में रोकथाम,रक्तस्राव, करंट लगना, कुत्ते के काटने से बचाव, सर्पदंश, लू लगने पर क्या करें, हड्डी टूटना या मोच आने में प्राथमिक उपचार कैसे करें, बेहोशी या मूर्छा में क्या करें, सेटेलाइट फोन, रेडियो, इंटरनेट, विद्यालयी आपदा प्रबंधन के बारे में भी बताया जाएगा।

इन आपदाओं के बारे में भी जानेंगे

छात्रों को उत्तराखंड में हुई प्रमुख प्राकृतिक आपदाओं की जानकारी दी जाएगी। इसमें 1991 के उत्तरकाशी भूकंप, 1998 में पिथौरागढ़ के मालपा में भूस्खलन (219 लोगों की मृत्यु हुई), 2013 की केदारनाथ त्रासदी (5,000 से अधिक लोगों की जान गई), 1999 के चमोली भूकंप (100 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई), बूढ़ाकेदार आपदा और रैंणी (चमोली) हिमस्खलन जैसी घटनाओं को भी शामिल किया गया है।

पुष्कर लाल टम्टा, प्रभारी मुख्य शिक्षाधिकारी नैनीताल, ''पहली बार नौवीं और दसवीं क्लास में आपदा प्रबंधन की किताब लागू की गई है। सिलक्यारा, मालपा और केदारनाथ आपदा के बारे में भी छात्रों को बताया जाएगा।''

भारतीय ज्ञान परंपरा की जानकारी दी

वहीं, हल्द्वानी के महिला कॉलेज की नमामि गंगे इकाई ने राज्य स्वच्छ गंगा मिशन के तहत श्री सीता राम गोपाल गौधाम समिति प्रांगण में भारतीय ज्ञान परंपरा, योग, गौ-महत्ता और स्वरोजगार पर आधारित शिविर आयोजित किया। योगाचार्य ज्योति चुफाल, वेदाचार्य केबी पाठक ने वेदों में गौ माता के महत्व को रेखांकित किया। नोडल अधिकारी डॉ. रितुराज पंत आदि मौजूद रहे।

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